ग्वालियर। व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में फोटो मिसमैच और हस्ताक्षर में अंतर होने के कारण गुलाब सिंह को पर्यवेक्षकों ने पकड़ लिया था. उससे पूछताछ की गई तो बताया कि वह जितेन्द्र के स्थान पर परीक्षा दे रहा था. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ परीक्षा अधिनियम धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. पहले इस मामले को एट्रोसिटी कोर्ट में लगाया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे बाद में सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया.
सात साल पहले हुई थी गिरफ्तारी : पुलिस ने 18 अप्रैल 2015 को आरोपी जितेंद्र को गिरफ्तार किया था. इस मामले में एक अन्य आरोपी अमित गोयल को भी नामजद किया गया था लेकिन उस पर आरोपी से मुलाकात होने का आरोप था. उसके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलने पर उसे बरी कर दिया गया है.
MP Vyapam Case: व्यापमं मामले में 5 को सात साल की सजा, MPPMT 2009 की परीक्षा में हुआ था फर्जीवाड़ा
आरोपी पर जुर्माना भी लगाया : कोर्ट में दोनों ही आरोपी पेश हुए जहां से उन्हें जेल वारंट बनने के बाद सेंट्रल जेल रवाना कर दिया गया. इन पर अलग-अलग धाराओं में 26 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. इस मामले में एक अन्य आरोपी सत्येंद्र गोयल भी बिचौलिए की भूमिका में था, लेकिन उसकी इसी साल 3 मार्च को मृत्यु हो चुकी है. इसलिए उसके खिलाफ केस को बंद कर दिया गया है.
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