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Lok Sabha Elections 2024: सिंधिया को अपनों की नहीं बल्कि खुद की सता रही है चिंता, इस मिशन के लिए कर रहे तैयारी

चुनावी साल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता साफ नजर आ रही है. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ग्वालियर में लगातार बैठकें कर रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि सिंधिया पारिवारिक लोकसभा सीट छोड़कर ग्वालियर सीट से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं. वहीं सिंधिया की सक्रियता पर कांग्रेस ने निशाना साधा है.

Lok Sabha Elections 2024
टेंशन में महाराज
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Published : Jul 31, 2023, 3:16 PM IST

Updated : Jul 31, 2023, 4:26 PM IST

सिंधिया को सता रही चिंता

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कुछ महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां सक्रिय है, लेकिन चंबल-अंचल में इन दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विधानसभा चुनाव के साथ-साथ मिशन 2024 के लिए काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि अपनी पारिवारिक लोकसभा सीट गुना को छोड़कर उन्होंने ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है. यही कारण है कि ग्वालियर में काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. सिंधिया लगातार ग्वालियर में डेरा डाले हुए हैं और इस दौरान वह समाज के अलग-अलग संगठनों से मेल मुलाकात और उनके कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर आए हुए थे. इस दौरान उन्होंने 2 दर्जन से अधिक अलग-अलग समाज के संगठनों से मेल मुलाकात की. इससे स्पष्ट होता है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आगामी लोकसभा का चुनाव इसी ग्वालियर से लड़ने वाले हैं.

अपने गढ़ में हारे थे सिंधिया: ग्वालियर में लगातार सक्रिय भूमिका से ऐसा लग रहा है कि 'महाराज' का शिवपुरी-गुना लोकसभा सीट से मोहभंग हो गया है. गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र को ग्वालियर सिंधिया राजघराने का गढ़ माना जाता है, क्योंकि उपचुनाव सहित 20 चुनाव में सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधियों को 14 बार जीत मिली. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजयाराजे सिंधिया 6 बार, पिता माधवराव सिंधिया चार बार और खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया 4 बार चुनाव जीते हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को उन्हीं के कार्यकर्ता ने करारी शिकस्त दी थी. यही वजह है कि अब महाराज का गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से मोहभंग होता हुआ नजर आ रहा है.

ग्वालियर में सिंधिया लगातार कर रहे बैठक: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य को अब अपनी चिंता सताने लगी है. सिंधिया अब ग्वालियर में अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं और लगातार ग्वालियर में सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया अलग-अलग समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं. वह ग्वालियर में अलग-अलग समाजों में अपनी पैठ बनाते हुए नजर आ रहे हैं. सिंधिया ने 3 दिन में खटीक समाज, पंजाबी समाज, वाल्मिक समाज, रजक समाज, जैन समाज, ब्राह्मण समाज सहित अन्य समाजों के साथ बैठक की. इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में हो रहे विकास कार्यों का भी निरीक्षण समय-समय पर कर रहे हैं.

गद्दारी का सबक सिखाने तैयार कांग्रेस: ज्योतिरादित्य सिंधिया की ग्वालियर में बढ़ती सक्रियता और अलग-अलग समाजों की बैठक को लेकर कांग्रेस का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि 'बीजेपी जो कहती है कि हमारे यहां जातिगत राजनीति नहीं होती है, लेकिन उन्हें ग्वालियर में आकर देखना चाहिए कि सिंधिया क्या कर रहे हैं. सिंधिया को यह आभास हो गया है कि इस आगामी विधानसभा चुनाव में उनके पूरे समर्थक बुरी तरह हार रहे हैं. इसलिए अपनी इज्जत बचाने के लिए वह जगह-जगह जातिगत वोटों को साधने में लगे हैं, लेकिन अब की बार यहां की जनता सिंधिया और उनके समर्थकों को गद्दारी का सबक सिखाने के लिए तैयार है.'

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सिंधिया ने दिया कांग्रेस को जवाब: कांग्रेस के इस बयान पर बीजेपी का पलटवार सामने आया है ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 'मैं उस में रुचि नहीं रख रहा कि कांग्रेस क्या कर रही है. भारतीय जनता पार्टी की सोच रही है कि सबका साथ और सबका विकास और सब का प्रयास. उसी सोच और विचारधारा के आधार पर हमारा दायित्व है कि अलग-अलग समाज को प्रदेश और देश के विकास में जोड़ा जाए. भारत एक गुलदस्ता है और उस गुलदस्ते में हर समाज का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. सिंधिया परिवार का ग्वालियर के लोगों से पुराना संबंध है. इन उद्देश्यों के साथ अलग-अलग समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं. ग्वालियर सदैव एक गुलदस्ता रहा है और उसी गुलदस्ते को मजबूती प्रदान करना और सब को साथ में लेकर चलना हमारा दायित्व है.'

ग्वालियर में सक्रिय सिंधिया: माधवराव सिंधिया के दुर्घटना में हुई मौत के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 2002 में चार लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की. ज्योतिरादित्य सिंधिया अब लगातार ग्वालियर में सक्रिय हैं और अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं. अगर सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ते हैं, तो सबसे पहले उनके सामने चुनौती होगी, बीजेपी के पुराने नेताओं को एकजुट करना होगा. इसके साथ ही बीजेपी में लगातार बढ़ रही गुटबाजी सिंधिया के लिए बड़ी परेशानी सामने आएगी. इसलिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी से ही चुनावी बिसात बिछाने लगे हैं और वह लगातार जातिगत वोटों को साधने के अलावा उन लोगों से भी संपर्क कर अपना बनाने में लगे हैं, जो उनके विरोध में हमेशा खड़े रहते थे.

