ग्वालियर। देश भर में हॉकी के लिए पहचाने जाने वाला ग्वालियर एक बार फिर गौरवान्वित होने जा रहा है. ग्वालियर शहर के रहने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शिवेंद्र सिंह को मध्य प्रदेश सरकार ने हॉकी में द्रोणाचार्य अवार्ड देने की घोषणा की है. शिवेंद्र सिंह वर्तमान में हॉकी की नेशनल टीम के सहायक कोच हैं. अभी इस समय वह स्पेन में हैं जहां हॉकी का टूर्नामेंट चल रहा है. शिवेंद्र को द्रोणाचार्य अवॉर्ड मिलने के बाद परिवार में खुशी की लहर है.
9 साल की उम्र से लगाव: हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की नगरी ग्वालियर में शिवेंद्र सिंह का जन्म हुआ. परिवार में हॉकी खिलाड़ी शिवेंद्र सिंह के दो बड़े भाई हैं जो माता-पिता के साथ रहते हैं. शिवेंद्र की मां राधा देवी बताती हैं कि जब वह 9 साल का था तब पहली बार उसने हॉकी की स्टिक पकड़ी थी. साल 2006 में जब पहली बार भारतीय टीम में चयन हुआ तब सोचा शायद ओलंपिक खेलने का सपना पूरा हो सकता है. उसके बाद अपने सपनों को पूरा करते हुए अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्लेयर शिवेंद्र सिंह दो बार ओलंपिक खेल चुके हैं और कई अंतरराष्ट्रीय खिताब और मेडल अपने नाम कर चुके हैं.
ये भी पढ़ें: |
शिवेन्द्र का जुनून ही है यह: शिवेंद्र का हॉकी के प्रति यह जुनून ही है कि वे इस मुकाम तक पहुंचे. मध्य प्रदेश सरकार ने हॉकी में द्रोणाचार्य अवार्ड देने की घोषणा की है. मां राधा देवी के मुताबिक वह शुरू से ही हॉकी को लेकर जुनूनी था. खेल के कारण अपने दोनों भाइयों की शादी में भी शामिल नहीं हो सका था. शिवेंद्र कद काटी से दुबले पतले जरूर थे जिसको लेकर उनकी मां हमेशा उनको टोका करती थी हॉकी मत खेलो, लेकिन वह उनके जुनून के आगे पीछे रह गईं. आज शिवेंद्र हॉकी में लगातार कई अवार्ड जीत रहे हैं. एमपी के प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने की घोषणा से परिवार में खुशी की लहर है.