ग्वालियर(Gwalior)। जिला न्यायालय ने दहेज लोभी पति(dowry case in gwalior) देवर और ननद को निचली कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को जारी रखते हुए तीनों को जेल भेज दिया है. महिला संजीदा सिद्धकी की शिकायत पर महिला थाना पुलिस ने पति संजय शर्मा उर्फ संजय खान देवर फिरोज खान और ननद रेणु खान सहित सास कल्लो उर्फ चंदाबाई के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था. हालांकि आरोपी की सास की मौत हो चुकी है. आरोपी ने नाम बदलकर महिला से शादी की जब महिला का पता लगा तो उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे.
नाम बदलकर की महिला से शादी
महिला के मुताबिक उसके पति ने अपना नाम छुपाते हुए संजय खान बन कर संजीदा से दोस्ती करने के बाद शादी की थी. मामला 16 नवंबर 1997 का है. संजय और महिला के दो बच्चे है. महिला का कहना है उसका पति एलआईसी में अधिकारी था जो इन दिनों उदयपुर में ब्रांच मैनेजर बन चुका है. महिला के ससुराल पहुंचते ही उसे अपने पति की असलियत का पता लगा. पति एलआईसी में संजय शर्मा बनके नौकरी कर रहा था. जबकि उसका पूरा परिवार सर नेम के आगे खान लगाता था. संजय शर्मा का परिवार मूलत धौलपुर राजस्थान का रहने वाला है. दहेज लोभी ससुरालियों ने महिला से मकान और कार के लिए रुपए मांगना शुरू कर दिए मना करने पर उसकी बेरहमी से मारपीट की.
दहजे के मामले में आरोपियों के खिलाफ सजा बरकरार
महिला अपने मायके जीवाजीगंज सूबे की गोठ में आकर रहने लगी और उसने महिला थाने में आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया. निचली कोर्ट ने इस मामले में 2004 में आरोपियों को एक 1 साल की सजा सुनाई थी. जिसमें वह जमानत पर चल रहा था. इसकी अपील एडीजे कोर्ट में की गई जिसमें एडीजे आरके जैन ने निचली कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को बरकरार रखा. मामले में एक अन्य आरोपी महिला की सास चंदाबाई उर्फ कल्लो की मौत हो चुकी है.