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GDA-SADA को मिलाकर बनेगा नया प्राधिकरण, विकास योजनाओं को मिलेगी गति - नगरीय एवं आवास विकास विभाग

ग्वालियर शहर में जीडीए और साडा को मिलाकर नया प्राधिकरण बनेगा, जिससे विकास कार्यों को गति मिलेगी.

New authority will be formed by joining GDA and Sada
जीडीए और साडा को मिलाकर बनेगा नया प्राधिकरण
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Published : Feb 8, 2020, 2:05 PM IST

ग्वालियर। शहर में विकास प्राधिकरण और विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) को विलय करने की तैयारी की जा रही है. दोनों को मिलाकर नया प्राधिकरण बनाया जाएगा. सरकार ने इसके लिए स्थानीय अधिकारियों से नगर निगम सीमा क्षेत्र और साडा की भौगोलिक स्थिति, उपलब्ध सुविधाओं और प्रस्तावित योजना की जानकारी के साथ रिपोर्ट तलब की है. हालांकि, विलय का प्रस्ताव 2 साल पहले लाया गया था. इस पर नगरीय एवं आवास विकास विभाग ने प्रस्ताव और रिपोर्ट तैयार करने का आदेश जारी किया है.

जीडीए और साडा को मिलाकर बनेगा नया प्राधिकरण

दोनों प्राधिकरणों के विलय के बाद एनसीआर के बड़े प्रोजेक्ट को शहर में लाना आसान होगा, ग्वालियर-चंबल से पानी लाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बोर्ड से लोन लेने के लिए 2 साल पहले ग्वालियर को एनसीआर में शामिल किया गया था.

साडा का गठन 1992 में हुआ था. साडा ने ग्वालियर में तिघरा से पुरानी छावनी तक 30 हजार हेक्टेयर में आवासीय व्यवसायिक क्षेत्र विकसित करने का काम शुरू किया था, जिसमें 5 हजार से ज्यादा प्लाट और डुप्लेक्स बनाए गए थे, लेकिन यहां कोई नहीं बसा. इस पर कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि साडा और जीडीए का विलय किया जायेगा, जिससे स्टाफिंग बेहतर हो जाएगी.

ग्वालियर। शहर में विकास प्राधिकरण और विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) को विलय करने की तैयारी की जा रही है. दोनों को मिलाकर नया प्राधिकरण बनाया जाएगा. सरकार ने इसके लिए स्थानीय अधिकारियों से नगर निगम सीमा क्षेत्र और साडा की भौगोलिक स्थिति, उपलब्ध सुविधाओं और प्रस्तावित योजना की जानकारी के साथ रिपोर्ट तलब की है. हालांकि, विलय का प्रस्ताव 2 साल पहले लाया गया था. इस पर नगरीय एवं आवास विकास विभाग ने प्रस्ताव और रिपोर्ट तैयार करने का आदेश जारी किया है.

जीडीए और साडा को मिलाकर बनेगा नया प्राधिकरण

दोनों प्राधिकरणों के विलय के बाद एनसीआर के बड़े प्रोजेक्ट को शहर में लाना आसान होगा, ग्वालियर-चंबल से पानी लाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बोर्ड से लोन लेने के लिए 2 साल पहले ग्वालियर को एनसीआर में शामिल किया गया था.

साडा का गठन 1992 में हुआ था. साडा ने ग्वालियर में तिघरा से पुरानी छावनी तक 30 हजार हेक्टेयर में आवासीय व्यवसायिक क्षेत्र विकसित करने का काम शुरू किया था, जिसमें 5 हजार से ज्यादा प्लाट और डुप्लेक्स बनाए गए थे, लेकिन यहां कोई नहीं बसा. इस पर कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि साडा और जीडीए का विलय किया जायेगा, जिससे स्टाफिंग बेहतर हो जाएगी.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर में विकास की योजनाओं को गति देने और विकास प्राधिकरण एवं काउंटर मैग्नेट सिटी की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अब नया प्राधिकरण बनाया जा रहा है। इसके पीछे सोच है कि जो योजनाएं जीडीए और साडा के गठन के बाद अमल में नहीं आ सकी उन्हें धरातल पर उतरा जाएगा।Body:ग्वालियर विकास प्राधिकरण और विशेष क्षेत्र प्राधिकरण यानी साडा को विलय करने की तैयारियां शुरू हो गई है दोनों को मिलाकर नया प्राधिकरण बनाया जाएगा सरकार ने इसके लिए स्थानीय अधिकारियों से नगर निगम सीमा क्षेत्र और साडा की भौगोलिक स्थिति के साथ उपलब्ध सुविधाओं प्रस्तावित योजना की जानकारी के साथ रिपोर्ट तलब की है। विलय का प्रस्ताव 2 साल पहले लाया गया था इस पर नगरीय एवं आवास विकास विभाग ने प्रस्ताव और रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है।Conclusion:दोनों प्राधिकरणों के विलय के बाद एनसीआर के बड़े प्रोजेक्ट को शहर में लाना आसान होगा चंबल से पानी लाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बोर्ड से लोन लेने के लिए 2 साल पहले ग्वालियर को एनसीआर में शामिल किया गया था साडा का गठन 1992 में किया गया था ग्वालियर में तिघरा से पुरानी छावनी तक 30000 हेक्टेयर में आवासीय व्यवसायिक क्षेत्र विकसित करने का काम शुरू हुआ सारा न तिगरा में 5000 से ज्यादा प्लाट और डुप्लेक्स बनाया लेकिन वहां बस नहीं हो सकी है।
बाईट- अनुराग चौधरी.... कलेक्टर ग्वालियर
(महेश शिवहरे स्ट्रींगर ग्वालियर)
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