ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में अचानक परीक्षा निरस्त होने पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने कुलपति मुर्दाबाद के नारे लगाए. करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा करने के बाद आखिरकार विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस को सूचना देनी पड़ी, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने छात्रों को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र कुलपति से बात किए बिना वहां से जाने के मूड में नहीं थे. बात ज्यादा बढ़ी तो पुलिस ने फिर उन्हें जबरन उठाकर वाहन में बैठा दिया और थाने ले गई.
अचानक प्रायोगिक परीक्षा हुई निरस्त
आंदोलन करने वाले एनएसयूआई के छात्रों का कहना है कि 11 बजे अचानक प्रायोगिक परीक्षा निरस्त किए जाने का नोटिस लगा दिया गया था, जबकि छात्र ग्वालियर चंबल संभाग के अलावा इंदौर और उज्जैन से भी यहां अपनी प्रायोगिक परीक्षा देने आए हुए थे. यह परीक्षाएं स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की थी. पूछने पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बताया गया कि राज्य शासन के आदेश के चलते प्रायोगिक परीक्षा निरस्त की गई है. इस पर छात्र शासन का आदेश दिखाने पर अड़ गए.
छात्र धरना प्रदर्शन खत्म करने को नहीं थे तैयार
उन्होंने विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों और कर्मचारियों को समझाइश दी, इसके बावजूद एनएसयूआई छात्र अपने धरना प्रदर्शन को खत्म नहीं कर रहे थे. लिहाजा थाना प्रभारी विश्वविद्यालय ने पुलिस बल की मौजूदगी में करीब 12 छात्रों को जबरन विश्वविद्यालय से उठा लिया और उन्हें विश्वविद्यालय थाने ले जाकर बंद कर दिया. विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि छात्र आए दिन विश्वविद्यालय की गरिमा के विपरीत जाकर इस तरह की हरकत कर रहे हैं.