ग्वालियर। शहर में विकास प्राधिकरण और विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) को विलय करने की तैयारी की जा रही है. दोनों को मिलाकर नया प्राधिकरण बनाया जाएगा. सरकार ने इसके लिए स्थानीय अधिकारियों से नगर निगम सीमा क्षेत्र और साडा की भौगोलिक स्थिति, उपलब्ध सुविधाओं और प्रस्तावित योजना की जानकारी के साथ रिपोर्ट तलब की है. हालांकि, विलय का प्रस्ताव 2 साल पहले लाया गया था. इस पर नगरीय एवं आवास विकास विभाग ने प्रस्ताव और रिपोर्ट तैयार करने का आदेश जारी किया है.
दोनों प्राधिकरणों के विलय के बाद एनसीआर के बड़े प्रोजेक्ट को शहर में लाना आसान होगा, ग्वालियर-चंबल से पानी लाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बोर्ड से लोन लेने के लिए 2 साल पहले ग्वालियर को एनसीआर में शामिल किया गया था.
साडा का गठन 1992 में हुआ था. साडा ने ग्वालियर में तिघरा से पुरानी छावनी तक 30 हजार हेक्टेयर में आवासीय व्यवसायिक क्षेत्र विकसित करने का काम शुरू किया था, जिसमें 5 हजार से ज्यादा प्लाट और डुप्लेक्स बनाए गए थे, लेकिन यहां कोई नहीं बसा. इस पर कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि साडा और जीडीए का विलय किया जायेगा, जिससे स्टाफिंग बेहतर हो जाएगी.