ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की एक घिनौनी करतूत सामने आई है. विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने कंप्यूटर पर अश्लील फिल्म देखने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इन कर्मचारियों ने एक हफ्ते में 1256 मिनट की फिल्म देखी है. सूचना मिलने के बाद विश्वविद्यालय की आईडी को ब्लॉक कर दिया गया है. इस मामले पर जीवाजी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने चुप्पी साधे हुए है और मामले की जांच करने की बात कह रही है. कर्मचारियों की इस करतूत के बाद प्रबंधन ने मामले से संबंधित शाखा प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है. लेकिन विश्वविद्यालय उन कर्मचारियों के नाम नहीं बता रहा है, जिनकी आईडी से पोर्न मूवीस देखी गई है और मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है, ताकि जीवाजी विश्वविद्यालय की साख खराब न हो.
- विश्वविद्यालय की अलग-अलग शाखाओं के कर्मचारियों ने देखी पोर्न
जीवाजी विश्वविद्यालय में अलग-अलग शाखाओं के एक दर्जन से अधिक ऐसे कर्मचारी और प्रोफेसर हैं, जिनके द्वारा कंप्यूटर पर पोर्न मूवीस देखी गई है. जीवाजी प्रबंधन पूरे मामले में जांच कर रहा है कि किस कम्प्यूटर के आईडी से प्रतिबंधित वेबसाइट को देखा गया है.
- प्रबंधन नहीं बता रहा विभाग और कर्मचारियों के नाम
एनकेएन (नेशनल नॉलेज नेटवर्क) ने जैसे ही जीवाजी प्रबंधन को यह सूचना दी कि विश्वविद्यालय में आप के कर्मचारियों पोर्न मूवीज देख रहे हैं, तो उसके बाद जीवाजी प्रबंधन हरकत में आ गया है. ऐसे अधिकारियों की जांच करने में लगा हुआ है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन अधिकारियों के न ही नाम बता रहा है और न ही उन विभागों के बारे में बता रहा है, जिन्होंने पोर्न मूवी देखी है. प्रबंधन का कहना है कि अभी इस मामले की गंभीरता से जांच चल रही है और बहुत जल्द ही जवाब और कर्मचारियों के नाम बता दिए जाएंगे.
- विश्वविद्यालय प्रबंधन कर रहा जांच
बताया जा रहा है कि इस मामले में कुछ ऐसे कर्मचारी हैं, जो सर्विस प्रोवाइडर के रूप में कार्यरत हैं और इनमें कुछ नियमित कर्मचारी भी शामिल हैं. फिलहाल ऐसे कर्मचारियों की जांच की जा रही है, जिससे यह पता चल पाएगा कि किस आईडी से प्रतिबंधित बेवसाइड को देखा गया है. उसके बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई करेगा और उन्हें सस्पेंड कर विभागीय जांच करेगा.
सुशांत सिंह को ड्रग्स सप्लाई करने वाले कोकीन किंग के घर एनसीबी का छापा
- दोषियों को किया जाएगा सस्पेंड
जीवाजी प्रबंधन का कहना है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन सभी कर्मचारियों के साथ बैठक कर रहा है. जांच पूरी होने के बाद इन सभी कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाएगा और इनके खिलाफ विभागीय जांच बैठाई जाएगी. यह जीवाजी विश्वविद्यालय की शाखा से जुड़ा हुआ मामला है इस कारण इसमें किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी.