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विदिशा के ऐतिहासिक पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर की कौन लेगा सुध? - VIDISHA PASHUPATINATH TEMPLE

विदिशा का पंचमुखी महादेव मंदिर अमूल्य धरोहर है. इसके बाद भी यहां का रखरखाव नहीं होने से लोग आहत हैं.

vidisha Pashupatinath temple
विदिशा का पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर उपेक्षा का शिकार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 25, 2025, 6:18 PM IST

विदिशा: जहां एक ओर महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों को जगमगाया जा रहा है, वहीं विदिशा का ऐतिहासिक पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर उपेक्षा का शिकार है. शहर के बीचोंबीच स्थित ये मंदिर प्राचीन धरोहर है, जो धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व से ओतप्रोत है. यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि अपने गौरवशाली अतीत और उपेक्षा की मार झेलने के कारण चर्चा का विषय है.

मंदिर में 300 साल पुरानी मूर्ति

विदिशा के व्यस्ततम क्षेत्र तिलक चौक से कुछ ही दूरी पर स्थित यह मंदिर नंदवाना मोहल्ले में है. यह मोहल्ला अपने धार्मिक महत्व के लिए पहले से प्रसिद्ध है. यहां साल में एक बार खुलने वाला श्री राधा रानी मंदिर, श्री जी मंदिर और बड़े बालाजी का मंदिर भी स्थित हैं. इन्हीं मंदिरों की श्रृंखला में भगवान भोलेनाथ का यह पंचमुखी पशुपतिनाथ रूप भी विद्यमान है. इस मंदिर की मूर्ति लगभग 300 वर्ष है. जब नंदवाना मोहल्ले का बसाव हुआ, तभी इस मंदिर का भी निर्माण हुआ.

इतिहासकार एडवोकेट गोविंद देवलिया (ETV BHARAT)

पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर का इतिहास

इतिहासकार एडवोकेट गोविंद देवलिया के अनुसार "300 साल पहले यह वही कालखंड था, जब मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मथुरा-वृंदावन के मंदिरों पर आक्रमण किया गया, जिस कारण अनेक मूर्तियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. माना जाता है कि विदिशा का यह मंदिर भी उसी समय के दौरान बना था. यह मंदिर सेठ जुगलकिशोर-नंदकिशोर के नाम से भी जाना जाता है, जो अग्रवाल समाज के बड़े व्यापारी रहे हैं. कालांतर में सेठ जुगलकिशोर का परिवार भोपाल चला गया और नंदकिशोर का परिवार भी मंदिर वाले मकान से दूर हो गया. दोनों परिवारों के बीच संपत्ति विवाद होने के कारण मंदिर वाले मकान की हालत जर्जर होती चली गई."

vidisha Pashupatinath temple
विदिशा में विराजमान पंचमुखी महादेव मंदिर अमूल्य धरोहर (ETV BHARAT)
vidisha Pashupatinath temple
पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर खंडहर होता जा रहा है (ETV BHARAT)
vidisha Pashupatinath temple
पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर (ETV BHARAT)
vidisha Pashupatinath temple
विदिशा में विराजमान पंचमुखी महादेव (ETV BHARAT)

पंचमुखी महादेव की प्रतिमा अद्वितीय

मंदिर की सेवा और पूजन-अर्चन के लिए इनके पूर्वजों ने विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित मोतीलाल को नियुक्त किया था. उनके बाद उनके पुत्रगण पारंपरिक पूजन से दूर होते चले गए और मंदिर की देखरेख में भी कमी आ गई. इस मंदिर में स्थापित 300 वर्षों से अधिक पुरानी पंचमुखी महादेव की यह प्रतिमा अद्वितीय है, जिसकी उपेक्षा से शहरवासी आहत हैं.

विदिशा: जहां एक ओर महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों को जगमगाया जा रहा है, वहीं विदिशा का ऐतिहासिक पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर उपेक्षा का शिकार है. शहर के बीचोंबीच स्थित ये मंदिर प्राचीन धरोहर है, जो धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व से ओतप्रोत है. यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि अपने गौरवशाली अतीत और उपेक्षा की मार झेलने के कारण चर्चा का विषय है.

मंदिर में 300 साल पुरानी मूर्ति

विदिशा के व्यस्ततम क्षेत्र तिलक चौक से कुछ ही दूरी पर स्थित यह मंदिर नंदवाना मोहल्ले में है. यह मोहल्ला अपने धार्मिक महत्व के लिए पहले से प्रसिद्ध है. यहां साल में एक बार खुलने वाला श्री राधा रानी मंदिर, श्री जी मंदिर और बड़े बालाजी का मंदिर भी स्थित हैं. इन्हीं मंदिरों की श्रृंखला में भगवान भोलेनाथ का यह पंचमुखी पशुपतिनाथ रूप भी विद्यमान है. इस मंदिर की मूर्ति लगभग 300 वर्ष है. जब नंदवाना मोहल्ले का बसाव हुआ, तभी इस मंदिर का भी निर्माण हुआ.

इतिहासकार एडवोकेट गोविंद देवलिया (ETV BHARAT)

पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर का इतिहास

इतिहासकार एडवोकेट गोविंद देवलिया के अनुसार "300 साल पहले यह वही कालखंड था, जब मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मथुरा-वृंदावन के मंदिरों पर आक्रमण किया गया, जिस कारण अनेक मूर्तियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. माना जाता है कि विदिशा का यह मंदिर भी उसी समय के दौरान बना था. यह मंदिर सेठ जुगलकिशोर-नंदकिशोर के नाम से भी जाना जाता है, जो अग्रवाल समाज के बड़े व्यापारी रहे हैं. कालांतर में सेठ जुगलकिशोर का परिवार भोपाल चला गया और नंदकिशोर का परिवार भी मंदिर वाले मकान से दूर हो गया. दोनों परिवारों के बीच संपत्ति विवाद होने के कारण मंदिर वाले मकान की हालत जर्जर होती चली गई."

vidisha Pashupatinath temple
विदिशा में विराजमान पंचमुखी महादेव मंदिर अमूल्य धरोहर (ETV BHARAT)
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पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर खंडहर होता जा रहा है (ETV BHARAT)
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पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदिर (ETV BHARAT)
vidisha Pashupatinath temple
विदिशा में विराजमान पंचमुखी महादेव (ETV BHARAT)

पंचमुखी महादेव की प्रतिमा अद्वितीय

मंदिर की सेवा और पूजन-अर्चन के लिए इनके पूर्वजों ने विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित मोतीलाल को नियुक्त किया था. उनके बाद उनके पुत्रगण पारंपरिक पूजन से दूर होते चले गए और मंदिर की देखरेख में भी कमी आ गई. इस मंदिर में स्थापित 300 वर्षों से अधिक पुरानी पंचमुखी महादेव की यह प्रतिमा अद्वितीय है, जिसकी उपेक्षा से शहरवासी आहत हैं.

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