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हेमंत कटारे ने जिला कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, 25 हजार के निजी मुचलके पर मिली जमानत

कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने जिला कोर्ट के सामने सरेंडर किया, जहां 25 हजार के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी गई है. कटारे पर एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया था. ग्वालियर हाईकोर्ट ने कटारे को फरार घोषित किया था.

हेमंत कटारे
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Published : Apr 9, 2019, 1:12 PM IST

भिण्ड। एससी-एसटी एक्ट के एक मामले में फरार चल रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने जिला कोर्ट में सरेंडर कर दिया. वहीं कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद 25 हजार के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत मिल गई.


हेमंत कटारे को ग्वालियर हाईकोर्ट ने फरार घोषित किया था. दरअसल 2 मई 2017 को थाना अटेर के खेरा गांव में रहने वाले कल्याण जाटव के साथ चुनावी रंजिश को लेकर कई बार मारपीट की गई थी. इस मारपीट में कल्याण जाटव को गंभीर चोटें आई थीं. पुलिस ने कल्याण जाटव की शिकायत पर आधा दर्जन लोगों पर एसटी-एससी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था. इसकी जांच तत्कालीन एसडीओपी इंद्रवीर सिंह भदौरिया को सौंपी गई थी.

हेमंत कटारे ने किया आत्मसमर्पण


एसडीओपी ने जांच के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे को आरोपी बनाया था. हेमंत कटारे की आपत्ति के बाद जब इस मामले की दोबारा जांच कराई गई, तो उन्हें पुलिस ने क्लीन चिट दे दी. पुलिस द्वारा हेमंत कटारे को क्लीन चिट देने के बाद फरियादी कल्याण जाटव ने ग्वालियर हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी.


हाईकोर्ट ने हेमंत कटारे को कोर्ट में पेशी के लिए वारंट जारी किया, लेकिन वे कोर्ट में मौजूद नहीं हुए. जिसके चलते कोर्ट ने हेमंत कटारे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था. हेमन्त कटारे ग्वालियर हाईकोर्ट पहुंचे और जमानत याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर उन्हें जिला न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया. जिसके बाद हेमंत कटारे ने कोर्ट में सरेंडर किया. जहां कोर्ट ने उन्हें 25 हजार के निजी मुचलके पर छोड़ दिया.

भिण्ड। एससी-एसटी एक्ट के एक मामले में फरार चल रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने जिला कोर्ट में सरेंडर कर दिया. वहीं कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद 25 हजार के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत मिल गई.


हेमंत कटारे को ग्वालियर हाईकोर्ट ने फरार घोषित किया था. दरअसल 2 मई 2017 को थाना अटेर के खेरा गांव में रहने वाले कल्याण जाटव के साथ चुनावी रंजिश को लेकर कई बार मारपीट की गई थी. इस मारपीट में कल्याण जाटव को गंभीर चोटें आई थीं. पुलिस ने कल्याण जाटव की शिकायत पर आधा दर्जन लोगों पर एसटी-एससी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था. इसकी जांच तत्कालीन एसडीओपी इंद्रवीर सिंह भदौरिया को सौंपी गई थी.

हेमंत कटारे ने किया आत्मसमर्पण


एसडीओपी ने जांच के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे को आरोपी बनाया था. हेमंत कटारे की आपत्ति के बाद जब इस मामले की दोबारा जांच कराई गई, तो उन्हें पुलिस ने क्लीन चिट दे दी. पुलिस द्वारा हेमंत कटारे को क्लीन चिट देने के बाद फरियादी कल्याण जाटव ने ग्वालियर हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी.


हाईकोर्ट ने हेमंत कटारे को कोर्ट में पेशी के लिए वारंट जारी किया, लेकिन वे कोर्ट में मौजूद नहीं हुए. जिसके चलते कोर्ट ने हेमंत कटारे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था. हेमन्त कटारे ग्वालियर हाईकोर्ट पहुंचे और जमानत याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर उन्हें जिला न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया. जिसके बाद हेमंत कटारे ने कोर्ट में सरेंडर किया. जहां कोर्ट ने उन्हें 25 हजार के निजी मुचलके पर छोड़ दिया.

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