दमोह। बीजेपी को दमोह उपचुनाव में मिली हार पची नहीं है. बीजेपी प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने हार का ठीकरा पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता जयंत मलैया पर फोड़ा है. जिसके बाद पार्टी ने कार्रवाई करते हुए जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया को निष्काषित कर दिया था. इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ जयंत मलैया को भितरघात करने का नोटिस थमा दिया गया था. लेकिन शुक्रवार को जयंत मलैया ने पार्टी के सामने अपना पक्ष रखा. उन्होंने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के घर पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. मुलाकात के दौरान पार्टी ने एक फोटो भी जारी किया है. जिसमें उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के साथ चाय पीते हुए दिखाया गया है. पार्टी कह रही है दोनों की मुलाकात सौहार्द्र तरीके से हुई और माना जा रहा है कि पार्टी इतने दवाब में है कि मलैया के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है.
चुनाव प्रभारी भूपेंद्र सिंह की 'रणनीति हुई फेल'
पार्टी ने आनन फानन में दमोह की जिला इकाई को निष्कासित कर दिया. पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष सहित हाईकमान भी इस चुनाव में पूरी नजर रखे था. लेकिन हाल में कोरोना के बाद विस्फोटक स्थिति और सरकार का फेल होना, जनता का गुस्सा तो फूटना ही था.
दमोह उपचुनाव में 20 से ज्यादा मंत्री और 50 विधायकों ने संभाला था मोर्चा
दमोह उपचुनाव में 20 से ज्यादा मंत्री और 50 से ज्यादा विधायकों को दमोह में वोटर्स उतार दिया गया था. जनता का गुस्सा का आलम ये था कि दमोह केंद्रीय प्रह्लाद सिंह पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां प्रचार किया, बीजेपी को उसी वार्ड में हार का मुंह देखना पड़ा. लेकिन हार का ठीकरा जयंत मलैया एंड कंपनी पर फोड़ा गया.
कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए राहुल लोधी को जनता ने दिया झटका
हालांकि, राहुल लोधी को लेकर जनता पहले से ही नाराज थी. मतदाताओं ने दल बदलू को नकार दिया था. मलैया को राहुल लोधी ने ही हराया था. लेकिन बाद में कांग्रेस विधायक से इस्तीफा देकर राहुल ने बीजेपी का दामन थामा था. राहुल लोधी 17 हजार स वोटों से चुनाव हार गए थे.
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने दमोह उपचुनाव में शानदार जीत हासिल की. दरअसल इस चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की साख भी दांव पर लगी थी लेकिन वह भी कमाल नहीं कर सके. लिहाजा पार्टी ने इस पूरी हार के लिए दमोह और पार्टी के दिग्गज नेता, पूर्व मंत्री जयंत मलैया को जिम्मेदार ठहरा दिया.