ग्वालियर। एमपी में 5 फरवरी से शुरू हुई विकास यात्रा अपने आखिरी पड़ाव पर आ गई. इसमें मंत्री और विधायक रोज उदघाट्न और शिलान्यास कर नारियल फोड़ रहे हैं लेकिन इस विकास यात्रा से कांग्रेस नाराज है. बीजेपी के नेता भी इससे खफा हैं खासकर उन विधानसभा क्षेत्रों में रहने वाले दोनो दलों के नेता जहां अभी कांग्रेस के विधायक हैं. कांग्रेस तो इसे विनाश यात्रा बता ही रही है लेकिन बीजेपी के नेता इसलिए दुखी हैं कि जिले भर के विकास कार्यों का पैसा और योजनाओं पर जिले के सिर्फ 2 मंत्रियों ने कब्जा कर लिया है. दोनों मंत्रियों की विधानसभा में ही यह पूरी विकास यात्रा संपन्न हो गई. विधानसभाओं में इस विकास यात्रा का असर नहीं देखने को मिला जहां पर सिर्फ बीजेपी के नेता या कांग्रेस के विधायक है.
मंत्री प्रद्युमन सिंह का दबदबा: विकास यात्रा में सबसे ज्यादा आयोजन ग्वालियर ग्रामीण और ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में देखे गये. इसमे भूमिपूजन के नाम पर नारियल फोड़ने के काम मे ऊर्जा मंत्री और सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न तोमर आगे है क्योंकि ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर की विकास यात्रा में सबसे ज्यादा बड़े नेता शामिल हुए. जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम बड़े नेता हैं. ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह ने अपनी विकास यात्रा में पूरा समय दिया है. साथ ही उनकी विकास यात्रा में 2 दर्जन से अधिक बड़े अलग-अलग विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. उनके क्षेत्र में 155 भूमिपूजन हो चुके हैं जबकि 49 पहले से पूर्ण पड़े कामों का वे लोकार्पण कर चुके हैं. विभिन्न योजनाओं के लाभ के लिए इस दौरान उन्हें 6252 आवेदन मिले जिनमें से 4235 स्वीकृत हो चुके हैं जबकि 1000 से अधिक अभी भी लंबित हैं.
नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थक भी पीछे नहीं: इस मामले में दूसरे नंबर पर हैं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थक और प्रदेश के उद्यानिकी और फूड प्रोसेसिंग मंत्री भारत सिंह कुशवाह है. ये अपने ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे. साथ ही उनकी विकास यात्रा में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी साथ दिया. विकास यात्रा के दौरान खुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान भी यहां आए और उन्होंने एक सभा को संबोधित किया. साथ ही करोड़ो रुपए का लोकार्पण और भूमि पूजन किया. अब तक 75 लोकार्पण करवा चुके हैं और इतने ही भूमिपूजन. इन्हें अब तक काम के लिए 6396 आवेदन मिले जिनमे से 4319 स्वीकृत हो चुके हैं और 1360 लंबित हैं.
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विकास यात्रा की रस्म अदायगी: जिले में जिन क्षेत्रों में कांग्रेस विधायक हैं उनमें विकास यात्रा महज रस्म अदायगी बनकर रह गयी है. यहां कुछ नेता इकट्ठे होकर कुछ गलियों में जन सम्पर्क जैसा करके लौट आते हैं क्योंकि वहां न तो कोई उदघाटन शेड्यूल होता और न लोकार्पण. ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में यहां उप चुनाव कांग्रेस के सतीश सिकरवार ने हारे सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल को यहां विकास अभियान की कमान दे दी है जबकि वे फिलहाल किसी निर्वाचित संवैधानिक पद पर नही हैं. यहां बीजेपी नेताओं ने अपने को अलग सा कर रखा है. विकास कार्य के मामले में इसकी हालत दयनीय है.
यहां न विकास पहुंचा न यात्रा: ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में भी कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक हैं. यह क्षेत्र बीजेपी का गढ़ माना जाता है. बीजेपी और संघ कार्यालय भी इसी इलाके में है. यहां से 4 बार से नारायण सिंह कुशवाह जीतते आ रहे थे और शिवराज सिंह केबिनेट में भी थे लेकिन 2018 में वे महज 181 मतों से कांग्रेस के प्रवीण पाठक से हार गए. अब इस क्षेत्र में बीजेपी में सबसे ज्यादा प्रत्याशी हैं लेकिन विकास यात्रा की कमान किसी को न सौंपे जाने से हालत खराब रही. पूरी विकास यात्रा में यहां महज 5 लोकार्पण हुए 35 भूमिपूजन. यही हाल डबरा विधानसभा का रहा है.
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सिंधिया समर्थकों का दबदबा: शिवराज सरकार की इस पूरी विकास यात्रा में ग्वालियर की अगर बात करें तो सिंधिया समर्थकों का सबसे अधिक दबदबा रहा है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ग्वालियर जिले की डबरा, भितरवार और पूर्व विधानसभा में इस विकास यात्रा की कमान हारे सिंधिया समर्थक नेताओं के पास रही. सिंधिया समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर की विकास यात्रा में सबसे अधिक प्रशासन व्यस्त रहा साथ ही खुद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी यहां आकर करोड़ों रुपए के शिलान्यास किए. इस पूरी विकास यात्रा में बीजेपी के नेता और कार्यकर्ताओं को ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा की सीमित रहना पड़ा क्योंकि ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से विधायक और मंत्री भारत सिंह कुशवाह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थक है.