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चुनावी साल में BJP के लिए परेशानी बन रहीं उमा, पहले वोट न देने की अपील, अब पहुंची प्रीतम लोधी के घर

मध्यप्रदेश में इस साल चुनाव होना है. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अपने तरफ से तैयारियों में जुट गई है. इस बीच बीजेपी से निष्कासित प्रीतम लोधी के गांव पूर्व सीएम उमा भारती पहुंची, जहां उन्होंने लोधी के तारीफों की पुल बांध दी. गांव वालों का चौपाल लगाकर उन्होंने कई सारे बयान दिए.

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प्रीतम लोधी के घर पहुंचीं उमा भारती
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Published : Jan 8, 2023, 3:44 PM IST

प्रीतम लोधी के घर पहुंचीं उमा भारती

ग्वालियर। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, मध्यप्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी की मुसीबतें कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ चंबल अंचल में सिंधिया समर्थकों और बीजेपी के लोगों की दूरियां कम होने के नाम नहीं ले रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेता साध्वी उमा भारती भी रोज नए बयान देकर दिक्कतें पैदा कर रही हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने लोधियों से बीजेपी को वोट न देने को लेकर बयान दिया था, अब रविवार को वे अचानक बीजेपी के लिए मुसीबत बन रहे निष्कासित नेता प्रीतम लोधी के जलालपुर स्थित गांव पहुंच गईं. इतना ही नहीं उमा भारती ने वहां गांव वालों की चौपाल लगाकर लोधी की जमकर तारीफ की. यहां तक कहा कि पार्टी से निकाले जाने के बाद वे मुझसे भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं. हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है क्योंकि वे शोषित और पीड़ितों की आवाज बन रहे हैं.

बीजेपी पिछड़े वर्गों के साथ नहीं करती अन्याय: उमा भारती ग्वालियर के पुरानी छावनी स्थित गांव जलालपुर पहुंची, जहां भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. वे सड़क पर ही कुर्सियां मंगवाकर चौपाल लगाकर बैठ गईं. उन्होंने प्रीतम के साथ उनकी पत्नी को भी बुलवाया और उनका परिचय देते हुए उन्हें अपनी बाएं तरफ बिठाया. उन्होंने कहा कि "प्रीतम बीजेपी की तरफ से 1989 के चुनाव में मेरे चुनाव प्रचार की कमान संभालने गए तब से ये मेरे अनन्य सहयोगी बने और मेरे लिए कई बार उनकी जिंदगी दांव पर लगी. 30 साल पहले उन्होंने मेरे कहने पर शराब पीना छोड़ा और इसके बाद बीजेपी और मैंने उन्हें चुनाव लड़ाया है. अभी कुछ दिनों पहले जयंत मलैया जी को नोटिस मिला था. उनका बेटा अभी भी निष्कासित है, लेकिन बीजेपी के सभी नेता उनके घर पहुंचे, इसलिए अगर आज मैं लोधी के घर न आऊं तो पिछड़े वर्गों को ये लगेगा कि उनके साथ हमारी पार्टी अन्याय करती है."

प्रीतम को उमा की यह समझाइश: उमा भारती ने प्रीतम लोधी को ये समझाइश दी कि, वे किसी जाति विशेष के खिलाफ न बोलें क्योंकि वे पिछोर में सभी गरीब और असहाय लोगों की आवाज हैं. उनमें ब्राह्मण वर्ग भी है, सवर्ण भी, दलित वर्ग भी और आदिवासी भी हैं. अचानक एक वर्ग विशेष के खिलाफ कही गई बात का दुष्प्रचार हुआ. इसी वजह से उमा भारती ने लोधी को समझाया. उन्होंने कहा जब भगवान ने उन्हें ओबीसी महासभा के केंद्र बिंदु बनाया है, तो भगवान ने आपको पिछड़ा वर्ग का मसीहा बना दिया है, इसलिए अब सबको साथ लेकर चलो.

