ग्वालियर। भले ही मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए काफी समय बचा है लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव की गर्मी इस समय ग्वालियर चंबल में है. यही कारण है कि अंचल में राजा और महाराजा दोनों ने ही एक दूसरे को परास्त करने के लिए एड़ी और चोटी का जोर लगा रखा है. महाराजा यानी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में लगातार दौरे कर रहे हैं और ग्वालियर के साथ-साथ गुना शिवपुरी-अशोकनगर में भी अपनी चुनावी भूमिका जमाने में लगे हैं. वहीं, उनके धुर विरोधी कहे जाने वाले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह अंचल में सक्रिय हो गए हैं. एक सप्ताह से लगातार ग्वालियर चंबल के सभी जिलों में रात गुजार रहे हैं और इस दौरान वह अपने कार्यकर्ता और नेताओं के साथ बैठक ले रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि दोनों राजा और महाराजा एक दूसरे को परास्त करने के लिए चुनाव की सभी रणनीति को अपनाने लगे हैं.
चंबल अंचल में सक्रिय सिंधिया-दिग्विजय: वैसे तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 6 महीने से ही लगातार ग्वालियर चंबल अंचल में सक्रिय हैं और वह एक के बाद एक दौरे कर रहे हैं. साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जो उनके धुर विरोधी है उनसे भी मेल मुलाकात और अच्छे संबंध बनाने की कोशिश में जुटे हैं. वहीं अब उनके धुर विरोधी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी दिग्विजय सिंह ने भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से कमान संभाल रखी है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपने दौरे की शुरुआत मां पीतांबरा देवी का आशीर्वाद देकर दतिया से की और उसके बाद अशोकनगर गुना शिवपुरी होते हुए ग्वालियर पहुंचे. ग्वालियर में सिंधिया को परास्त करने के लिए बड़ी रणनीति तैयार की है. उन्होंने इस बात को खुद कबूल करते हुए कहा कि ''वह सिंधिया के गढ़ में 10 गुना सेंध लगाने के लिए आए हैं.'' इसके साथ ही ग्वालियर में उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ-साथ हर कार्यकर्ता से मुलाकात की. साथ ही वह उन लोगों के पास भी गए थे जो बीजेपी और कांग्रेस पार्टी से कहीं न कहीं नाराज चल रहे हैं.
कांग्रेस ने दिग्विजय पर जताया भरोसा: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल में जितना अपना वर्चस्व रखते हैं उतना ही पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कार्यकर्ता और लोगों के बीच अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं. राजनीतिक जानकारों की माने तो ग्वालियर चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को परास्त करने का अगर किसी में हुनर और जज्बा है तो बस दिग्विजय सिंह के पास है. वहीं, कांग्रेस का मानना है कि जिस तरीके से साल 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल में यहां की जनता ने कांग्रेस का साथ दिया था वैसे ही फिर से उसे दोहराने की तैयारी की जा रही है और इसको लेकर कांग्रेस ने लगातार बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने की कोशिश कर रखी है और इसका जिम्मा दिग्विजय सिंह को दिया गया है.
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अबकी बार कांग्रेस पूरी तरह तैयार: वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि ''कांग्रेस के लिए अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कोई मायने नहीं रखते हैं. जिस तरीके से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के साथ गद्दारी की है, उनको सबक सिखाने के लिए अबकी बार कांग्रेस पूरी तरह तैयार है और इसी को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह लगातार ग्वालियर चंबल अंचल में हर कार्यकर्ता के पास जा रहे हैं और कांग्रेस को मजबूत करने में लगे हुए हैं''. वहीं, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल का कहना है कि ''जहां-जहां पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह जाते हैं वहां बीजेपी के वोट बढ़ाने का काम करते हैं. यही कारण है कि चंबल अंचल में कांग्रेस के लिए जिम्मेदारी उन्हीं को दी है. इसका मतलब है कि कांग्रेस का यहां पर सूपड़ा साफ होने वाला है''.