ग्वालियर। मध्य प्रदेश में BSC नर्सिंग सेकंड ईयर की परीक्षा की रोक के मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में सुनवाई हुई है. इस दौरान जबलपुर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और कुलसचिव पेश हुए. कुलसचिव ने अपना शपथ पत्र हाईकोर्ट में पेश किया है. साथ ही कहा है जो अधिसूचना पत्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक द्वारा निकाल गया था, उस मामले में परीक्षा नियंत्रक को नोटिस जारी किया गया है.
कोर्ट ने लगाई थी परीक्षा पर रोक: दरअसल 19 सितंबर को जबलपुर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से एक आदेश जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि बीएससी नर्सिंग के सेकंड ईयर की परीक्षा 2022 आयोजित की जा रही है. इस परीक्षा में कुछ नर्सिंग विश्वविद्यालय के विद्यार्थी संबद्धता एवं नामांकन के अभाव में परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे विश्वविद्यालय और उनके विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित करा रहा है, वो इसमें भाग ले सकता है. जिसको लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने इसको गंभीर माना था. साथ ही पूरी परीक्षा पर रोक लगा दी गयी थी. साथ ही विश्वविद्यालय के कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक को नोटिस जारी किया था. कुलसचिव को इस मामले में शपथ पत्र पेश करने के लिए कहा गया था.
27 जनवरी को अगली सुनवाई: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे ने तर्क दिया कि मेडिकल विश्वविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा कराने जा रहा था, जिनके न नामांकन हुए हैं कॉलेजों को संबद्धता भी नहीं है. परीक्षा कराने को लेकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. इसके लिए जो भी दोषी है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. नर्सिंग कॉलेज लगातार घोटाला कर रहे हैं और ऐसे विद्यार्थियों को नर्सिंग की डिग्री दे रहे हैं, जिन्हें कोई अनुभव नहीं है. हाईकोर्ट ने इस मामले को कफी गंभीरता से लिया और परीक्षा पर रोक लगा दी. वहीं हाईकोर्ट ने अंचल के 35 कॉलेजों के संबद्धता व मान्यता के फर्जीवाड़े को संज्ञान में लेते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. साथ ही मध्य प्रदेश नर्सिंग कौंसिल का रिकार्ड भी सीज कराया था. बहरहाल इस मामले में अभी सीबीआई ने अपना जवाब पेश नहीं किया है. अब मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को है.