ग्वालियर. मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होने के बाद अब राजनीतिक पार्टियों ने लोकसभा चुनाव (Loksabha elections 2024) की तैयारी शुरू कर दी है। यही कारण है कि इस बार लोकसभा के चुनाव में टिकट को लेकर सैकड़ों नेता दावेदारी ठोक रहे हैं और यही हाल चंबल की मुरैना और ग्वालियर लोकसभा सीट पर देखने मिल रहा है. इस सीट से सांसद रहे नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद यह सीट खाली हो गई है। अब इस सीट पर बीजेपी के तमाम बड़े दिग्गज अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में लगे हैं. स्थिति 'एक अनार सौ बीमार' जैसी बनने लगी हैं.
बीजेपी-कांग्रेस का चंबल में डेरा
इस साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने संगठन स्तर पर जमावट शुरू कर दी है. यही कारण है कि कांग्रेस की ओर से खुद प्रदेश अध्यक्ष और मध्य प्रदेश प्रभारी चंबल में 2 दिन से डेरा डाले हुए हैं. वे लगातार मंडल अध्यक्ष से लेकर जिले के सभी संगठन पर अधिकारियों के साथ बैठक भी कर रहे हैं. वहीं ग्वालियर में बीजेपी के दर्जनों ऐसे उम्मीदवार है जो लोकसभा सीट के लिए अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं और अपने आप को दौड़ में शामिल कर रहे हैं. इसमें पहला नाम केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का है.
तोमर की सीट खाली होने से बदले समीकरण
ग्वालियर लोकसभा सीट (Gwalior loksabha seat) से जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia), वर्तमान सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया का नाम आगे है. वहीं मुरैना लोकसभा सीट (Morena loksabha seat) भी दावेदारों की संख्या कम नहीं है. यहां भी कई नेता लोकसभा चुनाव लड़ने की दौड़ में शामिल हो गए हैं, क्योंकि यहां से सांसद रहे नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने के बाद यह सीट खाली हो चुकी है. इसके अलावा ग्वालियर सीट से पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के चुनाव लड़ने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. बता दें कि पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) को मप्र विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.
ग्वालियर सीट पर कांग्रेसी भी एक्टिव
ग्वालियर लोकसभा सीट के लिए कांग्रेसी भी एक्टिव हो गए हैं, उम्मीदवार के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं जिनमे भगवान सिंह यादव, अशोक सिंह के नाम हैं. जबकि युवाओं में पूर्व विधायक प्रवीण पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह और युवा नेता केदार कंसाना भी चेहरा बन सकते हैं. केदार ने विधानसभा में भी ग्रामीण में प्रचार की कमान संभाली थी पार्टी से बगावत नहीं करने और साथ देने पर उनको इनाम के रूप में चेहरा बनाया जा सकता है. वहीं मुरैना लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में सबसे पहला नाम बीजेपी से निष्कासित हुए और पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार का आ रहा है. बताया जा रहा है कि वह कांग्रेस पार्टी जॉइन कर सकते हैं और उन्हें लोकसभा का टिकट मिल सकता है. इसके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष और इस बार विधानसभा चुनाव हारे डॉ. गोविंद सिंह भी यहां से लोकसभा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं.
लोकसभा सीटों को लेकर बयानबाजी शुरू
बीजेपी के प्रदेश मंत्री लोकेंद्र पाराशर ने कहा, 'इन लोकसभा सीटों पर जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा वह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा. आदरणीय मोदी जी के विकास कार्यों की लिस्ट जनता के सामने होगी और इसी के आधार पर मोदी जी को आधार मानकर जनता बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीतने का काम करेगी.' वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है, 'ग्वालियर और मुरैना लोकसभा सीट के लिए बीजेपी में अभी से गुटबाजी शुरू हो गई है वह भी चुनाव लड़ना चाहते हैं जो विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं इसलिए अबकी बार बीजेपी के लिए आसान नहीं है.