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MP High Court : CBI से पूछा - नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले अब तक क्या जांच की

मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट सख्त है. हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि जांच में अब तक क्या-क्या पाया. इसकी रिपोर्ट पेश करें. इसके साथ ही कोर्ट ने संबंधित लोगों की जांच के आदेश भी दिए.

MP High Court Asked CBI
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले अब तक क्या जांच की
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Published : Mar 1, 2023, 12:08 PM IST

नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले अब तक क्या जांच की

ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक बार फिर प्रदेश में मौजूद नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर संदिग्ध माना है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच के आदेश सीबीआई दे दिए हैं. सीबीआई को कहा है कि वह जांच करें कि किस आधार पर नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गयी है. अब तक जांच में क्या पाया, कॉलेज कब खुला, कितने स्टूडेंट्स है, क्या फैकल्टी, कितना इंफ्रास्ट्रक्चर है नर्सिंग कॉलेजों में? इसके साथ ही नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाली इंडियन नर्सिंग काउंसिल, मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व मेडिकल यूनिवर्सिटी जलबपुर की जांच के आदेश भी दिए हैं.

सीबीआई को रिपोर्ट 14 जून को पेश करनी है : सीबीआई को अपनी रिपोर्ट 14 जून को कोर्ट के समाने पेश करनी है. दरअसल, हाई कोर्ट की डबल बेंच में उन नर्सिंग कॉलेजों के मामले की सुनवाई हुई. जिसमें हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सीबीआई ने बंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश की थी, यह रिपोर्ट हाई कोर्ट में खोली गयी. जिसमें प्रदेश के 70 कॉलेजों को दी गई मान्यता व संबद्धता की जांच की गई थी. वहीं नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़ा की याचिका दायर करने वाले वकील उमेश बोहरे का कहना है कि सीबीआई के रिपोर्ट में ऐसा कुछ नही है, जो नया हो, पहले जो उसने जांच की थी, वही कोर्ट में पेश कर दी है. इसलिए कोर्ट ने अब बिंदुवार जांच के आदेश दिए हैं.

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सीबीआई जांच के आदेश दिए थे : आपको बता दें कि हाई कोर्ट ने 28 सितंबर 2022 को अंचल के 35 नर्सिंग कॉलेजों की याचिका की सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे. कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों को दी जाने वाली संबद्धता व मान्यता का मामला एक बड़ा घोटाला है. कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए गए थे, उसमें प्रथम दृष्टया मान्यता, संबद्धता देने में गड़बड़ी पाई है. इसलिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल, मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच जारी रखें. गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल अंचल के 35 कॉलेजों ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी और 35 कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी. इस आदेश के आधार पर 35 कॉलेजों को जांच बाहर कर दिया था, लेकिन 70 कॉलेजों की संबद्धता व मान्यता की जांच जारी रखी. छह सप्ताह में जो जांच की, उसकी अंतरिम रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की है.

नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले अब तक क्या जांच की

ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक बार फिर प्रदेश में मौजूद नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर संदिग्ध माना है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच के आदेश सीबीआई दे दिए हैं. सीबीआई को कहा है कि वह जांच करें कि किस आधार पर नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गयी है. अब तक जांच में क्या पाया, कॉलेज कब खुला, कितने स्टूडेंट्स है, क्या फैकल्टी, कितना इंफ्रास्ट्रक्चर है नर्सिंग कॉलेजों में? इसके साथ ही नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाली इंडियन नर्सिंग काउंसिल, मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व मेडिकल यूनिवर्सिटी जलबपुर की जांच के आदेश भी दिए हैं.

सीबीआई को रिपोर्ट 14 जून को पेश करनी है : सीबीआई को अपनी रिपोर्ट 14 जून को कोर्ट के समाने पेश करनी है. दरअसल, हाई कोर्ट की डबल बेंच में उन नर्सिंग कॉलेजों के मामले की सुनवाई हुई. जिसमें हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सीबीआई ने बंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश की थी, यह रिपोर्ट हाई कोर्ट में खोली गयी. जिसमें प्रदेश के 70 कॉलेजों को दी गई मान्यता व संबद्धता की जांच की गई थी. वहीं नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़ा की याचिका दायर करने वाले वकील उमेश बोहरे का कहना है कि सीबीआई के रिपोर्ट में ऐसा कुछ नही है, जो नया हो, पहले जो उसने जांच की थी, वही कोर्ट में पेश कर दी है. इसलिए कोर्ट ने अब बिंदुवार जांच के आदेश दिए हैं.

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सीबीआई जांच के आदेश दिए थे : आपको बता दें कि हाई कोर्ट ने 28 सितंबर 2022 को अंचल के 35 नर्सिंग कॉलेजों की याचिका की सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे. कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों को दी जाने वाली संबद्धता व मान्यता का मामला एक बड़ा घोटाला है. कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए गए थे, उसमें प्रथम दृष्टया मान्यता, संबद्धता देने में गड़बड़ी पाई है. इसलिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल, मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच जारी रखें. गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल अंचल के 35 कॉलेजों ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी और 35 कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी. इस आदेश के आधार पर 35 कॉलेजों को जांच बाहर कर दिया था, लेकिन 70 कॉलेजों की संबद्धता व मान्यता की जांच जारी रखी. छह सप्ताह में जो जांच की, उसकी अंतरिम रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की है.

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