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परीक्षा परिणामों को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय फिर विवादों में, प्रबंधन ने विधानसभा चुनाव का दिया हवाला

जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधी काम देख रही नागपुर की कंपनी को हिदायत दी है. नागपुर की कंपनी ने पिछले साल नवंबर में ही परीक्षा संबंधी काम करने का अनुबंध लिया था, लेकिन उनके परीक्षा परिणाम देरी से घोषित हुए.

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Published : Oct 1, 2019, 2:06 PM IST

परीक्षा परिणामों को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय फिर विवादों में

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय मे पढ़ने वाले छात्रों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पहले से ही शिक्षण सत्र के पिछड़ने के बाद अब परिचय संबंधी काम देख रही नागपुर की कंपनी को एक बार फिर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हिदायत दी है कि वे 1 सप्ताह के अंदर रुके हुए करीब 100 रिजल्ट घोषित करे.

परीक्षा परिणामों को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय फिर विवादों में


दरअसल नागपुर की कंपनी ने पिछले साल नवंबर में ही परीक्षा संबंधी काम करने का अनुबंध लिया था, लेकिन उनके परीक्षा परिणाम देरी से घोषित हुए. मार्कशीट में करेक्शन के चलते छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसके चलते पिछली बैठक में कार्य परिषद ने इस कंपनी की टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने की घोषणा की थी और नई कंपनी को टेंडर जारी करने के लिए निविदा तैयार करने पर सहमति जताई थी.


नागपुर की कंपनी ने भारी दबाव के चलते अपना काम समेटना शुरू कर दिया है और उसने स्नातक और पीजी की परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं, लेकिन एमफिल दूरस्थ शिक्षा और एटीकेटी के परीक्षा परिणाम घोषित होना बाकी है. इनकी संख्या 100 के करीब है .


विश्वविद्यालय का कहना है कि कंपनी को सख्त हिदायत दी गई है और 1 सप्ताह में उसने रुके हुए रिजल्ट घोषित करने का भरोसा दिया है. शिक्षण सत्र पिछड़ने के पीछे विश्वविद्यालय ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव का भी हवाला दिया है. उनका कहना है कि समय पर शिक्षकों की ड्यूटी उन्हें नहीं मिल सकी, जिससे परीक्षा संबंधी कार्य प्रभावित हुआ.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय मे पढ़ने वाले छात्रों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पहले से ही शिक्षण सत्र के पिछड़ने के बाद अब परिचय संबंधी काम देख रही नागपुर की कंपनी को एक बार फिर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हिदायत दी है कि वे 1 सप्ताह के अंदर रुके हुए करीब 100 रिजल्ट घोषित करे.

परीक्षा परिणामों को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय फिर विवादों में


दरअसल नागपुर की कंपनी ने पिछले साल नवंबर में ही परीक्षा संबंधी काम करने का अनुबंध लिया था, लेकिन उनके परीक्षा परिणाम देरी से घोषित हुए. मार्कशीट में करेक्शन के चलते छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसके चलते पिछली बैठक में कार्य परिषद ने इस कंपनी की टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने की घोषणा की थी और नई कंपनी को टेंडर जारी करने के लिए निविदा तैयार करने पर सहमति जताई थी.


नागपुर की कंपनी ने भारी दबाव के चलते अपना काम समेटना शुरू कर दिया है और उसने स्नातक और पीजी की परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं, लेकिन एमफिल दूरस्थ शिक्षा और एटीकेटी के परीक्षा परिणाम घोषित होना बाकी है. इनकी संख्या 100 के करीब है .


विश्वविद्यालय का कहना है कि कंपनी को सख्त हिदायत दी गई है और 1 सप्ताह में उसने रुके हुए रिजल्ट घोषित करने का भरोसा दिया है. शिक्षण सत्र पिछड़ने के पीछे विश्वविद्यालय ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव का भी हवाला दिया है. उनका कहना है कि समय पर शिक्षकों की ड्यूटी उन्हें नहीं मिल सकी, जिससे परीक्षा संबंधी कार्य प्रभावित हुआ.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय मे पढ़ने वाले छात्रों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है पहले से ही शिक्षण सत्र के पिछड़ने के बाद अब परिचय संबंधी काम देख रही नागपुर की कंपनी को एक बार फिर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हिदायत दी है कि वे 1 सप्ताह के अंदर रुके हुए करीब 100 रिजल्ट घोषित करे।


Body:दरअसल नागपुर की कंपनी ने पिछले साल नवंबर में ही परीक्षा संबंधी काम करने का अनुबंध लिया था लेकिन अपने 8-9 महीने के कार्यकाल में ही नागपुर की कंपनी ने छात्रों को पापड़ बिलवा दिए । उनके परीक्षा परिणाम तो देरी से घोषित हुए ही, मार्कशीट में भारी करेक्शन के चलते छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा । इसके चलते पिछली बैठक में कार्य परिषद ने इस कंपनी की टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने की घोषणा की थी और नई कंपनी को टेंडर जारी करने के लिए निविदा तैयार करने पर सहमति जताई थी।


Conclusion:नागपुर की कंपनी ने भारी दबाव के चलते अपना काम समेटना शुरू कर दिया है और उसने स्नातक और पीजी की परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं लेकिन एमफिल दूरस्थ शिक्षा और एटीकेटी के परीक्षा परिणाम घोषित होना बाकी है। इनकी संख्या 100 के करीब है । विश्वविद्यालय का कहना है कि कंपनी को सख्त हिदायत दी गई है और 1 सप्ताह में उसने रुके हुए रिजल्ट घोषित करने का भरोसा दिया है। उधर शिक्षण सत्र पिछड़ने के पीछे विश्वविद्यालय है विधानसभा और लोकसभा चुनाव का भी हवाला दिया है क्योंकि समय पर शिक्षकों की ड्यूटी उन्हें नहीं मिल सकी जिससे परीक्षा संबंधी कार्य प्रभावित हुआ।
बाइट शांतिदेव सिसोदिया प्रवक्ता जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर
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