ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के निर्देश के बावजूद अशोकनगर के भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी सोमवार को न्यायालय में पेश नहीं हुए. उन्होंने अपने वकील के माध्यम से दो आवेदन कोर्ट में जरूर पेश किए हैं. जिनमें उन्होंने अपनी बीमारी के चलते कोर्ट में पेश होने में असमर्थता जाहिर की है. दूसरे आवेदन में उन्होंने याचिकाकर्ता लड्डू राम कोरी द्वारा पेश किए गए कागजातों की प्रमाणित प्रतिलिपि चाही है.
कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला: न्यायालय ने इस पर भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी को अंतिम अवसर देते हुए 9 और 10 अगस्त को आवश्यक रूप से न्यायालय में पेश होकर अपने कथन और अपने समर्थन में साक्ष्य पेश करने के निर्देश दिए हैं. वहीं लड्डू राम कोरी के अधिवक्ता ने कोर्ट में साफ किया है कि याचिकाकर्ता द्वारा जजपाल सिंह जज्जी के मामले में सर्टिफाइड पेपर्स पहले से ही न्यायालय में लगे हुए हैं. जिनकी प्रति अनावेदक के पास है. जबकि दूसरे आवेदन में उन्होंने अपनी ओर से मांग की है कि यदि 9 और 10 अगस्त को भाजपा विधायक जज्जी न्यायालय में पेश नहीं होते हैं तो उनके कथन और साक्ष्य के अवसर को खत्म किया जाए. इस पर न्यायालय ने अपना फैसला फिलहाल सुरक्षित रख लिया है.
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गलत जाति प्रमाण पत्र लगाने पर हुई थी याचिका: गौरतलब है कि पहले कांग्रेस और फिर भाजपा से अशोकनगर से विधायक बने जजपाल सिंह जज्जी ने आरक्षित सीट पर खुद को नट जाति का बताते हुए चुनाव लड़ा था. वे 2018 और 2020 में दोनों ही चुनाव जीते थे, लेकिन उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रहे तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी लड्डू राम कोरी ने जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए उनके निर्वाचन को शून्य घोषित करने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट में एक चुनावी याचिका पेश की है. जिस पर पिछले दिनों एक अगस्त को न्यायमूर्ति सुनीता यादव ने उन्हें सात अगस्त से लेकर 10 अगस्त के बीच में अपने कथन और साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए थे.