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28 साल बाद ग्वालियर के चिड़ियाघर में खुशी की लहर, शेरनी परी ने तीन शावकों को दिया जन्म - gwalior news

ग्वालियर के गांधी वन्य प्राणी उद्यान चिड़ियाघर में बीती रात मादा शेरनी परी ने तीन शावकों को जन्म दिया है. जिसके बाद से ही चिड़ियाघर में खुशी की लहर है.

Lioness gave birth to cubs
शेरनी ने दिया शावकों को जन्म
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Published : Aug 14, 2020, 10:05 AM IST

ग्वालियर। कोरोना काल में शहर के गांधी वन्य प्राणी उद्यान चिड़ियाघर से खुशी की खबर मिली है. यहां बीती रात मादा शेरनी परी ने 28 साल बाद तीन शावकों को जन्म दिया है. मादा शेरनी परी दो साल पहले बिलासपुर चिड़ियाघर से आयी थी, जबकि शेर जय को आठ साल पहले रायपुर चिड़ियाघर से लाया गया था.

Lioness gave birth to cubs
शेरनी ने दिया शावकों को जन्म

तीन शावकों के जन्म के बाद ग्वालियर चिड़ियाघर में शेर का कुनबे पांच सदस्यों का हो गया है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तीनों शावकों को 30 से 40 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाएगा. क्योंकि नवजात शिशु में संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है. मादा शेरनी परी के द्वारा तीन शावकों को जन्म देने के बाद चिड़ियाघर प्रबंधन में काफी खुशी की लहर है. चिड़ियाघर के चिकित्सक डॉ. उपेंद्र यादव उनकी देखभाल कर रहे हैं. गौरतलब है कि मार्च के महीने से कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की वजह से चिड़ियाघर पूरी तरह से लोगों के लिए बंद किया गया है.

Wave of happiness at the zoo
चिड़ियाघर में खुशी की लहर

बता दें 28 साल पहले यहां बब्बर शेर के दो शावकों का जन्म हुआ था. इसके बाद से ही चिड़ियाघर में बब्बर शेर के रूप में नर और मादा ही रह रहे थे. गांधी उद्यान में साल 2012 में नंदनवन जू रायपुर से नर शेर जय को और 2018 में मादा परी को कानन पेंडारी जू बिलासपुर से ग्वालियर चिड़ियाघर में लाया गया था.

ग्वालियर। कोरोना काल में शहर के गांधी वन्य प्राणी उद्यान चिड़ियाघर से खुशी की खबर मिली है. यहां बीती रात मादा शेरनी परी ने 28 साल बाद तीन शावकों को जन्म दिया है. मादा शेरनी परी दो साल पहले बिलासपुर चिड़ियाघर से आयी थी, जबकि शेर जय को आठ साल पहले रायपुर चिड़ियाघर से लाया गया था.

Lioness gave birth to cubs
शेरनी ने दिया शावकों को जन्म

तीन शावकों के जन्म के बाद ग्वालियर चिड़ियाघर में शेर का कुनबे पांच सदस्यों का हो गया है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तीनों शावकों को 30 से 40 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाएगा. क्योंकि नवजात शिशु में संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है. मादा शेरनी परी के द्वारा तीन शावकों को जन्म देने के बाद चिड़ियाघर प्रबंधन में काफी खुशी की लहर है. चिड़ियाघर के चिकित्सक डॉ. उपेंद्र यादव उनकी देखभाल कर रहे हैं. गौरतलब है कि मार्च के महीने से कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की वजह से चिड़ियाघर पूरी तरह से लोगों के लिए बंद किया गया है.

Wave of happiness at the zoo
चिड़ियाघर में खुशी की लहर

बता दें 28 साल पहले यहां बब्बर शेर के दो शावकों का जन्म हुआ था. इसके बाद से ही चिड़ियाघर में बब्बर शेर के रूप में नर और मादा ही रह रहे थे. गांधी उद्यान में साल 2012 में नंदनवन जू रायपुर से नर शेर जय को और 2018 में मादा परी को कानन पेंडारी जू बिलासपुर से ग्वालियर चिड़ियाघर में लाया गया था.

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