ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल के छह जिलों में संचालित 271 नर्सिंग कॉलेजों (271 Nursing College in Gwalior Chambal) की जांच होगी, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शील नागू और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने यह आदेश जारी किया है. सभी जिले में जांच के लिए कमीशन का गठन किया गया है, ये आयोग अपने-अपने जिले में संचालित नर्सिंग कॉलेज का औचक निरीक्षण करेंगे और दो माह के भीतर हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी.
याचिकाकर्ता एडवोकेट उमेश बोहरे ने नर्सिंग कॉलेज संचालकों के साथ ही मान्यता देने वाली संस्था की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, एडवोकेट ने बताया कि किसी भी नर्सिंग कॉलेज (Physical Verification of 271 Nursing Colleges) में 100 बेड का अस्पताल नहीं है, अप्रशिक्षित स्टाफ दिखावे के लिए पदस्थ किए गए हैं. कुछ नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं, जो तीन-चार कमरों के मकान में ही संचालित हो रहे हैं. यदि ये नर्सिंग कॉलेज नियमानुसार संचालित होते रहते तो कोरोना की दूसरी लहर में त्राहि-त्राही नहीं मचती.
याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन कॉलेज की सत्यता की जांच के लिए गठित आयोग में उच्च न्यायालय (High Court Constituted Commission for Physical Verification) के ओएसडी हितेंद्र द्विवेदी, अधिवक्ता संजय द्विवेदी, एडवोकेट विजय दत्त शर्मा शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, भिंड और दतिया जिले के संबंधित जिला न्यायाधीश या उनके प्रतिनिधि जोकि जिला अतिरिक्त न्यायाधीश के पद से नीचे नहीं होंगे, संबंधित जिले के कलेक्टर उनके प्रतिनिधि जोकि डिप्टी कलेक्टर रैंक का अधिकारी होगा, इन सबको शामिल किया गया है. आयोग चार सप्ताह के अंदर सभी नर्सिंग कॉलेजों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट पेश करेंगे, इन टीमों के साथ पिटीशनर भी मौजूद रहेगा.
आयोग यह करेगा जांच
- आयोग इन कॉलेजों की वैधानिकता की जांच करेगा
- नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य मानक संस्थान पूरा करते हैं या नहीं
- राज्य नर्सिंग परिषद, अधिनियम, संशोधन को भी ध्यान में रखा जाएगा
- निरीक्षण बिना बताए औचक किया जाएगा
- प्रकरण की सुनवाई 25 अक्टूबर 2021 को होगी