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मूक बधिर छात्रों को जर्जर भवन में किया गया शिफ्ट, अधिकारियों को है किसी हादसे का इंतजार !

मूकबधिर छात्र के विशेष आवासीय विद्यालय को प्राइवेट बिल्डिंग से एक जर्जर बंगले में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से पिछले कई दिनों से छात्रों को स्कूल नहीं बुलाया गया है.

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Published : Jul 22, 2019, 1:53 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल संभाग का एकमात्र मूक-बधिर बच्चों का शासकीय आवासीय विद्यालय अधिकारियों की लापरवाही के चलते बदहाली का शिकार है. सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा किराए की बिल्डिंग में संचालित स्कूल को अब जर्जर भवन में शिफ्ट कर दिया गया है.


हालांकि अभी बच्चों को इस स्कूल में नहीं बुलाया जा रहा है. पिछले 17 दिनों से बच्चे घर पर ही हैं. यानि अगर वे स्कूल आते हैं, तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है, तो वहीं अगर उन्हें स्कूल में बुलाया नहीं जा रहा, तो उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.

मूक बधिर छात्रों को जर्जर भवन में किया गया शिफ्ट


बता दें कि स्कूल को ऐसे बंगले में शिफ्ट किया गया है, जो पूरी तरह से जर्जर है. जर्जर बिल्डिंग के चलते जो स्कूल शुरू होना था, वह अब तक शुरू नहीं हो पाया है. जर्जर बिल्डिंग में सुविधाओं की कमी के चलते बच्चों को विद्यालय नहीं बुलाया जा रहा है. जर्जर बिल्डिंग के सुधार के लिए पीडब्ल्यूडी को एक पत्र लिखा गया था, इसके बावजूद हालात नहीं बदले.

इससे पहले शासकीय मानसिक रूप से अविकसित बालक एवं बालिकाओं का विशेष आवासीय विद्यालय सिटी सेंटर स्थित गोविंदपुरी में एक किराए के मकान में संचालित किया जा रहा था. हाल ही में उसे मुरार स्थित टप्पा तहसील परिसर में किनारे पर बने एक पुराने सरकारी बंगले में शिफ्ट किया गया है, ये एरिया खुला हुआ है.

बंगले की बदहाली देख स्कूल प्रबंधन की एक जुलाई से बच्चों को स्कूल बुलाने की हिम्मत नहीं हो रही है. विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि साफ-सफाई और बिल्डिंग की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है, जल्द ही स्कूल शुरू कर दिया जाएगा. वहीं अधिकारियों ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है.

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल संभाग का एकमात्र मूक-बधिर बच्चों का शासकीय आवासीय विद्यालय अधिकारियों की लापरवाही के चलते बदहाली का शिकार है. सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा किराए की बिल्डिंग में संचालित स्कूल को अब जर्जर भवन में शिफ्ट कर दिया गया है.


हालांकि अभी बच्चों को इस स्कूल में नहीं बुलाया जा रहा है. पिछले 17 दिनों से बच्चे घर पर ही हैं. यानि अगर वे स्कूल आते हैं, तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है, तो वहीं अगर उन्हें स्कूल में बुलाया नहीं जा रहा, तो उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.

मूक बधिर छात्रों को जर्जर भवन में किया गया शिफ्ट


बता दें कि स्कूल को ऐसे बंगले में शिफ्ट किया गया है, जो पूरी तरह से जर्जर है. जर्जर बिल्डिंग के चलते जो स्कूल शुरू होना था, वह अब तक शुरू नहीं हो पाया है. जर्जर बिल्डिंग में सुविधाओं की कमी के चलते बच्चों को विद्यालय नहीं बुलाया जा रहा है. जर्जर बिल्डिंग के सुधार के लिए पीडब्ल्यूडी को एक पत्र लिखा गया था, इसके बावजूद हालात नहीं बदले.

इससे पहले शासकीय मानसिक रूप से अविकसित बालक एवं बालिकाओं का विशेष आवासीय विद्यालय सिटी सेंटर स्थित गोविंदपुरी में एक किराए के मकान में संचालित किया जा रहा था. हाल ही में उसे मुरार स्थित टप्पा तहसील परिसर में किनारे पर बने एक पुराने सरकारी बंगले में शिफ्ट किया गया है, ये एरिया खुला हुआ है.

बंगले की बदहाली देख स्कूल प्रबंधन की एक जुलाई से बच्चों को स्कूल बुलाने की हिम्मत नहीं हो रही है. विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि साफ-सफाई और बिल्डिंग की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है, जल्द ही स्कूल शुरू कर दिया जाएगा. वहीं अधिकारियों ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है.

Intro:ग्वालियर चंबल संभाग का एकमात्र मंदबुद्धि बच्चों का आवासीय स्कूल अधिकारियों की लापरवाही की वजह से बदहाली का शिकार है। अधिकारियों ने इस स्कूल में पढ़ने वाली मूक-बधिर बच्चों का भविष्य 17 दिन से होल्ड पर डाल दिया है। इतना ही नहीं इस आवासीय स्कूल को खबर जैसे बंगले में शिफ्ट कर दिया है। इस जर्जर बिल्डिंग के चलते जो स्कूल शुरू होना था वह अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। बता दें इस गवार जैसी बंगले की हालत देख करें 1 जुलाई 2019 से जो स्कूल शुरू होना था वह अब तक शुरू नहीं हो पाया है बच्चों को घरों से बुलाया नहीं जा रहा है कई दिन से स्पेशल आवासीय स्कूल ठप है और टीचर वार्डन वहीं बैठे रहते हैं।


Body:पीडब्ल्यूडी को सुधार कार्य के लिए पत्र तो लिख दिए हैं लेकिन इस सरकारी कवायद में बच्चों के भविष्य की किसी को फिक्र नहीं है। दरअसल सिटी सेंटर स्थित गोविंदपुरी में किराए की बिल्डिंग में शासकीय मानसिक रूप से विकसित बालक और बालिका का विशेष आवासीय स्कूल संचालित हो रहा था अभी हाल में ही उसी मुरार स्थित टप्पा तहसील परिसर में किनारे पर बनी एक पुरानी खबर नमा बंगले में शिफ्ट कर दिया है यह एरिया वाय सी जगह ठीक है और बाहर भी खुला एरिया है लेकिन बंगली की हालत ऐसी है कि बाहर से यह बंगला भूत बंगला जैसा लगता है। इतनी बदहाली देख स्कूल प्रबंधन की एक जुलाई से बच्चों को स्कूल बनाने की हिम्मत नहीं हो रही है। स्कूल प्रबंधन का कहना है की साफ सफाई और बिल्डिंग की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है जल्द ही यह काम होने के बाद स्कूल शुरू कर दिया जाएगा। तो वहीं अधिकारियों ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है।


Conclusion:बाईट - राजपाल , स्कूल व्यवस्थापक

बाईट - संदीप केटकेटा , एडीएम
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