ग्वालियर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के प्रबल दावेदार पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य में नया सियासी दांव अपनाना शुरू कर दिया है. परस्पर विरोधी माने जाने वाले अपनी पार्टी के नेताओं और उनके समर्थकों से नजदीकियां बढ़ाने से परहेज नहीं कर रहे हैं. किसी के घर पहुंचकर लंच डिनर कर रहे हैं तो, किसी से दिल्ली में मुलाकात कर रहे हैं.
सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल के दौरे पर हैं. इस दौरान सिंधिया भिंड के लहार भी पहुंचे. जहां दिग्विजय सिंह समर्थक माने जाने वाले मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के घर जाकर खाना खाया. इसके साथ ही कुछ दिन पहले कमलनाथ ने अपेक्स बैंक के चेयरमैन के तौर पर ग्वालियर के अशोक सिंह की नियुक्ति की है, जो दिग्विजय सिंह समर्थक माने जाते हैं. लेकिन उनकी नियुक्ति के लिए जब सभी गुटों से आम सहमति बनाने की बात आई, तो सिंधिया ने भी उनकी नियुक्ति पर सहमति जताई थी.
सिंधिया का सियासी दांव हाल ही के दौरे में देखने को मिला है. इंदौर में मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के पहले में अपने समर्थक नेताओं के घर जाने के बजाय बीजेपी सांसद पंकज संघवी घर गए. किसी के घर सुबह का खाना खाया, तो किसी के घर नाश्ता किया. हालांकि इस तरह की बातों को कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह पूरी तरीके से नकार रहे हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है. सिंधिया कांग्रेस के सर्वमान्य नेता हैं. वह जब चाहे जिसे चाहे मिल सकते हैं.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल का कहना है कि, 'सिंधिया लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अपनी जमीन तलाश रहे हैं. लेकिन वह जिन लोगों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. उनके लिए आस्तीन में सांप की तरह साबित होंगे'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी से एकजुटता की उम्मीद नहीं की जा सकती है कि पार्टी में राष्ट्रवाद और पार्टीवाद से ऊपर व्यक्तिगत है, तो उसमें एकजुटता कैसे होगी.