ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने जीवाजी विश्वविद्यालय में प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक की भर्ती के मामले में कोर्ट के आदेश के तय समय सीमा में जांच पूरी नहीं करने पर डीजीपी विवेक जोहरी को अवमानना का नोटिस भेजा है. कोर्ट ने नोटीस में 4 सप्ताह के भीतर जवाब तलब करने को कहा है. जीवाजी विश्वविद्यालय में प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक की भर्ती के मामले में घोटाले का आरोप लगाया गया था. कार्यपरिषद के पूर्व सदस्य राजेंद्र यादव ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
- सीआईडी नहीं कर पाई जांच पूरी
हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2020 को सीआईडी को आदेश दिए थे कि शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में 8 सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाए, लेकिन सीआईडी ने ऐसा नहीं किया. गौरतलब है कि 2011 से लेकर 2013 तक प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई थी. इस मामले में शिकायतकर्ता राजेंद्र यादव ने राज्य शासन को भी शिकायत भेजी थी. जब इस मामले में जांच शुरू की गई तो यह मामला कार्यपरिषद की बैठक में उठाया गया. कार्यपरिषद ने इस मामले में एक प्रस्ताव पारित करते हुए सीआईडी को मामले की जांच का प्रस्ताव दिया था. सीआईडी ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की लेकिन उसे पूरी नहीं कर पाई.
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- 4 सप्ताह में देना होगा जवाब
दरअसल मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण इस जांच को विलंबित किया जाता रहा है. खास बात यह भी है कि केमिस्ट्री के पीएचडी धारक को पर्यावरण का प्रोफेसर बना दिया गया था. जिन लोगों की नियुक्तियां विवादों में है उनमें डॉक्टर नवनीत गरुढ़, डॉ रश्मि दाहिमा, डॉ मनोज शर्मा, डॉ मुकुल तेलंग, डॉक्टर सुमन जैन, डॉक्टर निमिषा जादौन, सपन पटेल, डॉक्टर सुशील मंडेरिया, हरेंद्र शर्मा, डॉक्टर महेंद्र गुप्ता, डॉक्टर स्वर्णा परमार, सुविज्ञा रमाशंकर, जनार्दन तिवारी, डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा, डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ और डॉ. गणेश दुबे शामिल है. 4 सप्ताह बाद डीजीपी को बताना होगा कि इस मामले में जब तक जांच पूरी क्यों नहीं की गई.