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उपचुनाव से पहले संगठन मजबूत करने में जुटी कांग्रेस, बनाए गए दस नए अध्यक्ष - पीसीसी न्यूज भोपाल

ग्वालियर शहर में कांग्रेस हाईकमान ने आगामी विधानसभा उपचुनावों के पहले अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच की कलह को शांत करने के लिए दस नए अध्यक्ष बनाए हैं. इसको लेकर बीजेपी का कहना है कि, 'कांग्रेस दस नहीं सौ अध्यक्ष बना ले, लेकिन जीरो से आगे नहीं बढ़ेगी'.

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Published : Jun 20, 2020, 9:56 PM IST

ग्वालियर। विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों को लेकर मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में कांग्रेस हाईकमान ने आगामी उपचुनावों के पहले अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच की कलह को शांत करने के लिए दस नए अध्यक्ष बनाए हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में एक अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. दूसरी तरफ वरिष्ठ नेता अशोक सिंह को ग्रामीण अध्यक्ष चुना गया और उनके साथ ग्रामीण कांग्रेस के भी चार कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए गए हैं.

कांग्रेस में बड़ा बदलाव
बीजेपी का कहना है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद और उनके साथ अधिकतर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद जिला कांग्रेस कमेटी में अफरा तफरी का माहौल है. इससे पहले हर नियुक्ति पर महल की मुहर लगती थी, लेकिन अब कांग्रेस में सभी पुराने कार्यकर्ताओं में पद की लालसा नजर आने लगी है. बीजेपी का दावा है कि, सिंधिया के आने के बाद कांग्रेस के बचे हुए कार्यकर्ता भी अब बीजेपी में आ जाएंगे.वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि, 'कांग्रेस इससे पहले कभी इतनी मजबूती से नहीं उभरी है. दस अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने जमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया है. कांग्रेस और ज्यादा दुरूस्त हुई है. इन उपचुनावों में निश्चित ही जीत हासिल करेगी'.मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि, 'कांग्रेस दस नहीं सौ अध्यक्ष बना ले, लेकिन जीरो से आगे नहीं बढ़ेगी. ग्वालियर- अंचल में सिंधिया की कांग्रेस थी उनके भाजपा में आने से कांग्रेस ओछी राजनीति पर उतर आई है. जिस सिंधिया के बिना पत्ता भी नहीं हिलता था, अब उन्हीं पर आरोप लगा रही है.

ग्वालियर। विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों को लेकर मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में कांग्रेस हाईकमान ने आगामी उपचुनावों के पहले अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच की कलह को शांत करने के लिए दस नए अध्यक्ष बनाए हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में एक अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. दूसरी तरफ वरिष्ठ नेता अशोक सिंह को ग्रामीण अध्यक्ष चुना गया और उनके साथ ग्रामीण कांग्रेस के भी चार कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए गए हैं.

कांग्रेस में बड़ा बदलाव
बीजेपी का कहना है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद और उनके साथ अधिकतर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद जिला कांग्रेस कमेटी में अफरा तफरी का माहौल है. इससे पहले हर नियुक्ति पर महल की मुहर लगती थी, लेकिन अब कांग्रेस में सभी पुराने कार्यकर्ताओं में पद की लालसा नजर आने लगी है. बीजेपी का दावा है कि, सिंधिया के आने के बाद कांग्रेस के बचे हुए कार्यकर्ता भी अब बीजेपी में आ जाएंगे.वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि, 'कांग्रेस इससे पहले कभी इतनी मजबूती से नहीं उभरी है. दस अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने जमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया है. कांग्रेस और ज्यादा दुरूस्त हुई है. इन उपचुनावों में निश्चित ही जीत हासिल करेगी'.मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि, 'कांग्रेस दस नहीं सौ अध्यक्ष बना ले, लेकिन जीरो से आगे नहीं बढ़ेगी. ग्वालियर- अंचल में सिंधिया की कांग्रेस थी उनके भाजपा में आने से कांग्रेस ओछी राजनीति पर उतर आई है. जिस सिंधिया के बिना पत्ता भी नहीं हिलता था, अब उन्हीं पर आरोप लगा रही है.
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