ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने प्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपना जवाब देने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि कुपोषण को लेकर अधिकारी यहां-वहां की बातें कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारी लेने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. लिहाजा हाईकोर्ट ने प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाते हुए उसे ठीक करार नहीं दिया है.
श्योपुर में कुछ साल पहले कुपोषण के चलते सहरिया आदिवासी परिवारों में हुई 100 से ज्यादा मौतों के चलते वकील एसके शर्मा ने कोर्ट में जनहित याचिक लगाई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार और प्रशासन इन मौतों को लेकर गंभीर नहीं है, जिसके चलते बच्चों की मौत हो रही है. वहीं हाल में ही कुछ मौतों को भी याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने रखा है. जिसे मीडिया रिपोर्ट में दिया गया था.
कोर्ट ने इस पर सरकारी वकील से तथ्यात्मक जानकारी देने के निर्देश दिए, लेकिन वे पहले पेश की गई रिपोर्ट को सही बताने की कोशिश करते नजर आए. याचिकाकर्ता ने एमपी के साथ बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत के बढ़ते आंकड़ों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. जिसके बाद कोर्ट ने अफसरों के दावे को बेतुका बताते हुए स्वास्थ्य आयुक्त को अगली सुनवाई में मौजूद रहने के आदेश दिए हैं. साथ ही कुपोषण से बच्चों की मौत के बारे में अपना जवाब पेश करने के लिए भी कहा है. बता दें इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी.