ग्वालियर। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पूर्व मंत्री और महाराष्ट्र के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि मराठा समाज की भावनाओं के हम साथ हैं. आंदोलनकारी ने सरकार को जो समय दिया है, उसमें रास्ता निकाल कर समाधान करने की कोशिश कर रहे है. डेमोक्रेसी में कोई भी आंदोलन होते हैं तो वह सरकार के लिए बड़ा मामला होता है. इस आंदोलन में लगभग नियंत्रण पाया जा चुका है.
एमपी चुनाव पर क्या बोले पवैया: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राम मंदिर मुद्दे को लेकर जयभान सिंह पवैया का कहना है कि अभी से कुछ ही समय बाद अयोध्या जी में इतिहास की बहुत बड़ी घटना घटित होने वाली है. श्री रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. लाखों बलिदानों के बाद ऐसा सपना पूरा हो रहा है. उसको पूरा करने के लिए लाखों कार्यकर्ताओं ने खून बहाया, पसीना बहाया और जेल काटी. चुनाव में भी राम कला मंदिर का पोस्टर लगेगा. वह भी डंके की चोट पर, क्योंकि वह राष्ट्र की सम्मान का स्मारक है.
अगर भारतीय जनता पार्टी अपने राम मंदिर का इस चुनाव में लाभ ले रही है तो वह भी अपनी मॉडल बाबरी ढांचे का फोटो लगाकर अपने नेताओं का रूदन करते हुए फोटो लगा सकते हैं और वोट मांगे. हम कांग्रेस को क्यों रोक रहे हैं.
जयवीरू के बयान पर भी रखी राय: सीएम शिवराज सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर की जय- वीरू जोड़ी पर जवान सिंह पवैया का कहना है कि शिवराज जी ने चुटकी लेते हुए बहुत बड़ी बात कह दी थी. अब दोनों तरफ से जो चुटकिया ली जा रही है, मैं ऐसा मानता हूं की अटल बिहारी वाजपायी की राजनीति को पसंद करता हूं, थोड़ी बहुत चुटकियों, थोड़ी बहुत मजाक चुनाव के समय होना चाहिए, जिससे माहौल अच्छा बना रहे.
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कांग्रेस की तुलना कालनेमी से की: कांग्रेस की राम भक्त को कालनेमी की संज्ञा देने पर पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि कांग्रेसी नेता चुनाव से पहले हनुमान चालीसा, राम कथा पढ़ना और कांग्रेस की बड़े नेताओं का चंदन लगाना, बड़े नेताओं का मंदिर जाना, यह सब किया तो लोगों को लगा यह राम के काज में बाधा नहीं बनेंगे. इनकी राम भक्ति दिखाई दे रही है. इस तरह जैसे हनुमान जी आकर्षित हुए कि कोई राम नामी ओढ़ कर बैठा है, जब वह लंका जा रहे थे, लेकिन हनुमान जी जब उनके पास गए तो कालनेमी ने असली रूप प्रकट किया, तो वह तो रास्ता रोकने वाला राम भक्त निकला.
इसको नकली राम भक्त कहा जाता है. जब मंदिर के पोस्टर लगे का मौका आया, तो उनके विरोध में खड़े हो गए. जब महाकाल की यात्रा पर थूका गया, तो उनका बुलडोजर पहुंचा घर तोड़ने के लिए, तो उसका आंसू बहाने के लिए खड़े हो गए. कांग्रेस की कैसी भगवान की भक्ति है.