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ग्वालियर: ग्रामीण इलाकों में है अग्निशमन सेवाओं का अभाव, फायर फाइटर्स की कमी से भी जूझ रहा है विभाग

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Published : May 9, 2019, 9:25 PM IST

ग्वालियर के ग्रामीण इलाकों में फायर स्टेशनों के न खुलने से इलाकों में होने वाली आगजनी की घटनाओं में लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है. फायर बिग्रेड अधिकारी ने बताया इसके लिए हमने विभाग को पत्र लिख दिया है ताकि इन इलाकों में भी जल्द फायर स्टेशन खुल सके.

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ग्वालियर। गर्मी बढ़ने की वजह से शहर में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी हैं, इसके बावजूद जिले में फायर स्टेशनों की हालत खस्ता बनी हुई है. पिछले साल आगजनी की कुल 1158 घटनाएं सामने आई थी. जिसमें लगभग 35 करोड़ 33 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ था. इसके बाद भी प्रशासन गहरी नींद में सो रह है.

ग्वालियर के क्षेत्रों में फायर स्टेशन नहीं

फायर बिग्रेड अधिकारी देवेंद्र कुमार ने बताया कि ग्वालियर शहर के अंदर पांच फायर स्टेशन हैं. जिसमें मुख्यालय हैड ऑफिस रुपसिंह स्टेडियम है. इसके आलावा महाराज बाड़ा, आनंद नगर दीनदयाल नगर इस तरह पूरे ग्वालियर में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए फायर बिग्रेड तैनात है. फायर बिग्रेड अधिकारी ने बताया कि घाटीगांव, पनिहार, बरई और मोहना इन क्षेत्रों में फायर स्टेशन उपलब्ध नहीं है. इससे लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है ताकि बाकि क्षेत्रों में भी स्टेशन खोले जा सके.

देवेंद्र कुमार ने बताया जिले में पिछले साल आगजनी की घटनाओं में कुल 22 लोगों की मौत हुई थी. जबकि फायर बिग्रेड ने कुल 58 लोगों की जान बचाई थी. ग्वालियर में फायर बिग्रेड विभाग में 41 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 26 पद ही भरे जा सके हैं.

ग्वालियर। गर्मी बढ़ने की वजह से शहर में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी हैं, इसके बावजूद जिले में फायर स्टेशनों की हालत खस्ता बनी हुई है. पिछले साल आगजनी की कुल 1158 घटनाएं सामने आई थी. जिसमें लगभग 35 करोड़ 33 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ था. इसके बाद भी प्रशासन गहरी नींद में सो रह है.

ग्वालियर के क्षेत्रों में फायर स्टेशन नहीं

फायर बिग्रेड अधिकारी देवेंद्र कुमार ने बताया कि ग्वालियर शहर के अंदर पांच फायर स्टेशन हैं. जिसमें मुख्यालय हैड ऑफिस रुपसिंह स्टेडियम है. इसके आलावा महाराज बाड़ा, आनंद नगर दीनदयाल नगर इस तरह पूरे ग्वालियर में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए फायर बिग्रेड तैनात है. फायर बिग्रेड अधिकारी ने बताया कि घाटीगांव, पनिहार, बरई और मोहना इन क्षेत्रों में फायर स्टेशन उपलब्ध नहीं है. इससे लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है ताकि बाकि क्षेत्रों में भी स्टेशन खोले जा सके.

देवेंद्र कुमार ने बताया जिले में पिछले साल आगजनी की घटनाओं में कुल 22 लोगों की मौत हुई थी. जबकि फायर बिग्रेड ने कुल 58 लोगों की जान बचाई थी. ग्वालियर में फायर बिग्रेड विभाग में 41 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 26 पद ही भरे जा सके हैं.

Intro:ग्वालियर - पूरे देश में हर साल आगजनी की घटनाओं से काफी नुकसान देखने को मिलता है और कई लोगों की जान भी जाती है। लेकिन प्रदेश सरकार इसके लिए कोई ठोस कदम आज तक नहीं उठा पाई है। यही कारण है कि जो प्रदेश में फायर स्टेशन है उनकी हालत खस्ता बनी हुई है। ग्वालियर जिले की बात करें तो ग्वालियर जिले में कई इलाके ऐसे हैं जहां हर साल आगे नहीं की घटनाएं होती है लेकिन फिर भी आग बुझाने की कोई ठोस इंतजाम नहीं है । बीते साल की बात करें तो ग्वालियर में 1158 आगजनी की घटनाएं सामने आई थी । लगभग 35 करोड़ 33 लाख 31हजार 500 रुपए का नुकसान हुआ था और 22 लोगों की मौत हुई थी साथ ही 58 लोगों को जीवित बचाया था । और आगजनी की हुई घटना में राहत बचाव में कुल 79 करोड 55 लाख 07 हजार 400 रुपए बचाव हुआ था ।


Body:ग्वालियर शहर में अभी 5 फायर स्टेशन है साथी विधानसभा की बात की जाए तो डबरा भितरवार पिछोर में भी सब स्टेशन बने हुए हैं लेकिन पुराने उपकरण होने के साथ-साथ मेंटेनेंस की कमी के चलते पांच समय पर फायर स्टेशन की गाड़ियां नहीं पहुंच पाती है । जिले की बरई परिहार घाटीगांव और मोहना ऐसी क्षेत्र है जहां हर साल आगजनी होती है। और लाखों रुपए का नुकसान होता है लेकिन यहां फायर स्टेशन का निर्माण अभी तक नहीं बना हुआ है । बीते साल में कर बात करें आगजनी के चलते 2 सबसे बड़ी घटनाएं हुई थी जिसमें 25 दिसंबर को एक कोल्ड स्टोरेज में आग लगाई थी जिसको बड़ी मशक्कत के बाद फायर बिग्रेड किये 400 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया था । जिसमें आग लगने के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था दूसरी घटना की अगर बात करें तो 21मई को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर एपी एक्सप्रेस के एसी कोच डिपो में आग लग गई थी इसको बड़ी मशक्कत के बाद फायर बिग्रेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया था । इस घटना में भी करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था ।


Conclusion:ग्वालियर जिले में फायर बिग्रेड विभाग में 41 पद स्वीकृत है लेकिन वर्तमान में 26 पद भरे हुए हैं और 22 पद अभी भी खाली पड़े हुए हैं । इसको लेकर अधिकारियों का कहना है लगातार हम हर साल इन खाली पदों को भरने के लिए शासन को पत्राचार करते रहते हैं लेकिन अभी तक इस पर शासन की तरफ से जानकारी नहीं दी गई है ।


बाईट - देवेंद्र कुमार , फायर बिग्रेड अधिकारी

नोट - इस स्टोरी के अधिक विसुअल GWALIOR FIRE STATION 09 MAY के नाम से FTP पर भेज है।
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