ग्वालियर। ट्रिपल तलाक बिल के राज्यसभा से पारित होने पर मुस्लिम महिलाओं ने राहत की सांस ली है. इसके लिए मुस्लिम महिलाओं ने केंद्र की मोदी सरकार को धन्यवाद भी दिया है. मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि अब कानून बन जाने की स्थिति में वे पुरुषों के मनमानी का शिकार नहीं होंगी और उनके सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त होगा.
ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है. राज्यसभा से भी पास होने के बाद इसे महिलाओं के मुस्लिम के सशक्तीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन बार तलाक कहने के बाद पति उनको छोड़ दिया करते थे. ना तो उन्हें मेहर दी जाती थी, ना ही कोई मुआवजा, यहां तक कि उनके मासूम बच्चों को भी पति अपने पास जबरन रख लिया करते थे, लेकिन अब मुस्लिम महिलाओं के हाथ में एक सशक्त कानून आ गया है, जिससे वे पुरुषों के द्वारा प्रताड़ित नहीं हो सकेंगी.
ग्वालियर में ईटीवी भारत ने कुछ मुस्लिम महिलाओं से बातचीत की, जहां सभी ने इस बिल की तारीफ की और सरकार को इसके लिए धन्यवाद दिया. महिलाओं का कहना है कि उनके समाज की गरीब महिलाओं को सबसे ज्यादा ट्रिपल तलाक के बाद नरकीय जीवन जीना पड़ता था, जिसके कारण उनका ना तो ससुराल में कोई वजूद रहता है और ना ही मायके में. ट्रिपल तलाक कानूनन अपराध होने से पुरुष कई बार सोचेंगे और अकारण अपनी पत्नी को परेशान नहीं करेंगे.