ग्वालियर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह ने कहा "अगर विश्व में घोटालेबाजों की प्रतियोगिता आयोजित हो तो शिवराज सिंह चौहान गोल्ड मेडल ले आएंगे. ऐसी कौन सी परीक्षा हुई हैं, जिनमें घोटाले नहीं हुए. एग्रीकल्चर परीक्षा घोटाला, नर्सिंग परीक्षा घोटाला, ई-टेंडर घोटाला जैसे अनेक कांड हैं. सीएम शिवराज सिंह घोटाले रोकने में नाकाम हैं तो इस्तीफा दें. मैं 18 वर्ष से देख रहा हूं शिवराज सिंह चौहान लगातार घोटाले में फंसते हैं. लेकिन जनता के सामने सच्चाई नहीं आने देना चाहते हैं."
विधासनभा में आवाज दबाई : गोविंद सिंह ने कहा "जब भी विधानसभा में घोटाले के मुद्दे उठे तो सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सत्र नहीं चलने दिया. बीजेपी सरकार हिटलर के पदचिह्नों पर चल रही है. प्रजातंत्र पर बीजेपी का विश्वास नहीं है. प्रजातंत्र का गला काटने का काम सरकार कर रही है." इसके साथ ही डॉ. गोविंद सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा. गोविंद सिंह ने सिंधिया के उन आरोपों पर पलटवार किया, जिनमें सिंधिया ने कांग्रेस सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और चोरी के आरोप लगाए. गोविंद सिंह बोले अगर कांग्रेस की 15 महीने की सरकार में चोरी हुई है तो चोरी का हिस्सा सिंधिया के पास भी गया होगा. सिंधिया सरकार के प्रमुख नेता थे, अगर चोरी हुई है तो उसमें सिंधिया का शामिल होना सौ प्रतिशत सही है.
कांग्रेस ही ओबीसी की हितैषी : नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ही ओबीसी हितैषी है. कांग्रेस ने ही मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया. ओबीसी को आरक्षण देने का काम कांग्रेस ने किया. पिछड़े वर्ग को कांग्रेस सरकार ने 27 परसेंट आरक्षण देने का काम किया. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी 21 जुलाई को ग्वालियर संभाग में बीजेपी सरकार में कील ठोकने का काम करने आ रही हैं. ग्वालियर की जनता के साथ यहां के नेताओं ने पीठ में छुरा मारा. प्रदेश की सरकार गिराई. उनको सबक सिखाने जनता गोलबंद हो गई है.
अरुण यादव भी आक्रामक मुद्रा में : पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाले का आरोप लगाकर कांग्रेस नेता अरुण यादव ने फिर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. अरुण यादव ने सरकार से सवाल किया है कि पटवारी परीक्षा को लेकर जब पहले ही शिकायत की जा चुकी है तो उसमें आखिर क्या कार्रवाई अभी तक हुई. सरकार पहले इसका जवाब दें. अरुण यादव ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से पूछा है कि आखिर सरकार किसको बचाने का प्रयास कर रही है. परीक्षा लेने वाली ब्लैक लिस्टेड कंपनी और सरकार के बीच आखिर कौन सा एमओयू साइन हुआ है. आखिर क्या कारण है कि पूरी सरकार अपने को बचाने में लगी है.
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हाईकोर्ट में याचिका मंजूर : उधर, पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका को कोर्ट ने मंजूर कर लिया है. ये जनहित याचिका रघुनंदन सिंह परमार की ओर से एडवोकेट जीपी सिंह ने लगाई है. याचिका के माध्यम से मांग की गई है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए. दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. याचिका में सवाल भी उठाए गए हैं. आरोप है कि भर्ती के नाम पर ग्वालियर के एक कॉलेज में परीक्षा पास कराने में करोड़ों का लेनदेन हुआ है.