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MP Gwalior Advocate Protection Act चुनाव से पहले एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग तेज, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने प्रतिवाद दिवस मनाया

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. लंबे अर्से से इस एक्ट की मांग वकीलों द्वारा की जा रही है. अधिवाक्ताओं का कहना है कि चाहे कांग्रेस सरकार हो या भाजपा की. दोनों ने आश्वासन तो दिया लेकिन अभी तक लागू नहीं किया. इसको लेकर वकीलों ने सोमवार को पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. (MP Gwalior Demand for Advocate Protection)

MP Gwalior Advocate Protection Act
ग्वालियर चुनाव से पहले एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग तेज
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Published : Sep 19, 2022, 3:34 PM IST

Updated : Sep 19, 2022, 5:50 PM IST

ग्वालियर। आगामी विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मध्य प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग तेज हो गयी है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ग्वालियर सोमवार को प्रतिवाद दिवस के रूप में उसे मना रही है.लंबे समय से इस एक्ट की लड़ाई एडवोकेट लड़ रहे है. लेकिन शिवराज सरकार ने उसे लागू नहीं किया है. वकीलों का कहना है कि चाहे कांग्रेस की सरकार हो या फिर बीजेपी सरकार. दोनों ने मध्य प्रदेश में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का वायदा किया था. यह वादा आज तक पूरा नहीं किया है. इसलिए वह सरकार का विरोध करने के लिए प्रतिवाद दिवस के रूप में मना रहे है. वकील सरकार के रवैया के खिलाफ लाल पट्टी बांधकर काम कर रहे है. कई बार आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के विरुद्ध केस लड़ना पड़ता है. ऐसे में उन्हें जान का खतरा बना रहता है. इसलिए सरकार अपना वचन पूरा करे और यह एक्ट लागू करे. (MP Gwalior Advocate Protection Act intensified)

वकील पर हुए हमले का विरोध, आधे दिन रखी हड़ताल

क्या है एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्टः इस एक्ट के अंतर्गत इसमें एक कोष का प्रावधान किया गया है. जिसमें किसी भी अधिवक्ता को किसी भी प्रकार की हानि या नुकसान होने पर वह मुआवजे का दावा कर सकता है. इसके अलावा अधिवक्ताओं के संरक्षण के लिए इस अधिनियम में यह प्रावधान किया गया कि कोई भी अधिवक्ता को बंदूक अथवा पिस्टल के लाइसेंस आसानी से प्रदान किया जा सकता है.(MP Gwalior Advocate Protection Act Demand intensified before elections)

चुनाव से पहले एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग ते

अधिवक्ता एक्ट कब आयाः भारत के कानूनी व्यवसाय से संबंधित कानून अधिवक्ता अधिनियम, 1961 और देश की भारतीय विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) द्वारा निर्धारित नियमों के आधार पर संचालित होता है. कानून के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के लिए यह स्वनिर्धारित कानूनी संहिता है. जिसके तहत देश और राज्यों की बार काउंसिल का गठन होता है. (MP Gwalior High Court Bar celebrated protest day)

एक अधिवक्ता होने के लिए आवश्यक योग्यताएंः एक एडवोकेट वह व्यक्ति है, जो अधिवक्ता अधिनियम के तहत किसी भी नामांकन सूचि (रोल) में नामांकित है. नामांकन सूचि (रोल), स्टेट बार काउंसिल द्वारा तैयार की गई एक अनुरक्षित सूची है. जिसमें विशिष्ट परिषद के तहत पंजीकृत सभी वकीलों के नाम रहते हैं. (MP Gwalior Advocate Protection Act Demand intensified before elections)

ग्वालियर। आगामी विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मध्य प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग तेज हो गयी है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ग्वालियर सोमवार को प्रतिवाद दिवस के रूप में उसे मना रही है.लंबे समय से इस एक्ट की लड़ाई एडवोकेट लड़ रहे है. लेकिन शिवराज सरकार ने उसे लागू नहीं किया है. वकीलों का कहना है कि चाहे कांग्रेस की सरकार हो या फिर बीजेपी सरकार. दोनों ने मध्य प्रदेश में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का वायदा किया था. यह वादा आज तक पूरा नहीं किया है. इसलिए वह सरकार का विरोध करने के लिए प्रतिवाद दिवस के रूप में मना रहे है. वकील सरकार के रवैया के खिलाफ लाल पट्टी बांधकर काम कर रहे है. कई बार आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के विरुद्ध केस लड़ना पड़ता है. ऐसे में उन्हें जान का खतरा बना रहता है. इसलिए सरकार अपना वचन पूरा करे और यह एक्ट लागू करे. (MP Gwalior Advocate Protection Act intensified)

वकील पर हुए हमले का विरोध, आधे दिन रखी हड़ताल

क्या है एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्टः इस एक्ट के अंतर्गत इसमें एक कोष का प्रावधान किया गया है. जिसमें किसी भी अधिवक्ता को किसी भी प्रकार की हानि या नुकसान होने पर वह मुआवजे का दावा कर सकता है. इसके अलावा अधिवक्ताओं के संरक्षण के लिए इस अधिनियम में यह प्रावधान किया गया कि कोई भी अधिवक्ता को बंदूक अथवा पिस्टल के लाइसेंस आसानी से प्रदान किया जा सकता है.(MP Gwalior Advocate Protection Act Demand intensified before elections)

चुनाव से पहले एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग ते

अधिवक्ता एक्ट कब आयाः भारत के कानूनी व्यवसाय से संबंधित कानून अधिवक्ता अधिनियम, 1961 और देश की भारतीय विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) द्वारा निर्धारित नियमों के आधार पर संचालित होता है. कानून के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के लिए यह स्वनिर्धारित कानूनी संहिता है. जिसके तहत देश और राज्यों की बार काउंसिल का गठन होता है. (MP Gwalior High Court Bar celebrated protest day)

एक अधिवक्ता होने के लिए आवश्यक योग्यताएंः एक एडवोकेट वह व्यक्ति है, जो अधिवक्ता अधिनियम के तहत किसी भी नामांकन सूचि (रोल) में नामांकित है. नामांकन सूचि (रोल), स्टेट बार काउंसिल द्वारा तैयार की गई एक अनुरक्षित सूची है. जिसमें विशिष्ट परिषद के तहत पंजीकृत सभी वकीलों के नाम रहते हैं. (MP Gwalior Advocate Protection Act Demand intensified before elections)

Last Updated : Sep 19, 2022, 5:50 PM IST

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