सिंधिया को सता रही चिंता

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कुछ महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां सक्रिय है, लेकिन चंबल-अंचल में इन दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विधानसभा चुनाव के साथ-साथ मिशन 2024 के लिए काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि अपनी पारिवारिक लोकसभा सीट गुना को छोड़कर उन्होंने ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है. यही कारण है कि ग्वालियर में काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. सिंधिया लगातार ग्वालियर में डेरा डाले हुए हैं और इस दौरान वह समाज के अलग-अलग संगठनों से मेल मुलाकात और उनके कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर आए हुए थे. इस दौरान उन्होंने 2 दर्जन से अधिक अलग-अलग समाज के संगठनों से मेल मुलाकात की. इससे स्पष्ट होता है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आगामी लोकसभा का चुनाव इसी ग्वालियर से लड़ने वाले हैं.

अपने गढ़ में हारे थे सिंधिया: ग्वालियर में लगातार सक्रिय भूमिका से ऐसा लग रहा है कि 'महाराज' का शिवपुरी-गुना लोकसभा सीट से मोहभंग हो गया है. गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र को ग्वालियर सिंधिया राजघराने का गढ़ माना जाता है, क्योंकि उपचुनाव सहित 20 चुनाव में सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधियों को 14 बार जीत मिली. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजयाराजे सिंधिया 6 बार, पिता माधवराव सिंधिया चार बार और खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया 4 बार चुनाव जीते हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को उन्हीं के कार्यकर्ता ने करारी शिकस्त दी थी. यही वजह है कि अब महाराज का गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से मोहभंग होता हुआ नजर आ रहा है.

ग्वालियर में सिंधिया लगातार कर रहे बैठक: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य को अब अपनी चिंता सताने लगी है. सिंधिया अब ग्वालियर में अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं और लगातार ग्वालियर में सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया अलग-अलग समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं. वह ग्वालियर में अलग-अलग समाजों में अपनी पैठ बनाते हुए नजर आ रहे हैं. सिंधिया ने 3 दिन में खटीक समाज, पंजाबी समाज, वाल्मिक समाज, रजक समाज, जैन समाज, ब्राह्मण समाज सहित अन्य समाजों के साथ बैठक की. इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में हो रहे विकास कार्यों का भी निरीक्षण समय-समय पर कर रहे हैं.

गद्दारी का सबक सिखाने तैयार कांग्रेस: ज्योतिरादित्य सिंधिया की ग्वालियर में बढ़ती सक्रियता और अलग-अलग समाजों की बैठक को लेकर कांग्रेस का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि 'बीजेपी जो कहती है कि हमारे यहां जातिगत राजनीति नहीं होती है, लेकिन उन्हें ग्वालियर में आकर देखना चाहिए कि सिंधिया क्या कर रहे हैं. सिंधिया को यह आभास हो गया है कि इस आगामी विधानसभा चुनाव में उनके पूरे समर्थक बुरी तरह हार रहे हैं. इसलिए अपनी इज्जत बचाने के लिए वह जगह-जगह जातिगत वोटों को साधने में लगे हैं, लेकिन अब की बार यहां की जनता सिंधिया और उनके समर्थकों को गद्दारी का सबक सिखाने के लिए तैयार है.'

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सिंधिया ने दिया कांग्रेस को जवाब: कांग्रेस के इस बयान पर बीजेपी का पलटवार सामने आया है ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 'मैं उस में रुचि नहीं रख रहा कि कांग्रेस क्या कर रही है. भारतीय जनता पार्टी की सोच रही है कि सबका साथ और सबका विकास और सब का प्रयास. उसी सोच और विचारधारा के आधार पर हमारा दायित्व है कि अलग-अलग समाज को प्रदेश और देश के विकास में जोड़ा जाए. भारत एक गुलदस्ता है और उस गुलदस्ते में हर समाज का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. सिंधिया परिवार का ग्वालियर के लोगों से पुराना संबंध है. इन उद्देश्यों के साथ अलग-अलग समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं. ग्वालियर सदैव एक गुलदस्ता रहा है और उसी गुलदस्ते को मजबूती प्रदान करना और सब को साथ में लेकर चलना हमारा दायित्व है.'

ग्वालियर में सक्रिय सिंधिया: माधवराव सिंधिया के दुर्घटना में हुई मौत के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 2002 में चार लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की. ज्योतिरादित्य सिंधिया अब लगातार ग्वालियर में सक्रिय हैं और अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं. अगर सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ते हैं, तो सबसे पहले उनके सामने चुनौती होगी, बीजेपी के पुराने नेताओं को एकजुट करना होगा. इसके साथ ही बीजेपी में लगातार बढ़ रही गुटबाजी सिंधिया के लिए बड़ी परेशानी सामने आएगी. इसलिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी से ही चुनावी बिसात बिछाने लगे हैं और वह लगातार जातिगत वोटों को साधने के अलावा उन लोगों से भी संपर्क कर अपना बनाने में लगे हैं, जो उनके विरोध में हमेशा खड़े रहते थे.

Last Updated : Jul 31, 2023, 4:26 PM IST
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