ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दोहरे कत्ल और 80 लाख के जेवर गायब होने के मामले में पुलिस जांच पर गहरी नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने कहा है कि एक महीने के अंदर यदि पुलिस इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो मामले को सीबीआई के सुपुर्द करने पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. 28 अगस्त को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रदेश के महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव और ग्वालियर एसपी अमित सांघी को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने के निर्देश दिए थे. लेकिन पुलिस अधीक्षक अमित सांघी किसी कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव उपस्थित हुए और उन्होंने 2017 में पड़ाव थाने में दर्ज इस मामले में पुलिस विवेचना पर खुद ही हैरानी जताई.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एसआईटी का गठन कर दिया गया है और चार सप्ताह के भीतर इस मामले के बारे में कुछ जानकारी कोर्ट में पेश की जाएगी. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि पुलिस जांच से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो सीबीआई से जांच कराई जा सकती है. ऐसे में मध्यप्रदेश पुलिस को निराशा से बचना चाहिए.
दरअसल, उपनगर ग्वालियर थाना क्षेत्र में 32 साल पहले रमेश चंद्र गोयल और उनकी पत्नी बसंती देवी गोयल की डकैती में हत्या कर घर में रखे 80 लाख रुपए के गहने लूट लिए गए थे. इस मामले में एक डकैत को पुलिस ने पकड़ लिया था और उससे लूटे गए गहने बरामद किए थे, लेकिन यह गहने कोर्ट के मालखाने से आश्चर्यजनक ढंग से गायब हो गए.
इस मामले में तत्कालीन नाजिर के खिलाफ पड़ाव थाने में अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन तीन साल बाद भी मामला जस का तस बना हुआ है, इस सनसनीखेज मामले में 26 एडीजे तैनात रहे थे, जो माल खाना इंचार्ज रहते हैं. अब इन सभी पर जांच की तलवार लटकी हुई है.