आरक्षण को लेकर कही ये बात: उमा भारती लंबे समय से शराब के खिलाफ आंदोलन चलाकर सरकार को परेशानी में डाल रहीं है, लेकिन अब उन्होंने आरक्षण का मुद्दा उठाकर अपनी नई रणनीति का संकेत भी दे दिया है. उन्होंने कहा कि "मैंने प्रीतम को ये बोला है कि, वे सिर्फ इस बात पर फोकस करें कि प्राइवेट सेक्टर में भी एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिए और जो आरक्षण मिला हुआ है वह कम नहीं होना चाहिए. गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए. सबको साथ लेकर चलो क्योंकि हमारे देश में घिनौनी राजनीति होती है, जिसमें आपस में लड़ा दिया जाता है. जबकि दो ही जातियां बचीं है एक है सुविधा विहीन और दूसरी सुविधा सम्पन्न." वहीं उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, वे सबको आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. अच्छी शिक्षा और अच्छी चिकित्सा आदि दे रहे हैं.

Mission 2023 के लिए लोधी समाज का भाजपा को अल्टिमेटम, 65 सीटों पर नहीं खिलने देंगे कमल

इशारों-इशारों में बताई पिछड़ों की ताकत: उमा भारती ने इशारों ही इशारों में दलित, पिछड़े और आदिवासियों की ताकत का अहसास भी कराया और इसके लिए उन्होंने रामकथा का सहारा लिया. उन्होंने कहा कि "हनुमान और जाम्बवन्त की सेना ने जब हमला बोला तो लंका जलाकर ध्वस्त कर दी, क्योंकि उनमें एकजुटता थी. उन्हें क्या चाहिए था, सोना लेकर वे क्या करते ? देश में रामराज की स्थापना में इन देश के गरीब, शोषित, आदिवासी और गरीबों का ही योगदान रहेगा."

प्रीतम को जनता ने हाथों हाथ उठाया: बीजेपी ने प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया है, लेकिन उमा भारती ने इस निर्णय का ही उपहास उड़ाया. उन्होंने कहा बीजेपी ने उन्हें निष्कासित कर दिया, अब क्या कहूं लेकिन निष्कासन के बाद जनता ने उन्हें हाथों हाथ लिया. हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है. उमा भारती यहीं नहीं रुकी बल्कि उन्होंने कहा कि वे प्रीतम को आशीर्वाद देने आईं है ताकि वे गरीबों और शोषितों की आवाज पूरी ताकत के साथ ऐसे ही उठाते रहें. उमा भारती ने उनके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद भी दिया.

प्रीतम लोधी के घर पहुंचीं उमा भारती

ग्वालियर। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, मध्यप्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी की मुसीबतें कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ चंबल अंचल में सिंधिया समर्थकों और बीजेपी के लोगों की दूरियां कम होने के नाम नहीं ले रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेता साध्वी उमा भारती भी रोज नए बयान देकर दिक्कतें पैदा कर रही हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने लोधियों से बीजेपी को वोट न देने को लेकर बयान दिया था, अब रविवार को वे अचानक बीजेपी के लिए मुसीबत बन रहे निष्कासित नेता प्रीतम लोधी के जलालपुर स्थित गांव पहुंच गईं. इतना ही नहीं उमा भारती ने वहां गांव वालों की चौपाल लगाकर लोधी की जमकर तारीफ की. यहां तक कहा कि पार्टी से निकाले जाने के बाद वे मुझसे भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं. हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है क्योंकि वे शोषित और पीड़ितों की आवाज बन रहे हैं.

