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लाचार किसान! बारिश से फसल हुई बर्बाद, अब नहीं मिल रहा खाद - ग्वालियर किसान

बारिश होने के बाद किसानों की फसल बर्बाद हो गई है और अब उन किसानों को दोबारा खाद (Fertilizer crisis in gwalior) नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में किसानों को वापस लौटाया जा रहा है. यही वजह है कि किसान बुरी तरह परेशान हैं.

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Published : Oct 28, 2021, 4:16 PM IST

ग्वालियर। किसानों के लिए खाद की किल्लत ग्वालियर चंबल अंचल में कम होने का नाम नहीं ले रही है. खाद (Fertilizer in gwalior) न मिलने से किसान पूरी तरह हताश हो गए हैं. इसी बीच एक और बड़ी मुसीबत किसानों के बीच आ गई है. बारिश होने के बाद किसानों की फसल बर्बाद हो गई है और अब उन किसानों को दोबारा खाद (Fertilizer crisis in gwalior) नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में किसानों को वापस लौटाया जा रहा है. यही वजह है कि किसान बुरी तरह परेशान हैं.

खाद न मिलने से किसान परेशान.

बारिश से खेतों में ही सड़ा सरसों का बीज
दरअसल, भारी बारिश के कारण किसानों की हजारों हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. इसमें आधे से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिन्होंने सरसों की बुवाई कर दी थी, लेकिन खेतों में पानी भरने से फसल नष्ट हो गई. अब किसानों को दोबारा से मेहनत करनी पड़ रही है. वहीं जब खाद के लिए सोसायटी केंद्र (IFFCO Fertilizer Center Gwalior) पर पहुंच रहे हैं, तो वहां उन्हें खाद नहीं मिल रहा है. बारिश से पहले जिस खसरे की किताब पर खाद मिला था, अब उस किताब पर खाद नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान सोसाइटी केंद्रों के लगातार चक्कर काट रहे हैं.

खाद न मिलने से बुवाई नहीं कर पा रहे किसान
किसान मोहन सिंह का कहना है कि पहले बाढ़ से फसल खराब हुई और अब बारिश ने तबाह कर दिया. उन्होंने बताया कि कर्ज लेकर बुवाई की थी, लेकिन फिर से कुदरत के कहर ने नुकसान पहुंचाया. वहीं अब जब दोबारा कर्ज लेकर बुवाई करने की कोशिश कर रहे हैं तो सरकार की तरफ से उन्हें खाद नहीं दी जा रही है. अगर यही हालत रही तो
अंचल के किसान भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे.

1.40 लाख हेक्टेयर सरसों की फसल खराब
गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल अंचल में किसानों पर बारिश आफत बनकर आई थी, जिससे किसानों की धान और सरसों की खड़ी फसल 70 से 80 फीसदी खराब हो गई. ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर सहित अंचल के करीब 1.40 लाख हेक्टेयर में सरसों की फसल खेत में ही सड़ गई. वहीं 2 लाख हेक्टेयर धान की फसल को नुकसान हुआ है. हालांकि राज्य सरकार ने किसानों से सर्वे की बात कही है.

खाद पर 'हाहाकार': टोकन व्यवस्था नहीं आई काम, किसानों का हुआ जीना हराम !

सरकार की तरफ से बहुत सीमित मात्रा में खाद दी जा रही है. इस कारण किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित खाद का वितरण किया जा रहा है, ताकि सभी किसानों के पास खाद पहुंच सके. जिन किसानों की फसल पानी से बर्बाद हो गई है, उन्हें खाद दिया जा रहा है, खाद की आपूर्ति के चलते खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं.

मुकेश भार्गव, इफको सोसायटी केंद्र ,प्रबंधक

ग्वालियर। किसानों के लिए खाद की किल्लत ग्वालियर चंबल अंचल में कम होने का नाम नहीं ले रही है. खाद (Fertilizer in gwalior) न मिलने से किसान पूरी तरह हताश हो गए हैं. इसी बीच एक और बड़ी मुसीबत किसानों के बीच आ गई है. बारिश होने के बाद किसानों की फसल बर्बाद हो गई है और अब उन किसानों को दोबारा खाद (Fertilizer crisis in gwalior) नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में किसानों को वापस लौटाया जा रहा है. यही वजह है कि किसान बुरी तरह परेशान हैं.

खाद न मिलने से किसान परेशान.

बारिश से खेतों में ही सड़ा सरसों का बीज
दरअसल, भारी बारिश के कारण किसानों की हजारों हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. इसमें आधे से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिन्होंने सरसों की बुवाई कर दी थी, लेकिन खेतों में पानी भरने से फसल नष्ट हो गई. अब किसानों को दोबारा से मेहनत करनी पड़ रही है. वहीं जब खाद के लिए सोसायटी केंद्र (IFFCO Fertilizer Center Gwalior) पर पहुंच रहे हैं, तो वहां उन्हें खाद नहीं मिल रहा है. बारिश से पहले जिस खसरे की किताब पर खाद मिला था, अब उस किताब पर खाद नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान सोसाइटी केंद्रों के लगातार चक्कर काट रहे हैं.

खाद न मिलने से बुवाई नहीं कर पा रहे किसान
किसान मोहन सिंह का कहना है कि पहले बाढ़ से फसल खराब हुई और अब बारिश ने तबाह कर दिया. उन्होंने बताया कि कर्ज लेकर बुवाई की थी, लेकिन फिर से कुदरत के कहर ने नुकसान पहुंचाया. वहीं अब जब दोबारा कर्ज लेकर बुवाई करने की कोशिश कर रहे हैं तो सरकार की तरफ से उन्हें खाद नहीं दी जा रही है. अगर यही हालत रही तो
अंचल के किसान भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे.

1.40 लाख हेक्टेयर सरसों की फसल खराब
गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल अंचल में किसानों पर बारिश आफत बनकर आई थी, जिससे किसानों की धान और सरसों की खड़ी फसल 70 से 80 फीसदी खराब हो गई. ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर सहित अंचल के करीब 1.40 लाख हेक्टेयर में सरसों की फसल खेत में ही सड़ गई. वहीं 2 लाख हेक्टेयर धान की फसल को नुकसान हुआ है. हालांकि राज्य सरकार ने किसानों से सर्वे की बात कही है.

खाद पर 'हाहाकार': टोकन व्यवस्था नहीं आई काम, किसानों का हुआ जीना हराम !

सरकार की तरफ से बहुत सीमित मात्रा में खाद दी जा रही है. इस कारण किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित खाद का वितरण किया जा रहा है, ताकि सभी किसानों के पास खाद पहुंच सके. जिन किसानों की फसल पानी से बर्बाद हो गई है, उन्हें खाद दिया जा रहा है, खाद की आपूर्ति के चलते खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं.

मुकेश भार्गव, इफको सोसायटी केंद्र ,प्रबंधक

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