ग्वालियर। Madhya Pradesh Nurses Association ने एक बार फिर अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार से संवेदनशीलता से विचार करने का आग्रह किया है. ग्वालियर में रविवार को नर्सेज एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार ने कहा कि उनका संगठन अपनी लंबित मांगों को लेकर कई चरणों में हड़ताल कर चुका है, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन के अलावा कोई ठोस कार्रवाई सरकार की ओर से की जाती दिखाई नहीं दे रही है. इसलिए मजबूरन उन्हें अब अपना काम बंद करके सड़कों पर उतरना पड़ेगा. इसके लिए उन्होंने अपने स्वास्थ्य विभाग समाज सेवी संगठन और समाचार माध्यमों का भी सहयोग चाहा है.
- नर्सों को नहीं मिला कोरोना योद्धा का सम्मान
एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने corona transition period में तमाम जोखिम उठाते हुए मरीजों की सेवा की है. इस दौरान उन्होंने अपने परिवार वालों की भी चिंता नहीं की. लेकिन जब क्रेडिट लेने की बात आई, तो नर्सेज को पीछे कर दिया गया. उन्हें कोरोना योद्धा का सम्मान भी नहीं दिया गया है, उल्टे उनके आंदोलन को दबाने के लिए कोर्ट का सहारा लिया जा रहा है. नर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि उन्हें सेकंड ग्रेड का उच्च स्तरीय वेतनमान दिया जाए. जो अन्य राज्यों में लागू है, इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना को शुरू किया जाए.
धैर्य के साथ काम करें नर्सें, जल्द होगा मांगों का निराकरणः प्रभुराम चौधरी
- ये है नर्स एशोसिएशन की मांग
नर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि कोरोना काल में शहीद हुईं नर्सों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ ही 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा पदक से सम्मानित किया जाए. कोरोना काल में शासन ने घोषणा की थी कि कोविड-19 में नर्सों को सम्मानित करते हुए उन्हें दो अग्रिम दो वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा. लेकिन यह भी नहीं किया गया. 2018 के भर्ती नियमों में संशोधन की मांग भी नर्सेज एसोसिएशन ने की है. कोरोना काल में जिन नर्स को अस्थाई रूप से भर्ती किया गया था, उन्हें भी नियमित करने की मांग नर्सेज एसोसिएशन ने की है. नर्सेज एसोसिएशन ने समान कार्य के लिए समान वेतन और वर्षों से लंबित पदोन्नति सूची को दोबारा शुरू करने की मांग की है. नर्सेज एसोसिएशन का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वे आंदोलन की राह पकड़ेंगी और ना चाहते हुए भी मरीजों को परेशान होना पड़ेगा.