बीजेपी पिछड़े वर्गों के साथ नहीं करती अन्याय: उमा भारती ग्वालियर के पुरानी छावनी स्थित गांव जलालपुर पहुंची, जहां भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. वे सड़क पर ही कुर्सियां मंगवाकर चौपाल लगाकर बैठ गईं. उन्होंने प्रीतम के साथ उनकी पत्नी को भी बुलवाया और उनका परिचय देते हुए उन्हें अपनी बाएं तरफ बिठाया. उन्होंने कहा कि "प्रीतम बीजेपी की तरफ से 1989 के चुनाव में मेरे चुनाव प्रचार की कमान संभालने गए तब से ये मेरे अनन्य सहयोगी बने और मेरे लिए कई बार उनकी जिंदगी दांव पर लगी. 30 साल पहले उन्होंने मेरे कहने पर शराब पीना छोड़ा और इसके बाद बीजेपी और मैंने उन्हें चुनाव लड़ाया है. अभी कुछ दिनों पहले जयंत मलैया जी को नोटिस मिला था. उनका बेटा अभी भी निष्कासित है, लेकिन बीजेपी के सभी नेता उनके घर पहुंचे, इसलिए अगर आज मैं लोधी के घर न आऊं तो पिछड़े वर्गों को ये लगेगा कि उनके साथ हमारी पार्टी अन्याय करती है."

प्रीतम को उमा की यह समझाइश: उमा भारती ने प्रीतम लोधी को ये समझाइश दी कि, वे किसी जाति विशेष के खिलाफ न बोलें क्योंकि वे पिछोर में सभी गरीब और असहाय लोगों की आवाज हैं. उनमें ब्राह्मण वर्ग भी है, सवर्ण भी, दलित वर्ग भी और आदिवासी भी हैं. अचानक एक वर्ग विशेष के खिलाफ कही गई बात का दुष्प्रचार हुआ. इसी वजह से उमा भारती ने लोधी को समझाया. उन्होंने कहा जब भगवान ने उन्हें ओबीसी महासभा के केंद्र बिंदु बनाया है, तो भगवान ने आपको पिछड़ा वर्ग का मसीहा बना दिया है, इसलिए अब सबको साथ लेकर चलो.

आरक्षण को लेकर कही ये बात: उमा भारती लंबे समय से शराब के खिलाफ आंदोलन चलाकर सरकार को परेशानी में डाल रहीं है, लेकिन अब उन्होंने आरक्षण का मुद्दा उठाकर अपनी नई रणनीति का संकेत भी दे दिया है. उन्होंने कहा कि "मैंने प्रीतम को ये बोला है कि, वे सिर्फ इस बात पर फोकस करें कि प्राइवेट सेक्टर में भी एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिए और जो आरक्षण मिला हुआ है वह कम नहीं होना चाहिए. गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए. सबको साथ लेकर चलो क्योंकि हमारे देश में घिनौनी राजनीति होती है, जिसमें आपस में लड़ा दिया जाता है. जबकि दो ही जातियां बचीं है एक है सुविधा विहीन और दूसरी सुविधा सम्पन्न." वहीं उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, वे सबको आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. अच्छी शिक्षा और अच्छी चिकित्सा आदि दे रहे हैं.

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इशारों-इशारों में बताई पिछड़ों की ताकत: उमा भारती ने इशारों ही इशारों में दलित, पिछड़े और आदिवासियों की ताकत का अहसास भी कराया और इसके लिए उन्होंने रामकथा का सहारा लिया. उन्होंने कहा कि "हनुमान और जाम्बवन्त की सेना ने जब हमला बोला तो लंका जलाकर ध्वस्त कर दी, क्योंकि उनमें एकजुटता थी. उन्हें क्या चाहिए था, सोना लेकर वे क्या करते ? देश में रामराज की स्थापना में इन देश के गरीब, शोषित, आदिवासी और गरीबों का ही योगदान रहेगा."

प्रीतम को जनता ने हाथों हाथ उठाया: बीजेपी ने प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया है, लेकिन उमा भारती ने इस निर्णय का ही उपहास उड़ाया. उन्होंने कहा बीजेपी ने उन्हें निष्कासित कर दिया, अब क्या कहूं लेकिन निष्कासन के बाद जनता ने उन्हें हाथों हाथ लिया. हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है. उमा भारती यहीं नहीं रुकी बल्कि उन्होंने कहा कि वे प्रीतम को आशीर्वाद देने आईं है ताकि वे गरीबों और शोषितों की आवाज पूरी ताकत के साथ ऐसे ही उठाते रहें. उमा भारती ने उनके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद भी दिया.

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