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ग्वालियर के मरीजों को अब नहीं मिलेगा शिकायत करने का मौका, सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में डॉक्टर्स और कर्मचारियों को करना होगा ये... - सरकारी अस्पताल जयारोग्य में बायोमेट्रिक मशीन

Biometric machines install in Jayarogya hospital: ग्वालियर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयारोग्य में बॉयोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी.अब डॉक्टर्स ,पैरामेडिकल स्टाफ और दूसरे कर्मचारियों के लिए बॉयोमेट्रिक मशीन से अटेंडेंस देना अनिवार्य किया जा रहा है. आने और जाने दोनों समय अंटेंडेंस लगाना होगी. इससे मरीजों को अब डॉक्टर्स के नहीं मिलने की शिकायत करने का मौका नहीं मिलेगा.

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ग्वालियर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल जयारोग्य
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 23, 2023, 8:32 PM IST

ग्वालियर। सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयारोग्य चिकित्सा समूह के सभी हॉस्पिटल में पहुंचने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है. यहां डॉक्टर्स के नहीं मिलने की शिकायत करने का अब मौका नहीं मिलेगा. अस्पताल प्रबंधन ने परिसर के सभी अस्पतालों में सभी डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य सभी कर्मचारियों की अटेंडेंस लगाना अनिवार्य कर दिया है.यह अटेंडेंस बायोमेट्रिक मशीनों के जरिए लगाई जाएगी. यह आने और जाने दोनों ही समय दर्ज करानी होगी.

उत्तरी मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा हॉस्पिटल: ग्वालियर में स्थित गजराराजा मेडिकल कॉलेज के सुपरविजन में चलने वाला जेएएच चिकित्सा समूह उत्तरी मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है जिसके परिसर में अनेक अस्पताल आते हैं. इसमें ट्रॉमा सेंटर और आपातकालीन चिकित्सा इकाई के अलावा न्यूरोलॉजी हॉस्पिस्टल, बच्चों और महिलाओं के लिए कमलाराजा चिकित्सालय, हृदय रोगियों के लिए हार्ट कैथलैब, आईसीयू , मेडिसिन और हड्डी के हॉस्पिटल हैं. साथ ही हाल ही में एक हजार बिस्तर का एक नवीन हॉस्पिटल बनाया गया है साथ ही अत्याधुनिक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी है.

सैकड़ों मरीज रोज आते हैं: जेएएच परिसर में इलाज के लिए ग्वालियर चम्बल के अलावा प्रदेश के बुन्देलखंड इलाके से तो सैकड़ों मरीज रोज यहां आते हैं. यूपी के इटावा, मैनपुरी, झांसी , ललितपुर, उरई और राजस्थान के धौलपुर,सवाई माधोपुर से लेकर भरतपुर तक के मरीज आते हैं. अब तक ऐसी शिकायतें मिलती ही रहती थीं कि सीट पर कर्मचारी और विभाग में पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं है. वह रजिस्टर पर हाजरी लगाकर गायब हो जाते हैं.

क्या कहना है जेएएच डीन का: जेएएच के डीन डॉ अक्षय निगम ने बताया कि अब जेएएच के सभी हॉस्पिटल में बायोमेट्रिक मशीन पर अपना अंगूठा लगाकर हरेक स्टाफ सदस्य को अपनी अटेंडेंस दर्ज करनी होगी. इसी तरह ड्यूटी पूरी करके जाते समय भी मशीन पर अंगूठा लगाना होगा. इससे उनके आने और जाने का समय दर्ज हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे मरीजों की शिकायत भी दूर होगी कि वहां डॉक्टर या स्टाफ नहीं है और स्टाफ के लोग भी लापरवाही करना बंद करेंगे.

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ग्वालियर। सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयारोग्य चिकित्सा समूह के सभी हॉस्पिटल में पहुंचने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है. यहां डॉक्टर्स के नहीं मिलने की शिकायत करने का अब मौका नहीं मिलेगा. अस्पताल प्रबंधन ने परिसर के सभी अस्पतालों में सभी डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य सभी कर्मचारियों की अटेंडेंस लगाना अनिवार्य कर दिया है.यह अटेंडेंस बायोमेट्रिक मशीनों के जरिए लगाई जाएगी. यह आने और जाने दोनों ही समय दर्ज करानी होगी.

उत्तरी मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा हॉस्पिटल: ग्वालियर में स्थित गजराराजा मेडिकल कॉलेज के सुपरविजन में चलने वाला जेएएच चिकित्सा समूह उत्तरी मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है जिसके परिसर में अनेक अस्पताल आते हैं. इसमें ट्रॉमा सेंटर और आपातकालीन चिकित्सा इकाई के अलावा न्यूरोलॉजी हॉस्पिस्टल, बच्चों और महिलाओं के लिए कमलाराजा चिकित्सालय, हृदय रोगियों के लिए हार्ट कैथलैब, आईसीयू , मेडिसिन और हड्डी के हॉस्पिटल हैं. साथ ही हाल ही में एक हजार बिस्तर का एक नवीन हॉस्पिटल बनाया गया है साथ ही अत्याधुनिक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी है.

सैकड़ों मरीज रोज आते हैं: जेएएच परिसर में इलाज के लिए ग्वालियर चम्बल के अलावा प्रदेश के बुन्देलखंड इलाके से तो सैकड़ों मरीज रोज यहां आते हैं. यूपी के इटावा, मैनपुरी, झांसी , ललितपुर, उरई और राजस्थान के धौलपुर,सवाई माधोपुर से लेकर भरतपुर तक के मरीज आते हैं. अब तक ऐसी शिकायतें मिलती ही रहती थीं कि सीट पर कर्मचारी और विभाग में पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं है. वह रजिस्टर पर हाजरी लगाकर गायब हो जाते हैं.

क्या कहना है जेएएच डीन का: जेएएच के डीन डॉ अक्षय निगम ने बताया कि अब जेएएच के सभी हॉस्पिटल में बायोमेट्रिक मशीन पर अपना अंगूठा लगाकर हरेक स्टाफ सदस्य को अपनी अटेंडेंस दर्ज करनी होगी. इसी तरह ड्यूटी पूरी करके जाते समय भी मशीन पर अंगूठा लगाना होगा. इससे उनके आने और जाने का समय दर्ज हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे मरीजों की शिकायत भी दूर होगी कि वहां डॉक्टर या स्टाफ नहीं है और स्टाफ के लोग भी लापरवाही करना बंद करेंगे.

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