ग्वालियर। आज से पूरे मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों के लगभग 10 हजार डॉक्टर काली पट्टी बांधकर चिकित्सा सेवाएं देंगे और शिवराज सरकार की वादाखिलाफी पर विरोध दर्ज कराएंगे. वही कल यानी 2 मई को 2 घंटे ओपीडी में काम बंद रखेंगे, अगर फिर भी सरकार ने डॉक्टरों की मांगे नहीं मानी तो 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. मलतब आज से पूरे मध्यप्रदेश में डॉक्टर्स हड़ताल की शुरुआत करने जा रहे है, जिसका असर मरीजों और स्वास्थ व्यवस्था पर पढ़ने वाला है.
सरकार ने हड़ताल पर जाने के लिए किया मजबूर: प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन सचिव डॉ एम एल माहौर का कहना है कि "डॉक्टरों की कोशिश यह है कि हम मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना होने दें, लेकिन सरकार ने हमें हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर कर दिया है, क्योंकि जब जब सरकार से बात हुई है तो सरकार के प्रशासनिक अधिकारी अपनी बात और वादे से मुकर गए हैं. अब एक ही विकल्प है आर पार की लड़ाई, हम अपना हक मांग रहे हैं. हमारी लड़ाई में जुड़ा और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े अन्य संगठनों का भी सहयोग हमें मिल रहा है."
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स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ेगा: प्रदेश के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में पदस्थ डॉक्टर लंबे समय से DACP लागू करने और प्रशासनिक दखलअंदाजी का विरोध कर रहे हैं. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि हड़ताल के दौरान अपनी इमरजेंसी सेवाएं भी बंद रखेंगे. पर अगर सच में ऐसा होता है तो स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ेगा और अफरातफरी का माहौल बन जाएगा.