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स्पेशल: 'मुरझाए' मैरिज गार्डन, लोग वापस लेने लगे शादियों की एडवांस बुकिंग

साल 2020 से जब कोरोना महामारी की शुरुआत हुई उसके बाद से शादियां और इससे जुड़ा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सरकार ने कोरोना कर्फ्यू के दूसरे दौर में भी शादियों के लेकर गाइड लाइन जारी कर दी है. जिसके बाद एडवांस बुकिंग करा चुके लोग मैरिज गार्डन संचालकों से बुकिंग वापस मांगने लगे हैं.

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Published : Apr 10, 2021, 7:14 PM IST

ग्वालियर. कोरोना महामारी के आने के बाद वैसे तो कई सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खराब स्थिति से जूझ रहा है शादी-विवाह से जुड़ा कारोबार. लोगों की खुशियों को यादगार बनाने बनाने में बड़ी भूमिका निभाना वाल मैरिज गार्डन, कैटरिंग ,डेकोरेशन और सेक्टर की खुशियों पर एक बार फिर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच शादियों में शामिल होने वाले लोगों को लेकर गाइड लाइन जारी होने के बाद एडवांस में मैरिज गार्डन बुक करा चुके लोग अब अपनी बुकिंग वापस मांगने लगे हैं.

ग्वालियर मैरिज गार्डन

पहले से ही कर्ज में डूबे हैं संचालक
बीते साल में भी बुरे दौर से गुजर चुका यह कारोबार इस साल जैसे-तैसे शुरू तो हुआ, लेकिन शुरु होते ही फिर लड़खड़ाने लगा है. कारोबारियों ने कर्ज लेकर कारोबार की शुरुआत तो कर ली लेकिन मौजूदा हालात देखते हुए उन्हें डर सताने लगा है कि कहीं यह कोरोना कर्फ्यू लंबे समय तक न बढ़ जाए. उनका कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो वे पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे. सभी मैरिज गार्डन और इससे जुड़े दूसरे कारोबारी भी कर्ज में डूब चुके हैं।

लोग कैंसिल करा रहे हैं एडवांस बुकिंग

इस साल 2021 की शुरुआत में लोगों ने शादियों के लिए मैरिज गार्डन एडवांस में ही बुक करवा लिए थे. ग्वालियर शहर में जून तक 500 से अधिक शादियों की एडवांस बुकिंग मैरिज गार्डन के पास आ चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ने और गाइडलाइन जारी होने के बाद लोग शादियों की एडवांस बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं। इस कारण मैरिज गार्डन कारोबारी और केंट कैटर्स कारोबारी काफी परेशानी में है। शहर में 400 से ज्यादा मैरिज गार्डन हैं.

10 हजार से ज्यादा परिवार प्रभावित
पिछले साल से ही मैरिज गार्डन और इससे जुड़े दूसरे काम पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं. मैरिज गार्डन के साथ-साथ टेंट, क्रोकरी , हलवाई सहित अन्य लोग भी शामिल है। लगभग 10 हजार परिवार पूरी तरह प्रभावित हैं जिनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. शादियों के कारोबार से जुड़े लोग अब सरकार से किसी राहत भरे एलान की उम्मीद लगाए हैं. प्रभावित कारोबारियों का कहना है कि अगर इस बार सरकार से उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो उनके पास सिर्फ भुखमरी आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा कोई रास्ता नहीं बचेगा.

ग्वालियर. कोरोना महामारी के आने के बाद वैसे तो कई सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खराब स्थिति से जूझ रहा है शादी-विवाह से जुड़ा कारोबार. लोगों की खुशियों को यादगार बनाने बनाने में बड़ी भूमिका निभाना वाल मैरिज गार्डन, कैटरिंग ,डेकोरेशन और सेक्टर की खुशियों पर एक बार फिर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच शादियों में शामिल होने वाले लोगों को लेकर गाइड लाइन जारी होने के बाद एडवांस में मैरिज गार्डन बुक करा चुके लोग अब अपनी बुकिंग वापस मांगने लगे हैं.

ग्वालियर मैरिज गार्डन

पहले से ही कर्ज में डूबे हैं संचालक
बीते साल में भी बुरे दौर से गुजर चुका यह कारोबार इस साल जैसे-तैसे शुरू तो हुआ, लेकिन शुरु होते ही फिर लड़खड़ाने लगा है. कारोबारियों ने कर्ज लेकर कारोबार की शुरुआत तो कर ली लेकिन मौजूदा हालात देखते हुए उन्हें डर सताने लगा है कि कहीं यह कोरोना कर्फ्यू लंबे समय तक न बढ़ जाए. उनका कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो वे पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे. सभी मैरिज गार्डन और इससे जुड़े दूसरे कारोबारी भी कर्ज में डूब चुके हैं।

लोग कैंसिल करा रहे हैं एडवांस बुकिंग

इस साल 2021 की शुरुआत में लोगों ने शादियों के लिए मैरिज गार्डन एडवांस में ही बुक करवा लिए थे. ग्वालियर शहर में जून तक 500 से अधिक शादियों की एडवांस बुकिंग मैरिज गार्डन के पास आ चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ने और गाइडलाइन जारी होने के बाद लोग शादियों की एडवांस बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं। इस कारण मैरिज गार्डन कारोबारी और केंट कैटर्स कारोबारी काफी परेशानी में है। शहर में 400 से ज्यादा मैरिज गार्डन हैं.

10 हजार से ज्यादा परिवार प्रभावित
पिछले साल से ही मैरिज गार्डन और इससे जुड़े दूसरे काम पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं. मैरिज गार्डन के साथ-साथ टेंट, क्रोकरी , हलवाई सहित अन्य लोग भी शामिल है। लगभग 10 हजार परिवार पूरी तरह प्रभावित हैं जिनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. शादियों के कारोबार से जुड़े लोग अब सरकार से किसी राहत भरे एलान की उम्मीद लगाए हैं. प्रभावित कारोबारियों का कहना है कि अगर इस बार सरकार से उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो उनके पास सिर्फ भुखमरी आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा कोई रास्ता नहीं बचेगा.

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