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व्यापमं मामले में CBI की विशेष न्यायालय ने 5 आरोपियों को सुनाई सजा, हुई चार-चार साल की जेल

MP Vyapam Scam: ग्वालियर में व्यापमं मामले में CBI की विशेष न्यायालय ने पांच आरोपियों को सुनाई करते हुए चार-चार साल की सजा सुनाई है.

MP Vyapam Scam
एमपी व्यापमं घोटाला
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 12:44 PM IST

Gwalior Court News: मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई की विशेष न्यायालय ने पांच आरोपियों को सजा सुनाई है, विशेष न्यायाधीश अजय सिंह ने आरोपी सुनील कुमार, दधिबल और विजय को दोषी मानते हुए सभी को चार-चार साल की सजा सुनाई है. लोक अभियोजक सीबीआई चंद्रपाल ने बताया है कि साल 2012 में मुरैना में आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, इसमें मुरैना का रहने वाला दधीबल के स्थान पर धौलपुर का रहने वाला सुनील कुमार को परीक्षा देते हुए पकड़ा था. बाद में खुलासा हुआ कि मुन्ना भाई दधीबल ने अपने स्थान पर सॉल्वर को परीक्षा दिलाने के संबंध में सबसे पहले करतार सिंह निवासी आगरा से संपर्क किया.

करतार सिंह ने दधीबल को फिरोजाबाद निवासी विजय तामरे से मिलवाया, फिर विजय ने परीक्षा में भाग लेने के लिए सॉल्वर सुनील कुमार का प्रबंध किया. परीक्षा वाले दिन सुनील कुमार को विजय के स्थान से पैसे भी दिलाये गये. पूरी घटना की पुष्टि दलाल करतार सिंह ने की जिसे पुलिस ने सरकारी गवाह बनाया, इसी के आधार पर न्यायालय ने धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दूसरी ठहराते हुए सजा दी है.

आरोपियों पर सजा के साथ लगाया गया जुर्माना: व्यापम कांड के एक और मामले में ग्वालियर की विशेष सीबीआई अदालत ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2013 परीक्षा से जुड़े अभ्यर्थी सतेंद्र सिंह यादव और नकलची जितेंद्र कुमार को चार-चार साल सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपियों पर 14,100 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है, इस परीक्षा को व्यापमं ने आयोजित कराया था. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में 18 अगस्त 2015 को तत्काल मामला दर्ज किया था.

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बताया जा रहा है कि 15 सितंबर 2013 को व्यापमं की एमपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2013 (द्वितीय) में गलत पहचान के आरोप में मधुराज सिंह के खिलाफ 11 फरवरी 2014 को पुलिस स्टेशन कम्पू ग्वालियर में दर्ज मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली थी. यह भी आरोप लगाया गया कि उम्मीदवार मधुराज सिंह 1 फरवरी 2014 को 14वीं बटालियन, एसएएफ ग्राउंड ग्वालियर में आयोजित एमपी पीसीआरटी-2013 (द्वितीय) की शारीरिक दक्षता परीक्षा में उपस्थित थे, लेकिन फोटो मिलान नहीं होने के कारण अधिकारियों ने उसे रोक दिया. जांच के बाद राज्य पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.

Gwalior Court News: मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई की विशेष न्यायालय ने पांच आरोपियों को सजा सुनाई है, विशेष न्यायाधीश अजय सिंह ने आरोपी सुनील कुमार, दधिबल और विजय को दोषी मानते हुए सभी को चार-चार साल की सजा सुनाई है. लोक अभियोजक सीबीआई चंद्रपाल ने बताया है कि साल 2012 में मुरैना में आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, इसमें मुरैना का रहने वाला दधीबल के स्थान पर धौलपुर का रहने वाला सुनील कुमार को परीक्षा देते हुए पकड़ा था. बाद में खुलासा हुआ कि मुन्ना भाई दधीबल ने अपने स्थान पर सॉल्वर को परीक्षा दिलाने के संबंध में सबसे पहले करतार सिंह निवासी आगरा से संपर्क किया.

करतार सिंह ने दधीबल को फिरोजाबाद निवासी विजय तामरे से मिलवाया, फिर विजय ने परीक्षा में भाग लेने के लिए सॉल्वर सुनील कुमार का प्रबंध किया. परीक्षा वाले दिन सुनील कुमार को विजय के स्थान से पैसे भी दिलाये गये. पूरी घटना की पुष्टि दलाल करतार सिंह ने की जिसे पुलिस ने सरकारी गवाह बनाया, इसी के आधार पर न्यायालय ने धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दूसरी ठहराते हुए सजा दी है.

आरोपियों पर सजा के साथ लगाया गया जुर्माना: व्यापम कांड के एक और मामले में ग्वालियर की विशेष सीबीआई अदालत ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2013 परीक्षा से जुड़े अभ्यर्थी सतेंद्र सिंह यादव और नकलची जितेंद्र कुमार को चार-चार साल सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपियों पर 14,100 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है, इस परीक्षा को व्यापमं ने आयोजित कराया था. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में 18 अगस्त 2015 को तत्काल मामला दर्ज किया था.

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