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MP हाई कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण व रेप के आरोपी को किया दोषमुक्त, ये कारण बना फैसले का आधार

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में युवक के खिलाफ एफआईआर को निरस्त कर दिया. दरअसल, पीड़ित की आरोपी से शादी हो चुकी है और उनका एक बेटा भी है. इसी आधार पर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया. MP High Court Gwalior

acquitted accused of kidnapping and raping minor
हाई कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण व रेप के आरोपी को किया दोषमुक्त
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 22, 2023, 12:45 PM IST

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक युवक को नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में लंबित याचिका को न सिर्फ निरस्त कर दिया है बल्कि टिप्पणी भी की है कि ऐसे मामले में सजा के पर्याप्त आधार हैं लेकिन कोर्ट के सामने जो फाइल है, उसमें तीन जिंदगियां जुड़ी हुई हैं. जिसमें एक आरोपी है, दूसरी उसकी अगवा और बाद में शादीशुदा पत्नी और उसका एक मासूम बेटा भी है. इसलिए युवक को नाबालिग लड़की के अपहरण दुष्कर्म के मामले से बरी किया जाता है. इसके अलावा निचली अदालत में चल रही सुनवाई को भी निरस्त किया गया है.

दोनों ने मंदिर में शादी रचाई : दरअसल, मुरैना के रहने वाले एक युवक ने अपने खिलाफ दर्ज अपहरण और दुष्कर्म के मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की गुहार लगाई थी. जून 2021 में युवक ने एक नाबालिग लड़की का मुरैना से अपहरण कर लिया था. लड़की के पिता ने इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लगभग एक साल बाद लड़की और उसके कथित प्रेमी को कानपुर से पुलिस ने बरामद कर लिया था. ये लोग आपस में मंदिर में शादी भी कर चुके थे. लड़की को जब कोर्ट में पेश किया गया तो उसने अपने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया था. नाबालिग लड़की बरामदगी के समय गर्भवती थी, उसे वन स्टॉप सेंटर यानी नारी निकेतन भेजा गया.

दंपती को बेटे की प्राप्ति : इस मामले में युवक को दो महीने बाद लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में जमानत भी मिल गई थी. इस दौरान नारी निकेतन में पिछले साल मई के महीने में लड़की ने एक बच्चे को जन्म दिया. इसी साल अगस्त में लड़की बालिग हो गई. तब उसके पति ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाकर अपनी पत्नी को हासिल करने के लिए आवेदन पेश किया. युवक ने अपने खिलाफ दर्ज पास्को एक्ट दुष्कर्म और अपहरण के मामले को भी निरस्त करने के लिए गुहार लगाई थी.

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युवक ने क्या दलील दी : युवक का कहना था कि वह लड़की के साथ शादी कर चुका है. उसे एक संतान भी पैदा हो चुकी है. ऐसे में उसके खिलाफ मुकदमे को निरस्त किया जाए. कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए युवक को सभी आरोपों से बरी कर दिया है और उसके खिलाफ एफआईआर भी निरस्त करने के आदेश दिए.

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक युवक को नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में लंबित याचिका को न सिर्फ निरस्त कर दिया है बल्कि टिप्पणी भी की है कि ऐसे मामले में सजा के पर्याप्त आधार हैं लेकिन कोर्ट के सामने जो फाइल है, उसमें तीन जिंदगियां जुड़ी हुई हैं. जिसमें एक आरोपी है, दूसरी उसकी अगवा और बाद में शादीशुदा पत्नी और उसका एक मासूम बेटा भी है. इसलिए युवक को नाबालिग लड़की के अपहरण दुष्कर्म के मामले से बरी किया जाता है. इसके अलावा निचली अदालत में चल रही सुनवाई को भी निरस्त किया गया है.

दोनों ने मंदिर में शादी रचाई : दरअसल, मुरैना के रहने वाले एक युवक ने अपने खिलाफ दर्ज अपहरण और दुष्कर्म के मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की गुहार लगाई थी. जून 2021 में युवक ने एक नाबालिग लड़की का मुरैना से अपहरण कर लिया था. लड़की के पिता ने इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लगभग एक साल बाद लड़की और उसके कथित प्रेमी को कानपुर से पुलिस ने बरामद कर लिया था. ये लोग आपस में मंदिर में शादी भी कर चुके थे. लड़की को जब कोर्ट में पेश किया गया तो उसने अपने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया था. नाबालिग लड़की बरामदगी के समय गर्भवती थी, उसे वन स्टॉप सेंटर यानी नारी निकेतन भेजा गया.

दंपती को बेटे की प्राप्ति : इस मामले में युवक को दो महीने बाद लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में जमानत भी मिल गई थी. इस दौरान नारी निकेतन में पिछले साल मई के महीने में लड़की ने एक बच्चे को जन्म दिया. इसी साल अगस्त में लड़की बालिग हो गई. तब उसके पति ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाकर अपनी पत्नी को हासिल करने के लिए आवेदन पेश किया. युवक ने अपने खिलाफ दर्ज पास्को एक्ट दुष्कर्म और अपहरण के मामले को भी निरस्त करने के लिए गुहार लगाई थी.

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युवक ने क्या दलील दी : युवक का कहना था कि वह लड़की के साथ शादी कर चुका है. उसे एक संतान भी पैदा हो चुकी है. ऐसे में उसके खिलाफ मुकदमे को निरस्त किया जाए. कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए युवक को सभी आरोपों से बरी कर दिया है और उसके खिलाफ एफआईआर भी निरस्त करने के आदेश दिए.

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