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16 साल से पत्नी को नहीं दिया भरण पोषण भत्ता, कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब - ग्वालियर में तलाक

ग्वालियर में पत्नी से अलग होने के बाद भरण पोषण भत्ता नहीं देने पर कोर्ट ने पति को नोटिस जारी किया है. वहीं पत्नी ने 25000 रुपये प्रति माह के भत्ते की मांग की है.

Gwalior Court
ग्वालियर कोर्ट
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Published : Jul 26, 2021, 2:46 AM IST

ग्वालियर। तलाक के बाद महिला को 16 साल तक अपने पति से भरण पोषण भत्ते के लिए इंतजार करना पड़ा है. कोर्ट के आदेश के बावजूद पति ने अभी तक एक पैसा भी महिला को नहीं दिया है. महिला का कहना है कि पहले पति प्राइवेट नौकरी करता था, अब वह सरकारी मुलाजिम हो चुका. उसकी पगार भी 71000 रुपये प्रतिमाह है, इसलिए उसे और उसके बेटे को भरण-पोषण के लिए 25000 रुपए हर महीने खर्चा दिलाया जाए. कोर्ट ने महिला के आवेदन पर उसके पति को नोटिस जारी किए हैं और उससे जवाब मांगा है.

1999 में हुआ था विवाह
दरअसल, थाटीपुर इलाके में रहने वाली सपना का विवाह 18 फरवरी 1999 को राम कुमार नामक युवक से हुआ था. रामकुमार उस समय प्राइवेट नौकरी करता था. उसकी पगार भी ज्यादा नहीं थी, शादी के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी में अलगाव होने लगा और बात आखिरकार 2005 में तलाक तक पहुंच गई. तलाक स्वीकार करते हुए कोर्ट ने महिला के पति राम कुमार को आदेश दिया था कि वह 1500 रुपए प्रतिमाह अपनी विवाहिता को भरण-पोषण के लिए देगा.

कोर्ट ने तलाक किया था मंजूर
खास बात यह है कि कोर्ट में तलाक के मामले के दौरान एक बार भी पति न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ. उसे नोटिस भी जारी किए गए. आखिरकार कोर्ट ने एकतरफा आदेश जारी करते हुए तलाक को मंजूर किया और 1500 रुपये प्रतिमाह रामकुमार को देने के आदेश दिए. रामकुमार ने महिला को एक रुपये भी अभी तक नहीं दिया है. दोनों की एक संतान के रूप में लड़का हुआ था, जो अब बालिग हो चुका है.

पत्नी ने पति को बताई देवर की करतूत तो दे दिया तीन तलाक

महिला की परेशानी उस समय बढ़ गई, जब उसके भाई का देहांत हो गया. वह अपने भाई के साथ रहकर उसके ऊपर आश्रित थी. जब महिला की आर्थिक हालत खराब हो गई, तब उसने अपने पति से भरण-पोषण के लिए अपना रुका हुआ पैसा मांगा, जो अब तकरीबन चार लाख रुपए हो चुका है. इसके अलावा उसने 25000 रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता मांगा है. कोर्ट ने महिला की याचिका पर उसके भोपाल में पदस्थ लैब टेक्नीशियन पति को नोटिस जारी किया है.

ग्वालियर। तलाक के बाद महिला को 16 साल तक अपने पति से भरण पोषण भत्ते के लिए इंतजार करना पड़ा है. कोर्ट के आदेश के बावजूद पति ने अभी तक एक पैसा भी महिला को नहीं दिया है. महिला का कहना है कि पहले पति प्राइवेट नौकरी करता था, अब वह सरकारी मुलाजिम हो चुका. उसकी पगार भी 71000 रुपये प्रतिमाह है, इसलिए उसे और उसके बेटे को भरण-पोषण के लिए 25000 रुपए हर महीने खर्चा दिलाया जाए. कोर्ट ने महिला के आवेदन पर उसके पति को नोटिस जारी किए हैं और उससे जवाब मांगा है.

1999 में हुआ था विवाह
दरअसल, थाटीपुर इलाके में रहने वाली सपना का विवाह 18 फरवरी 1999 को राम कुमार नामक युवक से हुआ था. रामकुमार उस समय प्राइवेट नौकरी करता था. उसकी पगार भी ज्यादा नहीं थी, शादी के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी में अलगाव होने लगा और बात आखिरकार 2005 में तलाक तक पहुंच गई. तलाक स्वीकार करते हुए कोर्ट ने महिला के पति राम कुमार को आदेश दिया था कि वह 1500 रुपए प्रतिमाह अपनी विवाहिता को भरण-पोषण के लिए देगा.

कोर्ट ने तलाक किया था मंजूर
खास बात यह है कि कोर्ट में तलाक के मामले के दौरान एक बार भी पति न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ. उसे नोटिस भी जारी किए गए. आखिरकार कोर्ट ने एकतरफा आदेश जारी करते हुए तलाक को मंजूर किया और 1500 रुपये प्रतिमाह रामकुमार को देने के आदेश दिए. रामकुमार ने महिला को एक रुपये भी अभी तक नहीं दिया है. दोनों की एक संतान के रूप में लड़का हुआ था, जो अब बालिग हो चुका है.

पत्नी ने पति को बताई देवर की करतूत तो दे दिया तीन तलाक

महिला की परेशानी उस समय बढ़ गई, जब उसके भाई का देहांत हो गया. वह अपने भाई के साथ रहकर उसके ऊपर आश्रित थी. जब महिला की आर्थिक हालत खराब हो गई, तब उसने अपने पति से भरण-पोषण के लिए अपना रुका हुआ पैसा मांगा, जो अब तकरीबन चार लाख रुपए हो चुका है. इसके अलावा उसने 25000 रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता मांगा है. कोर्ट ने महिला की याचिका पर उसके भोपाल में पदस्थ लैब टेक्नीशियन पति को नोटिस जारी किया है.

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