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हाईकोर्ट के आदेश की अधिकारियों ने की अनदेखी, अब देना होगा जवाब

एकता परिषद की पिटिशन पर हाईकोर्ट ने जिला लेवल पर कमेटी में गठित करने के निर्देश दिए थे. लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट ने 9 जिलों के कलेक्टरों से जवाब तलब किया है.

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Published : Nov 11, 2019, 8:35 PM IST

हाईकोर्ट ने कलेक्टरों से किया जवाब तलब

ग्वालियर। आदिवासियों के आवंटित जमीन पर अवैध कब्जा हो चुका है. इस मामले को लेकर 10 साल पहले एकता परिषद की तरफ से हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई गई, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को कमेटी का गठन कर भौतिक सत्यापन करवाने का आदेश दिया. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई. एकता परिषद की तरफ से हाईकोर्ट में पूरे मामले को लेकर रिट पिटिशन दायर किया गया है.

हाईकोर्ट ने कलेक्टरों से किया जवाब तलब

गौरतलब है कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद न तो प्रदेश सरकार ने जमीनों के भौतिक सत्यापन के लिए कमेटी का गठन किया और ना ही जिला स्तर पर कमेटी बनाई गई. इस पूरे मामले पर एकता परिषद ने अवमानना याचिका दायर की है. जिस पर हाईकोर्ट ने अब राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से 2 सप्ताह के अंदर जवाब तलब किया है और अपने आदेश की कंप्लायंस मांगी है.

अब प्रदेश सरकार और हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 9 जिलों के कलेक्टरों को भी इस मामले में अपना पक्ष न्यायालय में रखना होगा, कि उन्होंने कमेटियों का गठन अब तक क्यों नहीं किया है. दलित और आदिवासियों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए एकता परिषद लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रही है, उसने 2009 में इसी को याचिका दायर की थी.

ग्वालियर। आदिवासियों के आवंटित जमीन पर अवैध कब्जा हो चुका है. इस मामले को लेकर 10 साल पहले एकता परिषद की तरफ से हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई गई, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को कमेटी का गठन कर भौतिक सत्यापन करवाने का आदेश दिया. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई. एकता परिषद की तरफ से हाईकोर्ट में पूरे मामले को लेकर रिट पिटिशन दायर किया गया है.

हाईकोर्ट ने कलेक्टरों से किया जवाब तलब

गौरतलब है कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद न तो प्रदेश सरकार ने जमीनों के भौतिक सत्यापन के लिए कमेटी का गठन किया और ना ही जिला स्तर पर कमेटी बनाई गई. इस पूरे मामले पर एकता परिषद ने अवमानना याचिका दायर की है. जिस पर हाईकोर्ट ने अब राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से 2 सप्ताह के अंदर जवाब तलब किया है और अपने आदेश की कंप्लायंस मांगी है.

अब प्रदेश सरकार और हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 9 जिलों के कलेक्टरों को भी इस मामले में अपना पक्ष न्यायालय में रखना होगा, कि उन्होंने कमेटियों का गठन अब तक क्यों नहीं किया है. दलित और आदिवासियों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए एकता परिषद लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रही है, उसने 2009 में इसी को याचिका दायर की थी.

Intro:ग्वालियर
एकता परिषद द्वारा 10 साल से लंबित याचिका का अब तक निराकरण नहीं हो सका है एकता परिषद ने यह कहते हुए रिट पिटिशन दायर की थी कि सरकार द्वारा दलित और आदिवासियों के लिए आवंटित जमीन पर कई स्थानों पर दूसरे लोगों का कब्जा है इस पर हाईकोर्ट ने मामले की भौतिक सत्यापन के लिए प्रदेश और जिला लेवल पर कमेटी में गठित करने के निर्देश दिए थे जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।


Body:गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद न तो राज्य सरकार ने जमीनों के भौतिक सत्यापन के लिए कमेटी का गठन किया ना ही जिला स्तर पर कमेटी के बनाई गई इस पर एकता परिषद ने अवमानना याचिका दायर की थी जिस पर हाईकोर्ट ने अब राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से 2 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है और अपने आदेश की कंप्लायंस मांगी है।


Conclusion:अब राज्य सरकार और हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 9 जिले के कलेक्टर को भी इस मामले में अपना पक्ष न्यायालय में रखना होगा कि उन्होंने कमेटियों का गठन अब तक क्यों नहीं किया है ।दलित और आदिवासियों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए एकता परिषद लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रही है उसने 2009 में इसी को लेकर रिट पिटीशन दायर की थी। बाइट कुमारी सोनल याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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