ग्वालियर। होली के त्योहार पर बाजारों में अलग-अलग प्रकार के रंग और गुलाल रौनक बिखेर रहे है, लेकिन बाजारों में मिलने वाले गुलाल सेहत पर भी बुरा असर डालते हैं, इसके कई प्रकार के साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं. शहर में प्रदेश की सबसे बड़ी आदर्श गौशाला में चुकंदर और फूलों से ऐसा गुलाल तैयार किया जा रहा है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक है. इसकी अनोखी खुशबू के साथ-साथ यह शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं डालता है. इसे घर पर भी आसानी से बना सकते हैं.
इस तरह बनाया जाता है चुकंदर का हर्बल गुलाल
चुकंदर का हर्बल गुलाल पूरी तरह से प्राकृतिक है. इस गुलाल का शरीर पर किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है. चुकंदर का हर्बल गुलाल बनाने के लिए सबसे पहले हम चुकंदर को बारीक-बारीक पीस में काटकर उसका जूस निकालते हैं. उसके बाद चुकंदर को सुखाने के लिए धूप में रख देते हैं. इसके बाद चुकंदर के जूस में स्टार्च को अच्छी तरीके से मिलाकर उसको धूप में सुखाने के लिए रख देते हैं. फिर उसे चार बार में बारीक पिसाई करते हैं. उसके बाद इसमें इत्र का उपयोग करते हैं, जिसके बाद चुकंदर का हर्बल गुलाल बनकर तैयार हो जाता है.
चुकंदर और पलाश के फूलों से बनाए गए हर्बल गुलाल शरीर पर किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं डालते है. आसानी से शरीर से छूट जाते है. साथ ही अगर गलती से हर्बल गुलाल आपके मुंह में चला भी जाता है, तो यह किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, पर बाजार में मिलने वाले गुलाल कई प्रकार के केमिकल से बनाए जाते हैं.
घर बैठकर आसानी से बना सकते हैं यह हर्बल गुलाल
यह हर्बल गुलाल घर बैठे आसानी से बनाया जा सकता हैं. इन गुलालों को बनाने के लिए किसी विशेष सामान की जरूरत नहीं पड़ती है. यही वजह है कि आप घर बैठकर 20 मिनट में चुकंदर और पलाश के फूलों का गुलाल आसानी से तैयार कर सकते हैं. खासकर यह गुलाल छोटे बच्चों के लिए काफी लाभदायक होता हैं.