ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने प्रदेश के पुलिस मुखिया को निर्देशित किया है कि वे कोर्ट के प्रति लापरवाह बने अफसरों और कर्मचारियों पर लगाम कसें. क्योंकि ऐसा पाया जा रहा है कि कोर्ट के प्रति उनका रवैया पिछले कुछ दिनों लचर है. कोर्ट के आदेश की निरंतर अवहेलना की जा रही है, जिसके कारण कई मामलों में सुनवाई अटकी है, साथ ही उन्होंने गुना के एक मामले का हवाला दिया है और गुना एसपी को भी कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने वाले अधीनस्थों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई है कि न्यायालय के आदेश को लेकर पुलिस अधिकारियों का रवैया संवेदनशील नहीं है. ऐसे में पुलिस महानिदेशक को इस प्रकार मामलों में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए. उनकी विभागीय जांच भी होनी चाहिए.
ऑफिसर कर रहे हैं कोर्ट की अवेहलना
कोर्ट का कहना है कि समन की तामील होने के बाद भी संबंधित अधिकारी कोर्ट में गवाही के लिए नहीं आ रहे हैं और नहीं आने की सूचना देना भी उचित नहीं समझते. इससे महसूस होता है कि अफसर न्यायालय के आदेशों की लगातार अवहेलना कर रहे हैं. जबकि पुलिस मुख्यालय ने 30 मार्च 2019 को एक सर्कुलर जारी कर कोर्ट के आदेशों का अपने अधिकारियों द्वारा हर हाल में पालन कराने के निर्देश दिए थे.
हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया गुना के हत्या के एक मामले की सुनवाई कर रहे थे. यह मामला अक्टूबर 2019 से हाईकोर्ट में पेंडिंग है. अफसरों को कई बार समन के जरिए कोर्ट में बुलाया गया है ताकि उनके बयान दर्ज किए जा सकें. अधिकारियों के नहीं आने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया जा चुका है. लेकिन हत्या जैसे संगीन मामले में भी अधिकारी कोर्ट को तथ्यों से अवगत कराने और मामले के जल्द निराकरण के प्रति रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इस पर कोर्ट ने डीजीपी से मामले में हस्तक्षेप कर लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम कसने की बात कही है.