ग्वालियर। आज से शुरू होने वाली नर्सिंग परीक्षा पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. इसके बाद परीक्षा में शामिल होने आए नर्सिंग छात्राओं ने एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों का कहना है कि लगातार 3 साल से उनकी परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं. इसके चलते उनका भविष्य पूरी तरह चौपट हो रहा है. उन्होंने मांग की है कि उन्हें जनरल प्रमोशन दिया जाए. साथ ही चेतावनी दी कि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. गौरतलब है कि आज से प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाएं शुरू होने वाली थी. इस परीक्षा में नर्सिंग कॉलेजों के कई हजार छात्र शामिल होने वाले थे. लेकिन परीक्षा के ठीक एक दिन पहले हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बीएससी नर्सिंग कोर्स की परीक्षाओं पर रोक लगा दी.
ये है मामलाः बताया जा रहा है कि कुछ कॉलेजों ने सत्र 2019-20 और 2021-22 के लिए जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी से इसी साल जनवरी में मान्यता हासिल की थी. विश्वविद्यालय अधिनियम में प्रावधान है कि पुराने सत्र के लिए मान्यता 3-4 साल बाद नहीं दी जा सकती है. इसके बावजूद इन कॉलेजों के संचालकों ने मेडिकल यूनिवर्सिटी से सांठगांठ कर मान्यता प्राप्त कर ली थी. इसके बाद एक जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इन परीक्षाओ पर रोक लगा दी.
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शिवराज सिंह चौहान के नाम सौंपा ज्ञापनः हाईकोर्ट की रोक के बाद मंगलवार को नर्सिंग कॉलेज के छात्र कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने कलेक्टर को सीएम शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा है. छात्रों कहना है कि समय सारणी के अनुसार होने वाली परीक्षा निरस्त कर दी गई है और ऐसा विश्वविद्यालय द्वारा तीसरी बार किया गया है. विश्वविद्यालय में एक कार्य परिषद सदस्य सुनील राठौर के द्वारा वहां पर मीटिंग में मनमानी की जाती है और कुलपति कोई छात्रों के हित में निर्णय नहीं ले पाते हैं. इसलिए इन दोनों लोगों को विश्वविद्यालय से हटाया जाए. साथ में छात्रों की मांग है कि छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया जाए, उनकी सेकंडरी की परीक्षाएं कराई जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो सभी नर्सिंग छात्र, संगठन प्रदेशभर में आंदोलन और धरना प्रदर्शन करेंगे.