ग्वालियर। मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. पीड़ितों को केस दर्ज कराने में कैसी-कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि रेप पीड़ित महिलाओं को भी पुलिस भांति-भांति के तरीके से परेशान करती है. इसकी बानगी फिर देखने को मिली. जब हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान रेप पीड़िता युवती ने आपबीती सुनाई.
शादी का झांसा देकर हुआ था रेप : गौरतलब है कि अमनदीप कुशवाहा ने शादी का झांसा देकर युवती का दैहिक शोषण किया. इन दोनों की पहचान सोशल साइट से जरिए हुई थी. आरोपी को 14 मई को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन 2 जून को उसे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई. लड़की के मुताबिक वह निजी स्कूल में शिक्षिका थी. सबसे पहले वह माधवगंज थाने गई. वहां से गिरवाई, पड़ाव और बहोडापुर और फिर पड़ाव के चक्कर पुलिस अफसरों ने कटवाए. इसके बाद भी एफआईआर नहीं दर्ज की गई.
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एसपी ने दर्ज कराया था केस : जब एसपी से लड़की मिली, तब 4 फरवरी को केस दर्ज हुआ. पुलिस अफसरों पर इस मामले में समझौता करने का भी लड़की ने आरोप लगाया है. लड़की को बहोडापुर से पड़ाव थाने तक पैदल भी घुमाया गया. लड़की से उसकी आपबीती सुनने के बाद जस्टिस रोहित आर्य ने सरकारी अधिवक्ता को निर्देशित किया है कि वह इस मामले में पूरी जानकारी लें और किस अफसर ने युवती से अभद्रता की है, उसके खिलाफ विभाग ने क्या कार्रवाई की, यह भी पता लगाएं.