ग्वालियर। हाई कोर्ट के आदेश पर लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन बहोड़ापुर थाना प्रभारी, सब इंस्पेक्टर, आरक्षक पर मामला दर्ज कर लिया है. सभी पर पद के दुरुपयोग सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है. बता दें, निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार करने के मामले में हाई कोर्ट ने बहोड़ापुर थाना प्रभारी दिनेश राजपूत, सब इंस्पेक्टर संजीता मिंज, आरक्षक अचल शर्मा पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.
उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक हर्जाने की राशि पीड़ित व्यक्ति को बतौर क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी. साथ ही 20 हजार रुपए का हर्जाना अलग से लगाया है. यह राशि हाई कोर्ट में याचिका दायर करने में आए खर्च के बदले में पीड़ित को मिलेंगे. पांच लाख रुपए में तीन लाख रुपए दिनेश राजपूत व एक-एक लाख रुपए संजीता मिंज व अचल शर्मा से 35 दिन में वसूल किए जाएंगे. पैसा उनके वेतन या अन्य फंड से वसूल कर पीड़ित को दिए जाएंगे. फिलहाल लोकायुक्त पुलिस ने तीनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है.
यह है पूरा मामला
बहोड़ापुर थाना पुलिस ने लक्ष्मण तलैया निवासी अरुण शर्मा को 14 अगस्त 2020 को गिरफ्तार कर उसे पांच हजार रुपए का इनामी बताते हुए मीडिया के सामने पेश कर दिया था. अरुण को फरार चिटफंडी घोषित कर दिया था. इंटरनेट मीडिया पर उसके फोटो व वीडियो वायरल कर दिए गए. जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि पुलिस ने एक निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अधीक्षक ने तत्कालीन थाना प्रभारी दिनेश राजपूत को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया था. इस पूरे मामले को लेकर अरुण शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने इस याचिका का अंतिम निराकरण करते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी, सब इंस्पेक्टर, आरक्षक पर पांच लाख रुपये का हर्जाना लगाया है.