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सिंधिया के राज्यसभा में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई, अतिरिक्त महाधिवक्ता के पैरवी करने पर आपत्ति

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी के सिंधिया की तरफ से पेश होने पर आपत्ति जताई गई.

jyotiraditya scindia
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
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Published : Mar 3, 2023, 7:17 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शुक्रवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. ये याचिका पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह द्वारा लगाई गई थी. सुनवाई के दौरान उनके वकील ने सिंधिया की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी के पेश होने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने तर्क दिया कि अतिरिक्त महाधिवक्ता इलेक्शन पिटिशन में पेश नहीं हो सकते हैं. यह नियमों के विरुद्ध है.

17 मार्च को कोर्ट में जवाब पेश करेंगे मोदीः सुनवाई कर रही सिंगल बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी से पूछा है कि वह इलेक्शन पिटिशन में कैसे पेश हो सकते हैं. मोदी को 17 मार्च को जवाब पेश करना है. बता दें कि सिंधिया के खिलाफ इस इलेक्शन पिटिशन में आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने नामांकन पत्र में अधूरी जानकारी दी है. सिंधिया ने खुद पर दर्ज कुछ मामलों को छुपाया है. साल 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय और उस समय कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसकी जानकारी सिंधिया ने राज्यसभा के नामांकन पत्र में नहीं दी.

पुलिसकर्मियों की याचिका खारिजः इंदौर की जिला कोर्ट ने पिछले दिनों चंदन नगर थाना प्रभारी दिलीप पुरी और वहां पदस्थ सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए थे. इन दोनों ने हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में आवनेदन लगाया था कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग खारिज की जाए. हाई कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई कर पुलिसकर्मियों की इस याचिका को खारिज कर दिया है.

ये है पूरा मामलाः इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले युवक आकाश ने थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर की प्रताड़ना से तंग आकर अपने घर में आत्महत्या कर ली थी. आकाश एक युवती से प्रेम करता था. जब इस बात की जानकारी युवती के परिवार वालों के परिचित थाना प्रभारी दिलीप पुरी और सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा को लगी तो उन्होंने युवक को थाने बुलाकर पीटा और उसके साथ अभद्रता भी की. युवक जब थाने से छूटा तो उसने पुरी और शर्मा की प्रताड़ना से संबंधित मैसेज बनाकर संबंधित लोगों को भेजा और आत्महत्या कर ली थी.

Must Read:- ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़ी खबरें

हाई कोर्ट ने प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए: आकाश के परिजन ने थाना प्रभारी दिलीप पुरी और सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर याचिका जिला कोर्ट में लगाई थी. इस पर कोर्ट ने दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ 20 धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए थे. इस आदेश के खिलाफ दोनों पुलिसकर्मियों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई. जहां उनकी याचिका खारिज कर कोर्ट ने जल्द प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शुक्रवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. ये याचिका पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह द्वारा लगाई गई थी. सुनवाई के दौरान उनके वकील ने सिंधिया की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी के पेश होने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने तर्क दिया कि अतिरिक्त महाधिवक्ता इलेक्शन पिटिशन में पेश नहीं हो सकते हैं. यह नियमों के विरुद्ध है.

17 मार्च को कोर्ट में जवाब पेश करेंगे मोदीः सुनवाई कर रही सिंगल बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी से पूछा है कि वह इलेक्शन पिटिशन में कैसे पेश हो सकते हैं. मोदी को 17 मार्च को जवाब पेश करना है. बता दें कि सिंधिया के खिलाफ इस इलेक्शन पिटिशन में आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने नामांकन पत्र में अधूरी जानकारी दी है. सिंधिया ने खुद पर दर्ज कुछ मामलों को छुपाया है. साल 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय और उस समय कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसकी जानकारी सिंधिया ने राज्यसभा के नामांकन पत्र में नहीं दी.

पुलिसकर्मियों की याचिका खारिजः इंदौर की जिला कोर्ट ने पिछले दिनों चंदन नगर थाना प्रभारी दिलीप पुरी और वहां पदस्थ सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए थे. इन दोनों ने हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में आवनेदन लगाया था कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग खारिज की जाए. हाई कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई कर पुलिसकर्मियों की इस याचिका को खारिज कर दिया है.

ये है पूरा मामलाः इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले युवक आकाश ने थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर की प्रताड़ना से तंग आकर अपने घर में आत्महत्या कर ली थी. आकाश एक युवती से प्रेम करता था. जब इस बात की जानकारी युवती के परिवार वालों के परिचित थाना प्रभारी दिलीप पुरी और सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा को लगी तो उन्होंने युवक को थाने बुलाकर पीटा और उसके साथ अभद्रता भी की. युवक जब थाने से छूटा तो उसने पुरी और शर्मा की प्रताड़ना से संबंधित मैसेज बनाकर संबंधित लोगों को भेजा और आत्महत्या कर ली थी.

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हाई कोर्ट ने प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए: आकाश के परिजन ने थाना प्रभारी दिलीप पुरी और सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर याचिका जिला कोर्ट में लगाई थी. इस पर कोर्ट ने दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ 20 धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए थे. इस आदेश के खिलाफ दोनों पुलिसकर्मियों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई. जहां उनकी याचिका खारिज कर कोर्ट ने जल्द प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं.

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