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ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श शांतिधाम बनाने की शुरुआत - ग्वालियर जिला पंचायत सीईओ

ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार आदर्श शांतिधाम बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत की जा रही है.

ideal Shantidham was started in rural areas in Gwalior
आदर्श शांतिधाम बनाने की शुरुआत
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Published : Feb 25, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Feb 25, 2020, 9:15 PM IST

ग्वालियर। प्रदेश में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श शांतिधाम बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत ग्वालियर से की जा रही है. शांतिधाम में सर्व सुविधाओं के साथ-साथ शांतिधाम में वयस्कों की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को सरकारी योजना का लाभ तत्काल दिलाने के लिए पंजीयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

आदर्श शांतिधाम बनाने की शुरुआत

ग्वालियर जिला पंचायत सीईओ ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों की 256 पंचायतों के अंतर्गत आने वाले 400 से अधिक गांवों में मौजूद श्मशानघाटों को एक महीने में आदर्श शांतिधाम के रूप में संवारकर पर्यावरण मित्र बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इन श्मशानघाटों पर हरियाली, पानी और सड़क के साथ बैठने के लिए बेंच और बारिश में जगह सूखी रखने के लिए शवदाह स्थल के चारो ओर पक्का फर्श बनाया जाएगा.

शांतिधाम में दो चबूतरे बनाए जाएंगे, एक शवदाह करने के लिए और एक शव रखने के लिए. टीनशेड पूरी तरह मानक के अनुसार बनाया जाएगा. शांतिधाम को आदर्श बनाने का काम शुरू कर दिया गया है.

ग्वालियर के ग्रामीण इलाकों में श्मशानघाट नहीं होने की वजह से लोगों को खेतों में अंतिम संस्कार करना पड़ता है. बारिश के दौरान अंतिम संस्कार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब ग्रामीणों को जल्द ही समस्या से निजात मिलेगी.

ग्वालियर। प्रदेश में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श शांतिधाम बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत ग्वालियर से की जा रही है. शांतिधाम में सर्व सुविधाओं के साथ-साथ शांतिधाम में वयस्कों की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को सरकारी योजना का लाभ तत्काल दिलाने के लिए पंजीयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

आदर्श शांतिधाम बनाने की शुरुआत

ग्वालियर जिला पंचायत सीईओ ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों की 256 पंचायतों के अंतर्गत आने वाले 400 से अधिक गांवों में मौजूद श्मशानघाटों को एक महीने में आदर्श शांतिधाम के रूप में संवारकर पर्यावरण मित्र बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इन श्मशानघाटों पर हरियाली, पानी और सड़क के साथ बैठने के लिए बेंच और बारिश में जगह सूखी रखने के लिए शवदाह स्थल के चारो ओर पक्का फर्श बनाया जाएगा.

शांतिधाम में दो चबूतरे बनाए जाएंगे, एक शवदाह करने के लिए और एक शव रखने के लिए. टीनशेड पूरी तरह मानक के अनुसार बनाया जाएगा. शांतिधाम को आदर्श बनाने का काम शुरू कर दिया गया है.

ग्वालियर के ग्रामीण इलाकों में श्मशानघाट नहीं होने की वजह से लोगों को खेतों में अंतिम संस्कार करना पड़ता है. बारिश के दौरान अंतिम संस्कार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब ग्रामीणों को जल्द ही समस्या से निजात मिलेगी.

Last Updated : Feb 25, 2020, 9:15 PM IST
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