ग्वालियर। ग्वालियर चंबल संभाग का एकमात्र मूक-बधिर बच्चों का शासकीय आवासीय विद्यालय अधिकारियों की लापरवाही के चलते बदहाली का शिकार है. सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा किराए की बिल्डिंग में संचालित स्कूल को अब जर्जर भवन में शिफ्ट कर दिया गया है.
हालांकि अभी बच्चों को इस स्कूल में नहीं बुलाया जा रहा है. पिछले 17 दिनों से बच्चे घर पर ही हैं. यानि अगर वे स्कूल आते हैं, तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है, तो वहीं अगर उन्हें स्कूल में बुलाया नहीं जा रहा, तो उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.
बता दें कि स्कूल को ऐसे बंगले में शिफ्ट किया गया है, जो पूरी तरह से जर्जर है. जर्जर बिल्डिंग के चलते जो स्कूल शुरू होना था, वह अब तक शुरू नहीं हो पाया है. जर्जर बिल्डिंग में सुविधाओं की कमी के चलते बच्चों को विद्यालय नहीं बुलाया जा रहा है. जर्जर बिल्डिंग के सुधार के लिए पीडब्ल्यूडी को एक पत्र लिखा गया था, इसके बावजूद हालात नहीं बदले.
इससे पहले शासकीय मानसिक रूप से अविकसित बालक एवं बालिकाओं का विशेष आवासीय विद्यालय सिटी सेंटर स्थित गोविंदपुरी में एक किराए के मकान में संचालित किया जा रहा था. हाल ही में उसे मुरार स्थित टप्पा तहसील परिसर में किनारे पर बने एक पुराने सरकारी बंगले में शिफ्ट किया गया है, ये एरिया खुला हुआ है.
बंगले की बदहाली देख स्कूल प्रबंधन की एक जुलाई से बच्चों को स्कूल बुलाने की हिम्मत नहीं हो रही है. विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि साफ-सफाई और बिल्डिंग की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है, जल्द ही स्कूल शुरू कर दिया जाएगा. वहीं अधिकारियों ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है.