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Medicines Writing in Hindi : ग्वालियर जयारोग्य मेडिकल कॉलेज में पर्चे पर हिंदी में दवाएं लिखने लगे डॉक्टर, मरीज खुश - अंग्रेजी से ज्यादा अच्छी हिंदी

मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू होने जा रही है. इसकी शुरुआत 16 अक्टूबर को गृह मंत्री अमित शाह भोपाल में कर चुके हैं. अब डॉक्टर भी मरीज को हिंदी में दवाएं लिख रहे हैं. इसकी शुरुआत ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज GRMC में शुरू कर दी है. डीन ने मरीज को हिंदी में दवा लिखकर दी है. लेकिन बड़ी बात यह है कि अभी डॉक्टरों को हिंदी में पर्चा लिखने में काफी परेशानी आ रही है. यही कारण है कि इसकी शुरुआत अभी धीरे-धीरे हो रही है. (Hindi mbbs books launch in MP) (Doctors writing medicines in Hindi) (Medicines in Hindi on prescription) (Gwalior Jairogya Medical College)

Medicines Writing in Hindi
पर्चे पर हिंदी में दवाएं लिखने लगे डॉक्टर मरीज खुश
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Published : Oct 19, 2022, 6:47 PM IST

Updated : Oct 28, 2022, 3:07 PM IST

ग्वालियर। आमतौर पर मरीज और उसके अटेंडर को डॉक्टर्स द्वारा लिखे गए पर्चे पर दवाइयों के नाम पढ़ने में दिक्कत आती है, लेकिन अब डॉक्टर अंग्रेजी के बजाए हिंदी में दवाई के पर्चे लिख रहे हैं. ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज समूह के जे एच और कमला राजा हॉस्पिटल में डॉक्टरों से हिंदी में दवाए लिखने की अपील की गई है. इसकी शुरुआत खुद GRMC के डीन डॉ.अक्षय निगम ने की है.

Medicines Writing in Hindi
पर्चे पर हिंदी में दवाएं लिखने लगे डॉक्टर मरीज खुश

शुरू में कठिनाई, फिर सब होगा नॉर्मल : डॉ. निगम का मानना है कि शुरुआत में कुछ कठिनाई हो सकती है लेकिन धीरे-धीरे यह आदत बन जाएगी. इसका सीधा फायदा मरीज और उसके अटेंडर को मिलेगा. वहीं जे एच हॉस्पिटल के सुप्रिडेंट डॉ. आरकेएस धाकड़ का कहना है कि हॉस्पिटल में प्रतिदिन तीन से चार हजार मरीज उपचार के लिए ओपीडी में आते हैं और बेहतर इलाज देने की हमारी कोशिश रहती है

MP MBBS in Hindi: स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा आज का दिन, बोले गृहमंत्री-मातृभाषा का होता है गहरा असर

अंग्रेजी से ज्यादा अच्छी हिंदी : डॉ. धाकड़ का कहना है कि जिन दवाओं के पर्चे पर हमें अंग्रेजी में कलम चलानी होती है, वहीं कलम हमें हिंदी के अक्षरों पर चलानी है. अंग्रेजी के सेंटेंस में लेटर की चूक हो सकती है लेकिन हिंदी में तो हम पैदा हुए हैं. हम पढ़े हैं और बड़े हुए हैं तो हिंदी में मरीजों को दवाएं लिखने में कोई कठिनाई नहीं आने वाली. बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को इसका लाभ मिलेगा., (Hindi mbbs books launch in MP) (Doctors writing medicines in Hindi) (Medicines in Hindi on prescription) (Gwalior Jairogya Medical College)

ग्वालियर। आमतौर पर मरीज और उसके अटेंडर को डॉक्टर्स द्वारा लिखे गए पर्चे पर दवाइयों के नाम पढ़ने में दिक्कत आती है, लेकिन अब डॉक्टर अंग्रेजी के बजाए हिंदी में दवाई के पर्चे लिख रहे हैं. ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज समूह के जे एच और कमला राजा हॉस्पिटल में डॉक्टरों से हिंदी में दवाए लिखने की अपील की गई है. इसकी शुरुआत खुद GRMC के डीन डॉ.अक्षय निगम ने की है.

Medicines Writing in Hindi
पर्चे पर हिंदी में दवाएं लिखने लगे डॉक्टर मरीज खुश

शुरू में कठिनाई, फिर सब होगा नॉर्मल : डॉ. निगम का मानना है कि शुरुआत में कुछ कठिनाई हो सकती है लेकिन धीरे-धीरे यह आदत बन जाएगी. इसका सीधा फायदा मरीज और उसके अटेंडर को मिलेगा. वहीं जे एच हॉस्पिटल के सुप्रिडेंट डॉ. आरकेएस धाकड़ का कहना है कि हॉस्पिटल में प्रतिदिन तीन से चार हजार मरीज उपचार के लिए ओपीडी में आते हैं और बेहतर इलाज देने की हमारी कोशिश रहती है

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Last Updated : Oct 28, 2022, 3:07 PM IST
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