ग्वालियर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरें बीते दस दिनों से मीडिया में है. गुरुवार को भोपाल में हुई भाजपा टिकट चयन समिति की बैठक के बाद निकली खबरों में कहा गया कि सिंधिया ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. इससे लगा था कि इसके बाद सिंधिया को लेकर चल रही अटकलबाजी थम जाएगी, लेकिन आज सिंधिया के दफ्तर से आधिकारिक तौर पर विधानसभा चुनाव न लड़ने की खबर को गलत बताया गया, तो राजनीति में भूचाल आ गया. वहीं इसको लेकर कांग्रेस भी तंज कस रही है.
गुरुवार को हाई कमान की बैठक के बाद फैली अफवाह: बीते गुरुवार को भोपाल में भाजपा की हाई लेबल बैठक हुई थी. इसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सिंधिया भी थे. बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई कि सिंधिया ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. यह खबर बाहर आते ही मीडिया में आग की तरह फैल गई. इस खबर के बाद दिल्ली में सिंधिया के ऑफिस द्वारा सफाई दी गई है. सिंधिया के ऑफिस ने बकायदा मीडिया के लोगों को संदेश भेजकर सिंधिया के चुनाव लड़ने से इंकार को गलत करार दिया है. इसमें लिखा है कि "आज सुबह से एक खबर कुछ मीडिया संस्थान के द्वारा प्रसारित की गई है, की केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भोपाल में कोर कमिटी मीटिंग में स्वयं विधानसभा चुनाव लड़ने से मना किया है! यह खबर पूर्णतः आधारहीन व फर्जी है.
चुनाव न लड़ने की खबर को सिंधिया ने बताया अफवाह: आपको बता दें कि सुबह से कुछ मीडिया संस्थानों में खबर चल रही है कि भोपाल में हुई मध्य प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में 94 विधानसभा सीटों को लेकर नाम पर चर्चा की गई. बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने चुनाव लड़ने पर असहमति जताई है. सिंधिया ने कहा कि "अगर सारे लोग चुनाव लड़ेंगे, तो फिर प्रचार कौन करेगा. मेरी जगह किसी कार्यकर्ता को मौका दिया जाना चाहिए. जिस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के जनसंपर्क कार्यालय से सफाई देकर खबर को पूरी तरह भ्रामक बताया गया है.
कांग्रेस ने पूछा इतने भयभीत क्यों सिंधिया: इस खबर को लेकर कांग्रेस भी लगातार तंज कसती हुई नजर आ रही है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि टिकट को लेकर सिंधिया इतने भयभीत क्यों है? जिस तरीके से मीडिया में जो खबर आई, उसके बाद इतना भयभीत क्यों हो गए कि उन्हें तत्काल ही सफाई देनी पड़ी. कांग्रेस का कहना है कि सिंधिया को पार्टी गलती से टिकट न दे दे, क्योंकि जमीन स्तर पर उनका अब कोई जनाधार नहीं बचा है.