ग्वालियर। आमतौर पर मरीज और उसके अटेंडर को डॉक्टर्स द्वारा लिखे गए पर्चे पर दवाइयों के नाम पढ़ने में दिक्कत आती है, लेकिन अब डॉक्टर अंग्रेजी के बजाए हिंदी में दवाई के पर्चे लिख रहे हैं. ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज समूह के जे एच और कमला राजा हॉस्पिटल में डॉक्टरों से हिंदी में दवाए लिखने की अपील की गई है. इसकी शुरुआत खुद GRMC के डीन डॉ.अक्षय निगम ने की है.
शुरू में कठिनाई, फिर सब होगा नॉर्मल : डॉ. निगम का मानना है कि शुरुआत में कुछ कठिनाई हो सकती है लेकिन धीरे-धीरे यह आदत बन जाएगी. इसका सीधा फायदा मरीज और उसके अटेंडर को मिलेगा. वहीं जे एच हॉस्पिटल के सुप्रिडेंट डॉ. आरकेएस धाकड़ का कहना है कि हॉस्पिटल में प्रतिदिन तीन से चार हजार मरीज उपचार के लिए ओपीडी में आते हैं और बेहतर इलाज देने की हमारी कोशिश रहती है
अंग्रेजी से ज्यादा अच्छी हिंदी : डॉ. धाकड़ का कहना है कि जिन दवाओं के पर्चे पर हमें अंग्रेजी में कलम चलानी होती है, वहीं कलम हमें हिंदी के अक्षरों पर चलानी है. अंग्रेजी के सेंटेंस में लेटर की चूक हो सकती है लेकिन हिंदी में तो हम पैदा हुए हैं. हम पढ़े हैं और बड़े हुए हैं तो हिंदी में मरीजों को दवाएं लिखने में कोई कठिनाई नहीं आने वाली. बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को इसका लाभ मिलेगा., (Hindi mbbs books launch in MP) (Doctors writing medicines in Hindi) (Medicines in Hindi on prescription) (Gwalior Jairogya Medical College)