ग्वालियर। एक ओर ब्राह्मणों और कथावाचकों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषण देने के बाद बीजेपी से निकाले गए ओबीसी नेता और उमा भारती के कट्टर समर्थक प्रीतम लोधी की फिर से पार्टी में वापसी तय हो गई है, तो वहीं दूसरी ओर लोधी लगातार बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलकर पिछड़ों को लामबंद करके पार्टी को मुसीबत में डालने में लगे हैं, इससे पार्टी परेशान है. कांग्रेस इसे बीजेपी के भय का परिचायक बता रही है, तो वहीं बीजेपी बचाव की मुद्रा में हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वह प्रीतम लोधी जिन्होंने बीजेपी के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला था, अब बीजेपी उन्हें पार्टी में दोबारा क्यों ले रही है.
सीएम और सिंधिया ने की प्रीतम से मुलाकात: प्रीतम लोधी में स्वीकार किया कि उनकी सीएम शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात हो चुकी है. उन्होंने बताया कि "मेरी बीजेपी के वरिष्ठ नेतागणों और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मेरी मुलाकात और बातचीत हुई है. उन्होंने मुझसे पार्टी में आने के लिए कहा तो मैंने उन्हें एक ही जवाब दिया है कि प्रीतम अपनी मर्जी का मालिक नहीं है. अगर मुझे लाना है तो पिछोर की जनता से मुझे मांगना होगा, जिसने हर समय मेरा साथ दिया है. पिछोर की जनता तय करेगी उसे मैं स्वीकार करूंगा, अगर वहां की जनता मना करेगी तो मैं पार्टी में वापिस नहीं जाऊंगा."
इसलिए प्रीतम लोधी को वापिस ला रही भाजपा: सबसे बड़ी बात यह है कि बीजेपी और ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी करने वाले प्रीतम लोधी को पार्टी द्वारा वापस क्यों ले रही है. आइए हम आपको बताते हैं कि इसके पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण हैं. पहला कारण यह बताया जा रहा है कि ग्वालियर चंबल-अंचल में बीजेपी की हालत भी खराब है और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ओबीसी, एसटी, एससी वर्ग लगातार सरकार के विरोध में काम कर रहे हैं और प्रीतम लोधी के पास ओबीसी वर्ग का वोट बैंक है. इसके अलावा प्रीतम लोधी पर ओबीसी वोट बैंक होने के कारण ग्वालियर चंबल-अंचल की 3 से 4 विधानसभा पर असल दावेदार डालेगा. यही कारण है कि अंचल के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को इसका डर सता रहा है कि आगामी विधानसभा और लोकसभा में कहीं ना कहीं ओबीसी वोट बैंक उनके पार्टी से खिसक जाएगा. बस यही कारण है कि सरकार और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रणनीति तैयार कर प्रीतम लोधी को दोबारा से पार्टी में शामिल करने का फैसला लिया है.
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प्रीतम की घर वापसी पर ब्राह्मण वर्ग का रिएक्शन: आगामी 3 मार्च को शिवपुरी के पिछोर में बीजेपी एक बड़ी सभा करने जा रही है, इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने का कार्यक्रम है. पर्दे के पीछे इस रैली की तैयारी लोधी समर्थक ही कर रहे हैं, इस पर कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि "आगामी चुनावों में बीजेपी की संभावित हार ने उसे इस कदर डरा दिया है कि उसके नेता अपनी और पार्टी के मान सम्मान की चिंता भूलकर इन्हें गरियाने वाले को भी गले लगाने को तैयार हो रही है. प्रीतम लोधी का निष्काषन यदि ब्राह्मणों को खुश करने के लिए किया गया था, तो क्या उनकी वापिसी के बाद ब्राह्मण चुप बैठेंगे. प्रीतम की वापसीसे बीजेपी के अनुशासन और कैडर के दम्भ की भी पोल खुल गई है."
इसलिए लिखी गई पटकथा: उधर बीजेपी इस मामले में बचाव की मुद्रा में है, क्योंकि निष्काषन के बाद से लोधी के खिलाफ पूरी बीजेपी आक्रामक थी. एक तरफ लोधी जगह-जगह ओबीसी की रैलियां करके कानून तोड़ रहे थे, वहीं अनेक थानों में उनके खिलाफ एफआईआर भी की गई है, लेकिन उनके कार्यक्रमों में बढ़ती भीड़ से भयभीत बीजेपी के नेता उनकी वापसी में जुट गई है. उमा भारती भी इसका दबाव बना रही थी, इसके चलते इसकी पटकथा लिखी गई.